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जेल में ही रहेंगे CM केजरीवाल, हाईकोर्ट ने जमानत देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक - Decision on Kejriwal Bail

दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को ट्रायल कोर्ट के जमानत देने के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. यानी सीएम अभी जेल में ही रहेंगे.

अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला आज
अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला आज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 25, 2024, 8:02 AM IST

Updated : Jun 25, 2024, 3:01 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी. मंगलवार को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत देने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देते हुए ED के सबूत पर गौर नहीं किया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 21 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. ED ने हाईकोर्ट में इस मामले पर लिखित दलीलें दाखिल कर केजरीवाल को मिली जमानत पर रोक लगाने की मांग की थी.

ईडी ने भी रखी अपनी दलीलः ईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश ही गलत है. ईडी के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और साक्ष्यों पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया और न ही कानून के मुताबिक फैसला दिया. ईडी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया औऱ फैसला कर दिया. ईडी ने कहा है कि उसने 13 आंगड़िया, गोवा के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया.

ईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसे जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लाऊंड्रिंग कानून की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया है. बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जमानत पर रोक की मांग पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा जबकि जमानत पर रोक की मांग पर उसी समय आदेश पारित कर दिया जाता है.

जानिए, पिछली सुनवाई में ईडी ने क्या कहा थाः ईडी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश गलत है. ईडी के मुताबिक, ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया और फैसला सुना दिया. गोवा के आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया गया.

साथ ही यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया गया है. बता दें, सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया है.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को नहीं मिली राहत, याचिका पर 26 जून को होगी सुनवाई

बता दें 20 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी. जमानत का जब फैसला सुनाया जा रहा था, तो ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट से बेल बॉन्ड भरने के लिए 48 घंटे का वक्त देने की मांग की थी, ताकि वे इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे सकें. इससे पहले 21 मार्च को हाईकोर्ट की ओर से केजरीवाल को कोई अंतरिम राहत नहीं मिलने पर शाम को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था.

यह भी पढ़ें- दिल्ली सरकार पर बरसे LG, बोले- शीला सरकार से विरासत में मिले थे 7 WTP, 1 लीटर भी वॉटर ट्रीटमेंट क्षमता नहीं बढ़ाई

नई दिल्लीः दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी. मंगलवार को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत देने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने जमानत देते हुए ED के सबूत पर गौर नहीं किया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 21 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. ED ने हाईकोर्ट में इस मामले पर लिखित दलीलें दाखिल कर केजरीवाल को मिली जमानत पर रोक लगाने की मांग की थी.

ईडी ने भी रखी अपनी दलीलः ईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश ही गलत है. ईडी के मुताबिक ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और साक्ष्यों पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया और न ही कानून के मुताबिक फैसला दिया. ईडी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया औऱ फैसला कर दिया. ईडी ने कहा है कि उसने 13 आंगड़िया, गोवा के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया.

ईडी ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उसे जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लाऊंड्रिंग कानून की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया है. बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि जमानत पर रोक की मांग पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा जबकि जमानत पर रोक की मांग पर उसी समय आदेश पारित कर दिया जाता है.

जानिए, पिछली सुनवाई में ईडी ने क्या कहा थाः ईडी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट का पूरा आदेश गलत है. ईडी के मुताबिक, ट्रायल कोर्ट ने ईडी की दलीलों और केजरीवाल के खिलाफ 2023 के बाद के जुटाए गए साक्ष्यों पर ध्यान नहीं किया और फैसला सुना दिया. गोवा के आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बयानों को अनदेखा करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का आदेश दिया गया.

साथ ही यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं देकर मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 के एक शर्त का उल्लंघन किया गया है. बता दें, सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश के खिलाफ केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया है.

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को नहीं मिली राहत, याचिका पर 26 जून को होगी सुनवाई

बता दें 20 जून को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी. जमानत का जब फैसला सुनाया जा रहा था, तो ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कोर्ट से बेल बॉन्ड भरने के लिए 48 घंटे का वक्त देने की मांग की थी, ताकि वे इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे सकें. इससे पहले 21 मार्च को हाईकोर्ट की ओर से केजरीवाल को कोई अंतरिम राहत नहीं मिलने पर शाम को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था.

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Last Updated : Jun 25, 2024, 3:01 PM IST
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