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साइबर किडनैपिंग : सावधान, आप भी हो सकते हैं इसके शिकार, जानें बचने के लिए क्या करें - Cyber Kidnapping Scam

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2024, 6:06 PM IST

Cyber Kidnapping Scam, साइबर अपराधियों द्वारा इन दिनों अपहरण करने का नाटक कर अभिभावकों से रुपए ऐंठ लिए जाने का मामला सामने आया है. इसको लेकर पुलिस के द्वारा लोगों को सतर्क रहने के साथ ही उसे सूचित करने के लिए कहा जा रहा है.

Cyber Kidnapping Scam
साइबर अपहरण घोटाला (प्रतीकात्मक फोटो-ETV Bharat)

हैदराबाद: साइबर अपराधियों के द्वारा रोजाना ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. ऐसा की एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों के द्वारा फर्जी अपहरण का नाटक करके अनजान परिवारों से रुपए ऐंठ लिए गए.

एक हालिया घटना ने साइबर घोटाले के बढ़ते खतरे को उजागर किया है, जिसे साइबर अपहरण के रूप में जाना जाता है. घटना के मुताबिक अलवाल निवासी एक युवक तिरुपति गया था और तिरुमाला स्थित बालाजी मंदिर में दर्शन के दौरान उसने अपना फोन होटल के कमरे में ही छोड़ दिया था. इसी का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधियों ने उसके माता-पिता से संपर्क किया और दावा किया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है. इस पर घबराए माता-पिता ने अपने बेटे को फोन करने की कोशिश की, लेकिन जब उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो वे और घबरा गए. हताशा की स्थिति में, उन्होंने फिरौती के रूप में अपराधियों को 50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए. हालांकि, जब धोखेबाजों ने और पैसे की मांग की, तो माता-पिता को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी.

गौरतलब है कि इस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है.वहीं कई माता-पिता इस तरह के हथकंडों का शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं अपराधी अक्सर उन परिवारों को निशाना बनाते हैं जिनके बच्चे नौकरी या शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) तकनीक का उपयोग करते हुए साइबर ठग कॉल को इस प्रकार करते हैं जिससे लगता है कि वह विदेशी नंबरों से आ रही है. इसकी वजह उनकी धमकियों में प्रामाणिकता को बल मिल जाता है. साथ ही वे पीड़ित के फोन का उपयोग उसके परिवार से संपर्क करने के लिए भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपहरण के बारे में और अधिक विश्वास हो सके.

पुलिस के मुताबिक ये अपराधी ट्रैवल एजेंसियों के पास पंजीकृत डेटा से यात्रा विवरण सहित व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बना सकते हैं. एक बार जब उनके पास यह जानकारी आ जाती है, तो वे अपनी धोखाधड़ी वाली योजनाएं शुरू कर देते हैं. साथ ही वह उन अभिभावकों के डर और चिंता का फायदा उठाते हैं जो अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेताब हैं.

अधिकारियों से संपर्क करें:

यदि आपके पास इस तरह की कोई कॉल आती है कि आपके बच्चे का अपहरण हो गया है, तो तुरंत 100 नंबर डायल करें और स्थानीय पुलिस को सूचित करें. इसके अलावा अपने बच्चे से सीधे संपर्क करने का प्रयास करें. यदि वे संपर्क में नहीं हैं, तो उनके शैक्षणिक संस्थानों या दोस्तों से संपर्क करके उसके ठिकाने की पुष्टि करें. समय क्षेत्र पर विचार: यदि आपका बच्चा विदेश में है और समय के अंतर के कारण जवाब नहीं देता है, तो उस क्षेत्र के स्थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करें जहां वह रहता है. अधिकारी लोगों से सतर्क रहने और कार्रवाई करने से पहले ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि करने का आग्रह कर रहे हैं. वहीं पुलिस इन मामलों की सक्रियता से जांच कर रही है और इस तरह के नए घोटाले के अपराधियों का पता लगाने के लिए काम कर रही है.

ये भी पढ़ें- गलती से भी अंजान शख्स को न दें मोबाइल, नहीं तो जीवनभर होगा पछतावा

हैदराबाद: साइबर अपराधियों के द्वारा रोजाना ठगी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. ऐसा की एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर अपराधियों के द्वारा फर्जी अपहरण का नाटक करके अनजान परिवारों से रुपए ऐंठ लिए गए.

एक हालिया घटना ने साइबर घोटाले के बढ़ते खतरे को उजागर किया है, जिसे साइबर अपहरण के रूप में जाना जाता है. घटना के मुताबिक अलवाल निवासी एक युवक तिरुपति गया था और तिरुमाला स्थित बालाजी मंदिर में दर्शन के दौरान उसने अपना फोन होटल के कमरे में ही छोड़ दिया था. इसी का फायदा उठाते हुए साइबर अपराधियों ने उसके माता-पिता से संपर्क किया और दावा किया कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है. इस पर घबराए माता-पिता ने अपने बेटे को फोन करने की कोशिश की, लेकिन जब उसने कोई जवाब नहीं दिया, तो वे और घबरा गए. हताशा की स्थिति में, उन्होंने फिरौती के रूप में अपराधियों को 50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए. हालांकि, जब धोखेबाजों ने और पैसे की मांग की, तो माता-पिता को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी.

गौरतलब है कि इस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है.वहीं कई माता-पिता इस तरह के हथकंडों का शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं अपराधी अक्सर उन परिवारों को निशाना बनाते हैं जिनके बच्चे नौकरी या शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VoIP) तकनीक का उपयोग करते हुए साइबर ठग कॉल को इस प्रकार करते हैं जिससे लगता है कि वह विदेशी नंबरों से आ रही है. इसकी वजह उनकी धमकियों में प्रामाणिकता को बल मिल जाता है. साथ ही वे पीड़ित के फोन का उपयोग उसके परिवार से संपर्क करने के लिए भी कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपहरण के बारे में और अधिक विश्वास हो सके.

पुलिस के मुताबिक ये अपराधी ट्रैवल एजेंसियों के पास पंजीकृत डेटा से यात्रा विवरण सहित व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंच बना सकते हैं. एक बार जब उनके पास यह जानकारी आ जाती है, तो वे अपनी धोखाधड़ी वाली योजनाएं शुरू कर देते हैं. साथ ही वह उन अभिभावकों के डर और चिंता का फायदा उठाते हैं जो अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेताब हैं.

अधिकारियों से संपर्क करें:

यदि आपके पास इस तरह की कोई कॉल आती है कि आपके बच्चे का अपहरण हो गया है, तो तुरंत 100 नंबर डायल करें और स्थानीय पुलिस को सूचित करें. इसके अलावा अपने बच्चे से सीधे संपर्क करने का प्रयास करें. यदि वे संपर्क में नहीं हैं, तो उनके शैक्षणिक संस्थानों या दोस्तों से संपर्क करके उसके ठिकाने की पुष्टि करें. समय क्षेत्र पर विचार: यदि आपका बच्चा विदेश में है और समय के अंतर के कारण जवाब नहीं देता है, तो उस क्षेत्र के स्थानीय प्राधिकारियों से संपर्क करें जहां वह रहता है. अधिकारी लोगों से सतर्क रहने और कार्रवाई करने से पहले ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि करने का आग्रह कर रहे हैं. वहीं पुलिस इन मामलों की सक्रियता से जांच कर रही है और इस तरह के नए घोटाले के अपराधियों का पता लगाने के लिए काम कर रही है.

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