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चारधाम यात्रा में अब तक 11 तीर्थयात्रियों की मौत, ड्यू डेट से पहले आने वाले वाहनों का परमिट होगा सस्पेंड - Uttarakhand Chardham Yatra 2024

Uttarakhand Chardham Yatra 2024 उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित भीड़ से सारी व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही है. लिहाजा, अब व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने की कवायद की जा रही है. इसी कड़ी में आज चारधाम यात्रा में आने वाली अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक उच्च स्तरीय बैठक ली. जिसमें कई कड़े निर्णय लिए गए. वहीं, अब तक 11 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है.

UTTARAKHAND CHARDHAM YATRA 2024
उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2024 (फोटो- रुद्रप्रयाग पुलिस/ईटीवी भारत ग्राफिक्स)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 15, 2024, 3:51 PM IST

Updated : May 15, 2024, 5:36 PM IST

जानकारी देते गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे (वीडियो- ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों-शोरों से चल रही है. चारों धामों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे सरकार एक तरफ उत्साहित है तो वहीं दूसरी तरफ चिंतित भी नजर आ रही है. क्योंकि, अत्यधिक श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही है. चारधाम यात्रा पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा किया गया.

रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करने पर वाहनों का परमिट होगा सस्पेंड: बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन यात्रियों को यात्रा के लिए जो तिथि निर्धारित की गई है, वो अगर रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करता है तो संबंधित वाहनों का परमिट सस्पेंड कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा चारधाम यात्रा में मरने वाली की संख्या भी बढ़ रही है. अभी तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहना है कि चारधाम की एक कैपेसिटी है. खासकर यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में यात्रियों की कैपेसिटी है. यमुनोत्री धाम का 5 किलोमीटर का जो ट्रेक है, वो काफी संकरी है. जिसके चलते लिमिटेड संख्या में भी यात्री जा सकते हैं. पिछले साल जब यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे, उस दौरान पहले दिन 6,838 यात्रियों ने दर्शन किया था.

इस साल यमुनोत्री धाम में पहले दिन 12,193 यात्रियों ने दर्शन किया. इसी तरह केदारनाथ धाम में पिछले साल कपाट खुलने के पहले दिन 18,335 यात्रियों ने दर्शन किया था, लेकिन इस साल कपाट खुलने के दौरान करीब 29 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. यानी पिछले साल की तुलना में पहले दिन ही दोगुने यात्रियों ने दर्शन किए.

पिछले साल की तुलना में इस साल करीब 75 फीसदी ज्यादा श्रद्धालु धामों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं, जो उत्तराखंड सरकार के लिए सौभाग्य की बात है, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती भी बनी हुई है. गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि यमुनोत्री धाम के लिए बुधवार की सुबह जानकी चट्टी से करीब 15,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए प्रस्थान किया था. जिसमें से सुबह 10 बजे तक 4,000 श्रद्धालु दर्शन भी कर चुके हैं.

इसी तरह सुबह 10 बजे तक गंगोत्री धाम में 3,902 श्रद्धालु, केदारनाथ धाम में 8,194 और बदरीनाथ धाम में 4,518 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगोत्री धाम जाने लगे तो कुछ यात्रियों को होल्ड किया गया. इन यात्रियों को उत्तरकाशी में बनाए गए होल्डिंग सेंटर में करीब 2 से 4 घंटे के लिए रोका गया.

उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में जहां श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है, उन जगहों पर टॉयलेट्स बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक या फिर कल सुबह तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या होने के चलते उन्हें होल्ड पर रखा जा रहा है. शुरुआती दौर में 8 से 10 घंटे तक श्रद्धालुओं को खोल रखा गया था, लेकिन वर्तमान समय में दो से चार घंटा तक श्रद्धालुओं को होल्ड पर रखा जा रहा है.

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण श्रद्धालुओं की सुरक्षा है. जिसके चलते सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी यात्रियों को दर्शन करा कर सुरक्षित वापस लौटाया जाए. हालांकि, जिन श्रद्धालुओं को होल्ड पर रखा जा रहा है, उनको तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है.

अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ क्यों बढ़ी? श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने की कई वजह सामने निकल कर आई है, जिसमें मुख्य रूप से जब ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू हुई, उस दौरान जिन श्रद्धालुओं को 10 दिन या 15 दिन बाद की डेट दी गई थी, वो श्रद्धालु भी रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही धामों में दर्शन करने के लिए रवाना हो गए.

ऐसे में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों के साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्री की एक साथ दर्शन करने पहुंच गए. जिसके चलते धामों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी. इसके अलावा स्थानीय श्रद्धालुओं की संख्या ने भी संख्या को और ज्यादा बढ़ा दिया. इस पर लगाम लगाए जाने को लेकर आरटीओ, एसडीएम और पुलिस को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वो रेंडम बेसिस पर इसकी भी चेकिंग करें कि जिन यात्रियों को यात्रा तिथि आगे की दी गई है, वो अभी यात्रा न करें.

अपने रजिस्ट्रेशन तिथि पर ही आएं, नहीं तो किया जाएगा होल्ड: उन्होंने कहा कि अगर ऐसे यात्री यात्रा पर जाते हैं तो उन यात्रियों को होल्ड किया जाएगा. साथ ही जिस टूर ऑपरेटर के जरिए यात्रा पर गए हैं, संबंधित टूर ऑपरेटर का न सिर्फ परमिट सस्पेंड किया जाएगा. बल्कि, परमानेंट बेसिस पर डिसेबल कर दिया जाएगा. ऐसे में फिर वो चार धामयात्रा में अपनी गाड़ी का संचालन नहीं कर सकेगा.

बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर न निकलें: इसके अलावा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को पत्र भेजने जा रही हैं. जिसमें संबंधित राज्यों से जो भी यात्री चारधाम की यात्रा पर आ रहे हैं, उनसे संबंधित एडवाइजरी अन्य राज्यों के जिलाधिकारी के माध्यम से जारी किए जाएं. ताकि, यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर ना निकलें.

विनय शंकर पांडे ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम की यात्रा अभी बहुत लंबी है. ऐसे में तत्काल यात्रा के लिए न निकलें. बल्कि, आराम से चारधाम की यात्रा पर आएं. ताकि, वो सुगम तरीके से चारधाम की यात्रा कर सकें. चारधाम यात्रा के सभी जिलाधिकारी और यात्रा मार्गों के जिलाधिकारी को इस बाबत भी निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिलों में होल्डिंग पॉइंट्स को चिन्हित किया जाए. जहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में यात्रियों और उनके वाहनों को रोका जा सके.

उत्तरकाशी जिले में कैंप लगाकर मॉनिटरिंग करेंगे आर मीनाक्षी सुंदरम: इस दौरान इसका भी विशेष ध्यान दें कि बेसिक जरूरत की सुविधा वहां उपलब्ध हो. चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को अगर होल्डिंग में रखा जाता है तो उन्हें मैसेज के जरिए इसकी सूचना दी जाएगी. इसके अलावा सचिव मुख्यमंत्री और आर मीनाक्षी सुंदरम को उत्तरकाशी जिले की जिम्मेदारी सौंप गई है. लिहाजा, मीनाक्षी सुंदरम उत्तरकाशी जिले में कैंप पर लगाकर व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे.

बिना हेल्थ स्क्रीनिंग के चारधाम की यात्रा न करें: गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 11 श्रद्धालुओं के मौत की सूचना मिली है. जब यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है तो उनसे अपनी हेल्थ स्क्रीनिंग करवाने को कहा जा रहा है. इसके लिए हेल्थ स्क्रीनिंग पॉइंट्स बनाए गए हैं, लेकिन कई बार जब कोई यात्री फिट नहीं पाया जाता है तो उसे यात्रा न करने का सुझाव दिया जाता है.

कुछ यात्री फिजिकली फिट न होने के बावजूद भी यात्रा पर आते हैं. ऐसे में जो फिजिकली फिट नहीं होते हैं, ऐसे यात्री जब अपनी मर्जी से यात्रा पर आते हैं तो उनसे एक फॉर्म भरा जाता है कि वो डॉक्टर के मना करने के बावजूद अपनी मर्जी से चारधाम की यात्रा पर जा रहे हैं. ऐसे में चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु डॉक्टर की सलाह को जरूर मानें.

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जानकारी देते गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे (वीडियो- ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों-शोरों से चल रही है. चारों धामों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे सरकार एक तरफ उत्साहित है तो वहीं दूसरी तरफ चिंतित भी नजर आ रही है. क्योंकि, अत्यधिक श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही है. चारधाम यात्रा पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा किया गया.

रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करने पर वाहनों का परमिट होगा सस्पेंड: बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन यात्रियों को यात्रा के लिए जो तिथि निर्धारित की गई है, वो अगर रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करता है तो संबंधित वाहनों का परमिट सस्पेंड कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा चारधाम यात्रा में मरने वाली की संख्या भी बढ़ रही है. अभी तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहना है कि चारधाम की एक कैपेसिटी है. खासकर यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में यात्रियों की कैपेसिटी है. यमुनोत्री धाम का 5 किलोमीटर का जो ट्रेक है, वो काफी संकरी है. जिसके चलते लिमिटेड संख्या में भी यात्री जा सकते हैं. पिछले साल जब यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे, उस दौरान पहले दिन 6,838 यात्रियों ने दर्शन किया था.

इस साल यमुनोत्री धाम में पहले दिन 12,193 यात्रियों ने दर्शन किया. इसी तरह केदारनाथ धाम में पिछले साल कपाट खुलने के पहले दिन 18,335 यात्रियों ने दर्शन किया था, लेकिन इस साल कपाट खुलने के दौरान करीब 29 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. यानी पिछले साल की तुलना में पहले दिन ही दोगुने यात्रियों ने दर्शन किए.

पिछले साल की तुलना में इस साल करीब 75 फीसदी ज्यादा श्रद्धालु धामों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं, जो उत्तराखंड सरकार के लिए सौभाग्य की बात है, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती भी बनी हुई है. गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि यमुनोत्री धाम के लिए बुधवार की सुबह जानकी चट्टी से करीब 15,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए प्रस्थान किया था. जिसमें से सुबह 10 बजे तक 4,000 श्रद्धालु दर्शन भी कर चुके हैं.

इसी तरह सुबह 10 बजे तक गंगोत्री धाम में 3,902 श्रद्धालु, केदारनाथ धाम में 8,194 और बदरीनाथ धाम में 4,518 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. ऐसे में जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगोत्री धाम जाने लगे तो कुछ यात्रियों को होल्ड किया गया. इन यात्रियों को उत्तरकाशी में बनाए गए होल्डिंग सेंटर में करीब 2 से 4 घंटे के लिए रोका गया.

उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में जहां श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है, उन जगहों पर टॉयलेट्स बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक या फिर कल सुबह तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या होने के चलते उन्हें होल्ड पर रखा जा रहा है. शुरुआती दौर में 8 से 10 घंटे तक श्रद्धालुओं को खोल रखा गया था, लेकिन वर्तमान समय में दो से चार घंटा तक श्रद्धालुओं को होल्ड पर रखा जा रहा है.

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण श्रद्धालुओं की सुरक्षा है. जिसके चलते सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी यात्रियों को दर्शन करा कर सुरक्षित वापस लौटाया जाए. हालांकि, जिन श्रद्धालुओं को होल्ड पर रखा जा रहा है, उनको तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है.

अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ क्यों बढ़ी? श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने की कई वजह सामने निकल कर आई है, जिसमें मुख्य रूप से जब ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू हुई, उस दौरान जिन श्रद्धालुओं को 10 दिन या 15 दिन बाद की डेट दी गई थी, वो श्रद्धालु भी रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही धामों में दर्शन करने के लिए रवाना हो गए.

ऐसे में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों के साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्री की एक साथ दर्शन करने पहुंच गए. जिसके चलते धामों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी. इसके अलावा स्थानीय श्रद्धालुओं की संख्या ने भी संख्या को और ज्यादा बढ़ा दिया. इस पर लगाम लगाए जाने को लेकर आरटीओ, एसडीएम और पुलिस को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वो रेंडम बेसिस पर इसकी भी चेकिंग करें कि जिन यात्रियों को यात्रा तिथि आगे की दी गई है, वो अभी यात्रा न करें.

अपने रजिस्ट्रेशन तिथि पर ही आएं, नहीं तो किया जाएगा होल्ड: उन्होंने कहा कि अगर ऐसे यात्री यात्रा पर जाते हैं तो उन यात्रियों को होल्ड किया जाएगा. साथ ही जिस टूर ऑपरेटर के जरिए यात्रा पर गए हैं, संबंधित टूर ऑपरेटर का न सिर्फ परमिट सस्पेंड किया जाएगा. बल्कि, परमानेंट बेसिस पर डिसेबल कर दिया जाएगा. ऐसे में फिर वो चार धामयात्रा में अपनी गाड़ी का संचालन नहीं कर सकेगा.

बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर न निकलें: इसके अलावा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को पत्र भेजने जा रही हैं. जिसमें संबंधित राज्यों से जो भी यात्री चारधाम की यात्रा पर आ रहे हैं, उनसे संबंधित एडवाइजरी अन्य राज्यों के जिलाधिकारी के माध्यम से जारी किए जाएं. ताकि, यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर ना निकलें.

विनय शंकर पांडे ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम की यात्रा अभी बहुत लंबी है. ऐसे में तत्काल यात्रा के लिए न निकलें. बल्कि, आराम से चारधाम की यात्रा पर आएं. ताकि, वो सुगम तरीके से चारधाम की यात्रा कर सकें. चारधाम यात्रा के सभी जिलाधिकारी और यात्रा मार्गों के जिलाधिकारी को इस बाबत भी निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिलों में होल्डिंग पॉइंट्स को चिन्हित किया जाए. जहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में यात्रियों और उनके वाहनों को रोका जा सके.

उत्तरकाशी जिले में कैंप लगाकर मॉनिटरिंग करेंगे आर मीनाक्षी सुंदरम: इस दौरान इसका भी विशेष ध्यान दें कि बेसिक जरूरत की सुविधा वहां उपलब्ध हो. चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को अगर होल्डिंग में रखा जाता है तो उन्हें मैसेज के जरिए इसकी सूचना दी जाएगी. इसके अलावा सचिव मुख्यमंत्री और आर मीनाक्षी सुंदरम को उत्तरकाशी जिले की जिम्मेदारी सौंप गई है. लिहाजा, मीनाक्षी सुंदरम उत्तरकाशी जिले में कैंप पर लगाकर व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे.

बिना हेल्थ स्क्रीनिंग के चारधाम की यात्रा न करें: गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 11 श्रद्धालुओं के मौत की सूचना मिली है. जब यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है तो उनसे अपनी हेल्थ स्क्रीनिंग करवाने को कहा जा रहा है. इसके लिए हेल्थ स्क्रीनिंग पॉइंट्स बनाए गए हैं, लेकिन कई बार जब कोई यात्री फिट नहीं पाया जाता है तो उसे यात्रा न करने का सुझाव दिया जाता है.

कुछ यात्री फिजिकली फिट न होने के बावजूद भी यात्रा पर आते हैं. ऐसे में जो फिजिकली फिट नहीं होते हैं, ऐसे यात्री जब अपनी मर्जी से यात्रा पर आते हैं तो उनसे एक फॉर्म भरा जाता है कि वो डॉक्टर के मना करने के बावजूद अपनी मर्जी से चारधाम की यात्रा पर जा रहे हैं. ऐसे में चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु डॉक्टर की सलाह को जरूर मानें.

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Last Updated : May 15, 2024, 5:36 PM IST
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