नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों से स्तब्ध केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) निगरानी और ऑपरेशन के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस यूएवी को अपनाकर अपने आतंकवाद विरोधी अभियान को और आगे ले जाने की तैयारी कर रही है. गृह मंत्रालय में हाल ही में हुई बैठक के बाद सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में एआई से लैस यूएवी तैनात करने का फैसला किया है. फिलहाल सेना ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है.
सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को ईटीवी भारत को बताया कि ये एआई-एनेबल यूएवी हथियारों, वाहनों और अन्य वस्तुओं की पहचान कर उन्हें निशाना बना सकते हैं. साथ ही यह रियल टाइम में डेटा प्रोसेस कर सकते हैं और बिना देरी के इसे कंट्रोल रूम में भेज सकते हैं."
240 यूएवी तैनात
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के परिचालन क्षेत्रों में लगभग 240 यूएवी तैनात किए गए हैं, जिनमें पुरानी तकनीक है और उनकी क्षमताएं सीमित हैं. ऐसे में एआई-एनेबल यूएवी निश्चित रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों को बूस्ट देंगे." अधिकारी के अनुसार, इन यूएवी को कम से कम मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी. ये एआई टेक्नोलॉजी के आधार पर बिना किसी देरी के निगरानी और ओपरेशन करने में भी सक्षम होंगे.
डोडा में आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि के बीच आंकड़ों से पता चला है कि पिछले 32 महीनों में जम्मू-कश्मीर में कार्रवाई के दौरान 48 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं. बीते सोमवार को भी डोडा जिले में हुए आतंकी हमले में सेना के एक कैप्टन समेत चार सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई.
तीन जिलों में जवानों की संख्या बढ़ाई गई
आतंकी घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को डोडा, पुंछ और राजौरी के पहाड़ी इलाकों को कवर करने के लिए कहा गया है, जहां आतंकी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है और आतंकवाद से निपटने के लिए क्षेत्रवार तैनाती की गई है. अधिकारी के अनुसार, इन तीन जिलों में जवानों की संख्या बहुत सीमित थी, लेकिन अब इन इलाकों में बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया जाएगा, साथ ही जरूरी वाहनों और हथियारों की भी व्यवस्था की जाएगी.
एक अन्य अधिकारी ने कहा,"इन तीन जिलों के सभी संवेदनशील स्थानों पर अगले कुछ हफ्तों में मजबूत सुरक्षा उपस्थिति स्थापित की जाएगी, जिसका बुनियादी मकसद एक अच्छी तरह से कोर्डिनेटिड सिक्योरिटी ग्रिड बनाना, इलाके पर नियंत्रण कड़ा करना और आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटना है."
अधिकारी ने बताया कि संशोधित रणनीति के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस मुख्य समन्वयकारी और अग्रणी बल होगी, जबकि सीआरपीएफ जमीन पर तैनात सैनिकों की संख्या में अग्रणी होगी. अधिकारी ने बताया, "इलाकों में राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) की रणनीतिक तैनाती होगी. सीमा के नजदीक के इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) तैनात रहेगा."
उन्होंने बताया कि सभी बल ऑपरेशन में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे और बहुत कम समय में सुदृढीकरण पहुंच जाएगा. अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) का समर्थन आतंकवादियों को हमले करने में मदद कर रहा है."
बता दें कि नई दिल्ली में गृह मंत्रालय में हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद से निपटने के लिए बेहतर अंतर-एजेंसी समन्वय बनाने को कहा था.
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