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सीपीआई-एम गुरुवार को जारी करेगी अपना चुनावी घोषणापत्र, कई मुद्दे करेगी उजागर - CPI M Election Manifesto - CPI M ELECTION MANIFESTO

चुनाव घोषणापत्र को कम से कम तीन भागों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें महिला सुरक्षा, एक नया कानून सुनिश्चित करना, जो न्यूनतम फसल की कीमतों की गारंटी देगा, आर्थिक संकट, समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला जाएगा. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी कई अन्य केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में घोषणापत्र जारी करेंगे. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 2, 2024, 7:25 PM IST

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी) गुरुवार को यहां नई दिल्ली में अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करेगी. सीपीआई-एम के सूत्रों ने मंगलवार को ईटीवी भारत को बताया कि कम से कम तीन भागों में वर्गीकृत घोषणापत्र में किसानों के मुद्दे, आर्थिक संकट, समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्य को सुनिश्चित करने जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला जाएगा.

पूर्व सांसद और सीपीआई-एम की चुनाव घोषणापत्र समिति के सदस्य हन्नान मोल्लाह ने कहा कि 'हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पर बड़े पैमाने पर हो रहे हमलों को उजागर करेंगे. इनमें सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर मीडियाकर्मियों और सरकार की आलोचना करने वालों पर हमले, आरएसएस और भाजपा की आलोचना करने वालों को राष्ट्र-विरोधी के रूप में अंधाधुंध ब्रांडिंग करना शामिल है.'

उन्होंने कहा कि 'लोकतांत्रिक असहमति का अपराधीकरण, सरकार द्वारा लक्षित लोगों जैसे दलित आदि के समर्थन में खड़े बुद्धिजीवियों का उत्पीड़न और धमकी को भी उजागर करना होगा.' मोल्ला ने कहा कि हाल के कुछ महीनों में हमने देखा है कि सत्तारूढ़ दल जांच एजेंसियों की मदद से मीडिया घरानों पर हमला करने में शामिल हो गया है.

मोल्ला के मुताबिक, घोषणापत्र वोट बैंक की राजनीति के कारण सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को भी उजागर करेगा. मोल्ला ने कहा कि 'सत्तारूढ़ दल (भाजपा) देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था को दरकिनार कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की आरएसएस की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है.'

उन्होंने दावा किया कि गोरक्षा या नैतिक पुलिसिंग की आड़ में निजी सेनाओं को संरक्षण देकर, भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय को आतंकित करने की कोशिश कर रही है. मोल्ला के अनुसार, सीपीआईएम चुनाव घोषणापत्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ बढ़ते अपराधों और हमलों को भी उजागर करेगा.

मोल्ला ने कहा कि 'महिलाओं, विशेषकर अल्पसंख्यक और दलित महिलाओं पर हिंसा में वृद्धि हुई है. हम आधिकारिक आंकड़ों से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर अपने दावे की पुष्टि करेंगे.' भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, बेरोजगारी जैसे मुद्दे कुछ अन्य प्रमुख मुद्दे हैं, जिन्हें घोषणापत्र में उजागर किया जाएगा.

मोल्ला ने कहा कि 'हम देश के समावेशी विकास के लिए वैकल्पिक नीतियां प्रदान करेंगे.' उन्होंने कहा कि 'हम सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देशों से अपील करते हैं कि वे बीजेपी को हराने और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आएं.' सीपीआई-एम और अन्य वामपंथी घटक इंडिया ब्लॉक मंच के सहयोगी हैं.

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा-मार्क्सवादी) गुरुवार को यहां नई दिल्ली में अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी करेगी. सीपीआई-एम के सूत्रों ने मंगलवार को ईटीवी भारत को बताया कि कम से कम तीन भागों में वर्गीकृत घोषणापत्र में किसानों के मुद्दे, आर्थिक संकट, समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा, बेरोजगारी के साथ-साथ भारतीय संविधान के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्य को सुनिश्चित करने जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला जाएगा.

पूर्व सांसद और सीपीआई-एम की चुनाव घोषणापत्र समिति के सदस्य हन्नान मोल्लाह ने कहा कि 'हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पर बड़े पैमाने पर हो रहे हमलों को उजागर करेंगे. इनमें सोशल मीडिया और अन्य जगहों पर मीडियाकर्मियों और सरकार की आलोचना करने वालों पर हमले, आरएसएस और भाजपा की आलोचना करने वालों को राष्ट्र-विरोधी के रूप में अंधाधुंध ब्रांडिंग करना शामिल है.'

उन्होंने कहा कि 'लोकतांत्रिक असहमति का अपराधीकरण, सरकार द्वारा लक्षित लोगों जैसे दलित आदि के समर्थन में खड़े बुद्धिजीवियों का उत्पीड़न और धमकी को भी उजागर करना होगा.' मोल्ला ने कहा कि हाल के कुछ महीनों में हमने देखा है कि सत्तारूढ़ दल जांच एजेंसियों की मदद से मीडिया घरानों पर हमला करने में शामिल हो गया है.

मोल्ला के मुताबिक, घोषणापत्र वोट बैंक की राजनीति के कारण सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को भी उजागर करेगा. मोल्ला ने कहा कि 'सत्तारूढ़ दल (भाजपा) देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था को दरकिनार कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की आरएसएस की विचारधारा को आगे बढ़ा रही है.'

उन्होंने दावा किया कि गोरक्षा या नैतिक पुलिसिंग की आड़ में निजी सेनाओं को संरक्षण देकर, भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय को आतंकित करने की कोशिश कर रही है. मोल्ला के अनुसार, सीपीआईएम चुनाव घोषणापत्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ बढ़ते अपराधों और हमलों को भी उजागर करेगा.

मोल्ला ने कहा कि 'महिलाओं, विशेषकर अल्पसंख्यक और दलित महिलाओं पर हिंसा में वृद्धि हुई है. हम आधिकारिक आंकड़ों से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर अपने दावे की पुष्टि करेंगे.' भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, बेरोजगारी जैसे मुद्दे कुछ अन्य प्रमुख मुद्दे हैं, जिन्हें घोषणापत्र में उजागर किया जाएगा.

मोल्ला ने कहा कि 'हम देश के समावेशी विकास के लिए वैकल्पिक नीतियां प्रदान करेंगे.' उन्होंने कहा कि 'हम सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देशों से अपील करते हैं कि वे बीजेपी को हराने और लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ आएं.' सीपीआई-एम और अन्य वामपंथी घटक इंडिया ब्लॉक मंच के सहयोगी हैं.

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