हैदराबाद : चीन के वुहान शहर से निकलकर कोविड-19 ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी. महाशक्ति हो या विकसित या विकासशील देश, कोविड के कहर से कोई नहीं बच पाया था. लॉकडाउन के कारण भारत में पर्यटन उद्योग, ऑटोमोबाइल उद्योग, ज्वेलरी उद्योग, भवन निर्माण उद्योग, परिवहन, पेट्रोलियम, सहित कई उद्योगों लगभग पूरी तरह से ठप हो गया. इसके अलावा कई निजी कंपनियों में व्यापक छंटनियां हुई. कई स्टार्टअप ग्रो करने से पहले बंद हो गये. इसका सीधा असर सभी सेक्टर की नौकरियों पर भी पड़ा. लोगों को जीवन जीने, इलाज व अन्य आवश्यक कामों के लिए अपनी जमा पूंजी खर्च करनी पड़ी. कीमती सामग्री औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ी. अंततः वित्तीय बाजार/निवेश बाजार पूरी तरह ठप हो गया. इसका असर केंद्र और राज्य सरकारों के कर संग्रह पर भी पड़ा, जिससे विकास का काम ठप रहा.
भारत में 24 मार्च 2024 तक कोविड के मामलों का अपडेट
- कोविड से मौतें -533539
- कोविड के एक्टिव मामले-916
- डिस्चार्ज कोविड मरीज-44499189
- कोविड वैक्सीन लेने वाले-2206871337
श्रोत : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
कोविड के बाद भारत में लॉकडाउन
- फेज वनः 24 मार्च से 25 अप्रैल 2020- (21 दिन)
- फेज टू: 15 अप्रैल से 3 मई 2020 - (19 दिन)
- फेज थ्रीः 04-17 मई 2020- (14 दिन)
- फेज फोरः 18-31 मई 2020 (14 दिन)
कोविड एक नजर में
- दिसंबर 2019 में चीन में नॉवेल कोरोना वायरस से संबंधित मामला पाया गया.
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जनवरी 2020 में निमोनिया जैसी एक बीमारी के प्रसार की जानकारी सभी देशों के साथ साझा किया गया.
- 8 जनवरी 2020 को चीन के बुहान में कोविड के प्रकोप की आधिकारिक खबर के बाद से इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दिया था.
- 30 जनवरी 2020 को भारत के केरल राज्य में कोविड-19 के पहले मामले की पुष्टि हुई.
- 30 जनवरी 2020 को ही कोविड की भयावह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित किया गया था. इसके बाद इसके नियंत्रण के लिए कई कदम उठाने का अधिकार मिल गया.
- 12 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोरोना की समस्या को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया.
- 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू किया गया था. इसकी घोषणा 19 मार्च 2020 को किया गया था.
- पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च 2020 की देर रात से 21 दिनों के लिए तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन लगाने का एलान किया था. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से देश स्तर पर लॉकडाउन में एक रूपता लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से लागू करने की जरूरत बताया गया. बता दें कि इससे पहले कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने यहां लॉकडाउन लागू कर दिया था.
- लॉकडाउन फेज टू में 15 अप्रैल 2020 से लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया था.
- लॉकडाउन फेज थ्री में 04-17 मई 2020- (14 दिन) के लिए बढ़ा दिया गया.
- लॉकडाउन फेज फोर में 18-31 मई 2020 (14 दिन) के लिए बढ़ाया गया था.
लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी का स्तर 23.5 फीसदी तक पहुंचा था
- पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को लेकर अपने संबोधन में कहा था कि इसमें कोई शक नहीं है कि राष्ट्र को लॉकडाउन की आर्थिक कीमत भी चुकानी पड़ेगी. लेकिन इस समय मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता...हर भारतीय की जान बचाना है.
- उनका अंदेशा सच साबित हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लॉकडाउन वाले तिमाही में भारत की जीडीपी में 24 फीसदी की गिरावट देखी गई. अगले साल विकास दर माइनस (नकरात्मक) में पहुंच गया.
- सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन एकॉनमी यानि CMIE की रिपोर्ट के अनुसार देश में व्यापक पैमाने पर छंटनी की गई. सीएमआईई के अनुसार 2020 में देश में बेरोजगारी की दर 8.7 फीसदी तक पहुंच गई.
- अप्रैल 2020 में बेरोजगारी अपने शीर्ष स्तर पर पहुंच गई थी, उस समय दर 23.5 फीसदी के करीब था.
- 2021 के फरवरी में बेरोजगारी की दर में काफी सुधार हुआ, यह 6.9 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया.
- बेरोजगारी का सबसे ज्यादा असर अपने इलाके से बाहर दैनिक मजदूरी करने वाले परिवारों पर पड़ा. बिना साधन के अपने-अपने घरों बिना भोजन-पानी के पैदल लौटने पर मजबूर होना पड़ा.
- भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार लॉकडाउन के दौरान एक करोड़ प्रवासी मजदूरों को अपने घरों को लौटना पड़ा था. वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या सरकारी आंकड़ों से काफी ज्यादा है,
- वहीं सरकार की ओर से दावा किया गया एक करोड़ में से 63.07 लाख लोगों को सरकार की ओर से वापस पहुंचाया गया था.
- बीबीसी हिंदी ने मीडिया रिपोर्ट्स के विश्लेषण के आधार पर पाया था कि लॉकडाउन के दौरान घर वापस लौटने के दौरान 300 लोग मारे गये थे.
- रास्ते में मारे गये ज्यादातर लोग भोजन-पानी की कमी, थकान या हादसों के शिकार होने के बाद संभल नहीं पाये.