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आशा किरण शेल्टर होम केसः LG ने एक सप्ताह के भीतर मांगी रिपोर्ट, NCW अध्यक्ष बोलीं- मौत के लिए AAP जिम्मेदार - ASHA KIRAN SHELTER HOME DEATH CASE

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 2, 2024, 5:56 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 6:49 PM IST

Death in Asha Kiran Shelter Home: दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण शेल्टर होम में मौत को लेकर एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को आशा किरण शेल्टर सहित दिल्ली सरकार के सभी आश्रय गृहों के मामलों की व्यापक जांच के निर्देश दिए और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है.

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नई दिल्ली: दिल्ली के एक शेल्टर होम में बीते 20 दिनों में 14 लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया है. इस हादसे के लिए एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इस मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी से जिम्मेदारी लेने की मांग की है. उन्होंने कहा, "पानी दूषित है. फिल्टर लगाए नहीं गए हैं. अधिकांश मौतें डायरिया से हुई है. जहां पर केवल 250 महिलाओं के रहने की जगह है, वहां पर 495 लोग रह रहे हैं. इतनी मौतें होने के बाद कुछ लोगों को निकाला गया है."

शर्मा ने कहा, "पिछले 2 महीने से यहां शौचालय नहीं हैं. केवल 100 लोगों के लिए शौचालय हैं जिसे लगभग 500 लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. आप सोच सकते हैं कि कितनी बड़ी लापरवाही है. यहां की कर्ता-धर्ता CMO का कहना है कि उन्होंने इन समस्याओं को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उसका सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. आने-जाने के लिए कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं किया गया है. जो भी कार्यकर्ता हैं उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं किया गया है. उन्हें बस नौकरी पर रख लिया गया है."

NCPCR ने भेजा नोटिसः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, "हमने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात की है. उनसे विस्तृत जानकारी ली है. उन्होंने फोन पर एक नाबालिग की मौत की पुष्टि की है. हम दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं कि वह हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य विवरण उपलब्ध कराए, ताकि मौत का कारण पता चल सके. हमें जो जवाब मिलेगा, उसके आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे.

उन्होंने कहा कि NCPCR ने एक पोर्टल, एक मॉनिटरिंग ऐप बनाया है और हमने दिल्ली सरकार को इसकी एक्सेस दे दी है. उनसे अनुरोध है कि वे दिल्ली में बाल गृहों के निरीक्षण की रिपोर्ट उसी पर अपलोड करें. दुर्भाग्य से, दिल्ली सरकार बाल गृहों के निरीक्षण के मामले में उदासीन है. वे निरीक्षण नहीं करते. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो अनियमितताएं होंगी और ऐसी घटनाएं होती रहेंगी."

मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगीः वहीं, आज राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल दिल्ली के आशा किरण आश्रय गृह का दौरा किया. इससे पहले उन्होंने कहा था, "दिल्ली सरकार 'आशा किरण' नाम का शेल्टर होम चलाती है. इसमें मानसिक रूप से बीमार महिलाएं और बच्चे रहते हैं. इस शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 14 मौतें रहस्यमयी कारणों से हुई हैं. मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं तब भी यहां 2 महीनों में 11 रहस्यमयी मौतें हुई थीं. मैंने यहां जाकर निरीक्षण किया था और बहुत बुरे हालात पाए थे. वहां पर महिलाएं रेंग कर बाथरूम जाने पर मजबूर हैं. कई छोटे बच्चों को अपने बिस्तरों में शौच करना पड़ रहा था. डॉक्टरों की भी कमी थी. हमने कठोर रिपोर्ट बनाकर दिल्ली सरकार को दी. तब भी कुछ जांच हुई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी. इस मामले में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगी."

AAP ने दिल्ली को दुखद स्थिति में लायाः भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "दिल्ली में सांस लेना भारी पड़ रहा है. आशा किरण में मानसिक रूप से विकलांग लोगों को रखा जाता है. सूचना मिली है कि वहां बच्चों को ठीक से खाना नहीं दिया जाता है, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें इलाज नहीं दिया जाता. आम आदमी पार्टी को अपने पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. इस तरह के समाचार रोज आते हैं. आम आदमी पार्टी जो कहती है वो करती कहां है?. आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को बहुत ही दुखद स्थिति में ला दिया है. दिल्ली को बचाने के लिए ऐसे लोगों को पद से हटाना बहुत ही आवश्यक है."

यह भी पढ़ें- दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में 14 बच्चों की मौत, सरकार ने 48 घंटे में मांगी र‍िपोर्ट

LG वीके सक्सेना ने दिए जांच के निर्देशः दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को रोहिणी में आशा किरण सुविधा में रहने वालों की मौतों सहित दिल्ली सरकार के सभी आश्रय गृहों के मामलों की व्यापक जांच के निर्देश दिए और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी. राज निवास ने एक बयान में कहा कि उन्होंने आशा किरण आश्रय गृह के मृतक रहने वालों के माता-पिता या अभिभावकों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए कहा है. एलजी ने समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विभाग और डीयूएसआईबी द्वारा संचालित सभी आश्रय गृहों के संचालन पर एक श्वेत पत्र तैयार करने और तीन सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने को कहा है, जिसमें व्यय, सुविधाएं, रहने वालों की संख्या.

मानसिक रूप से विकलांग लोगों के लिए है शेल्टरः "आशा किरण "मानसिक रूप से विकलांग" लोगों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एक सुविधा है और यह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आती है. राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद विभाग फिलहाल बिना किसी प्रमुख के है."

यह भी पढ़ें- नाले में गिरकर मां-बच्चे की मौत: AAP ने की जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई व परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग

नई दिल्ली: दिल्ली के एक शेल्टर होम में बीते 20 दिनों में 14 लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया है. इस हादसे के लिए एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इस मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी से जिम्मेदारी लेने की मांग की है. उन्होंने कहा, "पानी दूषित है. फिल्टर लगाए नहीं गए हैं. अधिकांश मौतें डायरिया से हुई है. जहां पर केवल 250 महिलाओं के रहने की जगह है, वहां पर 495 लोग रह रहे हैं. इतनी मौतें होने के बाद कुछ लोगों को निकाला गया है."

शर्मा ने कहा, "पिछले 2 महीने से यहां शौचालय नहीं हैं. केवल 100 लोगों के लिए शौचालय हैं जिसे लगभग 500 लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. आप सोच सकते हैं कि कितनी बड़ी लापरवाही है. यहां की कर्ता-धर्ता CMO का कहना है कि उन्होंने इन समस्याओं को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उसका सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. आने-जाने के लिए कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं किया गया है. जो भी कार्यकर्ता हैं उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं किया गया है. उन्हें बस नौकरी पर रख लिया गया है."

NCPCR ने भेजा नोटिसः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, "हमने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात की है. उनसे विस्तृत जानकारी ली है. उन्होंने फोन पर एक नाबालिग की मौत की पुष्टि की है. हम दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं कि वह हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य विवरण उपलब्ध कराए, ताकि मौत का कारण पता चल सके. हमें जो जवाब मिलेगा, उसके आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे.

उन्होंने कहा कि NCPCR ने एक पोर्टल, एक मॉनिटरिंग ऐप बनाया है और हमने दिल्ली सरकार को इसकी एक्सेस दे दी है. उनसे अनुरोध है कि वे दिल्ली में बाल गृहों के निरीक्षण की रिपोर्ट उसी पर अपलोड करें. दुर्भाग्य से, दिल्ली सरकार बाल गृहों के निरीक्षण के मामले में उदासीन है. वे निरीक्षण नहीं करते. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो अनियमितताएं होंगी और ऐसी घटनाएं होती रहेंगी."

मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगीः वहीं, आज राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल दिल्ली के आशा किरण आश्रय गृह का दौरा किया. इससे पहले उन्होंने कहा था, "दिल्ली सरकार 'आशा किरण' नाम का शेल्टर होम चलाती है. इसमें मानसिक रूप से बीमार महिलाएं और बच्चे रहते हैं. इस शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 14 मौतें रहस्यमयी कारणों से हुई हैं. मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं तब भी यहां 2 महीनों में 11 रहस्यमयी मौतें हुई थीं. मैंने यहां जाकर निरीक्षण किया था और बहुत बुरे हालात पाए थे. वहां पर महिलाएं रेंग कर बाथरूम जाने पर मजबूर हैं. कई छोटे बच्चों को अपने बिस्तरों में शौच करना पड़ रहा था. डॉक्टरों की भी कमी थी. हमने कठोर रिपोर्ट बनाकर दिल्ली सरकार को दी. तब भी कुछ जांच हुई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी. इस मामले में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगी."

AAP ने दिल्ली को दुखद स्थिति में लायाः भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "दिल्ली में सांस लेना भारी पड़ रहा है. आशा किरण में मानसिक रूप से विकलांग लोगों को रखा जाता है. सूचना मिली है कि वहां बच्चों को ठीक से खाना नहीं दिया जाता है, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं तो उन्हें इलाज नहीं दिया जाता. आम आदमी पार्टी को अपने पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. इस तरह के समाचार रोज आते हैं. आम आदमी पार्टी जो कहती है वो करती कहां है?. आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को बहुत ही दुखद स्थिति में ला दिया है. दिल्ली को बचाने के लिए ऐसे लोगों को पद से हटाना बहुत ही आवश्यक है."

यह भी पढ़ें- दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में 14 बच्चों की मौत, सरकार ने 48 घंटे में मांगी र‍िपोर्ट

LG वीके सक्सेना ने दिए जांच के निर्देशः दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को रोहिणी में आशा किरण सुविधा में रहने वालों की मौतों सहित दिल्ली सरकार के सभी आश्रय गृहों के मामलों की व्यापक जांच के निर्देश दिए और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी. राज निवास ने एक बयान में कहा कि उन्होंने आशा किरण आश्रय गृह के मृतक रहने वालों के माता-पिता या अभिभावकों को पर्याप्त मुआवजा देने के लिए कहा है. एलजी ने समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विभाग और डीयूएसआईबी द्वारा संचालित सभी आश्रय गृहों के संचालन पर एक श्वेत पत्र तैयार करने और तीन सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने को कहा है, जिसमें व्यय, सुविधाएं, रहने वालों की संख्या.

मानसिक रूप से विकलांग लोगों के लिए है शेल्टरः "आशा किरण "मानसिक रूप से विकलांग" लोगों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एक सुविधा है और यह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आती है. राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद विभाग फिलहाल बिना किसी प्रमुख के है."

यह भी पढ़ें- नाले में गिरकर मां-बच्चे की मौत: AAP ने की जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई व परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग

Last Updated : Aug 2, 2024, 6:49 PM IST
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