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'जमात-ए-इस्लामी RSS का इस्लामिक प्रतिरूप', केरल के CM विजयन ने मुस्लिम लीग को चेताया

केरल के सीएम विजयन ने जमात-ए-इस्लामी की तुलना आरएसएस करते हुए कहा कि यह खिलाफत की स्थापना की दिशा में काम करने वाला संगठन है.

Controversy Over Kerala CM Pinarayi Vijayan Remarks Comparing RSS And Jamaat-e-Islami
केरल के सीएम विजयन (File Photo - ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी और आरएसएस के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य पीजे राजन की पुस्तक के विमोचन के दौरान उन्होंने जमात-ए-इस्लामी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का 'इस्लामिक संस्करण' बताया.

सीएम विजयन ने जमात-ए-इस्लामी को 'इस्लामिक दुनिया' या खिलाफत की स्थापना की दिशा में काम करने वाला 'धार्मिक पुनरुत्थानवादी संगठन' करार दिया.

विजयन ने जमात-ए-इस्लामी की तुलना इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) से की. उन्होंने आईयूएमएल को एक 'सुधारवादी संगठन' बताया, जिसने कम्युनिस्टों को हराने के लिए जमात के साथ गठबंधन किया है.

विजयन ने कोझिकोड में पुस्तक का विमोचन करने के बाद कहा, "मुस्लिम लीग और जमात-ए-इस्लामी को एक ही नजरिए से देखना सही नहीं है. जमात-ए-इस्लामी एक ऐसा आंदोलन है जिसमें धार्मिक साम्राज्यवाद है. इसका मूल उद्देश्य एक इस्लामी दुनिया का निर्माण करना है. हम यह नहीं कह सकते कि मुस्लिम लीग का ऐसा कोई उद्देश्य है. मुस्लिम लीग एक सुधारवादी संगठन है. लेकिन जमात-ए-इस्लामी एक पुनरुत्थानवादी आंदोलन है."

उन्होंने कहा कि आईयूएमएल ब्रिटिश काल के दौरान अपनी स्थापना के समय से ही सामाजिक सुधारों में शामिल रहा है.

'जमात के मिस्र में ब्रदरहुड के साथ संबंध'
उन्होंने दावा किया, "मुस्लिम लीग की राजनीतिक गतिविधियां देश के भीतर सीमित हैं, जबकि जमात दुनिया को इस्लाम के अनुसार बदलने के लिए काम करती है. मुस्लिम लीग के भारत के बाहर कोई सहयोगी नहीं है. लेकिन जमात के यमन में शिया चरमपंथियों और मिस्र में ब्रदरहुड के साथ संबंध हैं."

अप्रासंगिक हो जाएगी आईयूएमएल
उन्होंने कहा कि आईयूएमएल को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह धार्मिक चरमपंथियों या आतंकी समूहों के साथ सहयोग नहीं करेगी, लेकिन वह ऐसा करने में असमर्थ है. उन्होंने कहा, "ऐसे गठबंधनों से लीग अप्रासंगिक हो जाएगी और संघ परिवार के लिए राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण को मजबूत करना आसान हो जाएगा."

मुख्यमंत्री विजयन की यह टिप्पणी केरल की जटिल राजनीति में जमात-ए-इस्लामी और कम्युनिस्टों के बीच महत्वपूर्ण वैचारिक मतभेद को दर्शाती है. हालांकि, जमात के कुछ सदस्य अब कम्युनिस्ट और समाजवादी विचारों का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन सीएम विजयन का मानना है कि जमान की कम्युनिस्ट विरोध की तीव्रता में कोई कमी नहीं आई है.

यह भी पढ़ें- कौन हैं महमूद फारूकी, IIT बॉम्बे में उनके शो को लेकर क्यों हुआ हंगामा, क्या हैं आरोप, जानें सबकुछ

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हाल ही में जमात-ए-इस्लामी और आरएसएस के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्य पीजे राजन की पुस्तक के विमोचन के दौरान उन्होंने जमात-ए-इस्लामी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का 'इस्लामिक संस्करण' बताया.

सीएम विजयन ने जमात-ए-इस्लामी को 'इस्लामिक दुनिया' या खिलाफत की स्थापना की दिशा में काम करने वाला 'धार्मिक पुनरुत्थानवादी संगठन' करार दिया.

विजयन ने जमात-ए-इस्लामी की तुलना इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) से की. उन्होंने आईयूएमएल को एक 'सुधारवादी संगठन' बताया, जिसने कम्युनिस्टों को हराने के लिए जमात के साथ गठबंधन किया है.

विजयन ने कोझिकोड में पुस्तक का विमोचन करने के बाद कहा, "मुस्लिम लीग और जमात-ए-इस्लामी को एक ही नजरिए से देखना सही नहीं है. जमात-ए-इस्लामी एक ऐसा आंदोलन है जिसमें धार्मिक साम्राज्यवाद है. इसका मूल उद्देश्य एक इस्लामी दुनिया का निर्माण करना है. हम यह नहीं कह सकते कि मुस्लिम लीग का ऐसा कोई उद्देश्य है. मुस्लिम लीग एक सुधारवादी संगठन है. लेकिन जमात-ए-इस्लामी एक पुनरुत्थानवादी आंदोलन है."

उन्होंने कहा कि आईयूएमएल ब्रिटिश काल के दौरान अपनी स्थापना के समय से ही सामाजिक सुधारों में शामिल रहा है.

'जमात के मिस्र में ब्रदरहुड के साथ संबंध'
उन्होंने दावा किया, "मुस्लिम लीग की राजनीतिक गतिविधियां देश के भीतर सीमित हैं, जबकि जमात दुनिया को इस्लाम के अनुसार बदलने के लिए काम करती है. मुस्लिम लीग के भारत के बाहर कोई सहयोगी नहीं है. लेकिन जमात के यमन में शिया चरमपंथियों और मिस्र में ब्रदरहुड के साथ संबंध हैं."

अप्रासंगिक हो जाएगी आईयूएमएल
उन्होंने कहा कि आईयूएमएल को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह धार्मिक चरमपंथियों या आतंकी समूहों के साथ सहयोग नहीं करेगी, लेकिन वह ऐसा करने में असमर्थ है. उन्होंने कहा, "ऐसे गठबंधनों से लीग अप्रासंगिक हो जाएगी और संघ परिवार के लिए राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण को मजबूत करना आसान हो जाएगा."

मुख्यमंत्री विजयन की यह टिप्पणी केरल की जटिल राजनीति में जमात-ए-इस्लामी और कम्युनिस्टों के बीच महत्वपूर्ण वैचारिक मतभेद को दर्शाती है. हालांकि, जमात के कुछ सदस्य अब कम्युनिस्ट और समाजवादी विचारों का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन सीएम विजयन का मानना है कि जमान की कम्युनिस्ट विरोध की तीव्रता में कोई कमी नहीं आई है.

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