नई दिल्ली: कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए 2019 में प्रियंका गांधी द्वारा तैयार की गई योजना को लागू करेगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि अपने संगठन को मजबूत करके, कांग्रेस का लक्ष्य प्रमुख राज्य में इंडिया ब्लॉक को मजबूत करना भी है.
अचानक कदम उठाते हुए 5 दिसंबर की रात को पीसीसी से ब्लॉक स्तर तक की पूरी स्टेट यूनिट को भंग करने के बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 दिसंबर को एआईसीसी टीम को 14 जनवरी, 2025 तक सभी पार्टी समितियों को फिर से संगठित करने का निर्देश दिया. नई समितियों के बनने तक, सभी मौजूदा पदाधिकारियों को कार्यवाहक कर्मचारियों के रूप में अपने पदों पर बने रहने के लिए कहा गया है.
2024 के लोकसभा चुनाव इंडिया ब्लॉक के लिए एक बूस्टर थे, जिसने भाजपा शासित राज्य में 80 लोकसभा सीटों में से 43 पर जीत हासिल की. अच्छी बात यह है यूपी से लोकसभा में देश की सबसे पुरानी पार्टी के छह सदस्य हैं, लेकिन संगठनात्मक मुद्दों के कारण कांग्रेस को हाल ही में हुए 9 विधानसभा उपचुनावों में भाग नहीं लिया.
2027 विधानसभा चुनावों को किया लक्ष्य
2027 के विधानसभा चुनावों को लक्ष्य बनाकर काम शुरू करने के साथ ही पार्टी को एहसास हो गया कि 2026 में उसे स्थानीय निकाय चुनावों का सामना करना पड़ेगा, जो इंडिया ब्लॉक का भी परीक्षण होगा. इसलिए, 5 दिसंबर को अचानक पूरे राज्य की टीमों को भंग कर दिया गया.
नए चेहरों को शामिल किया जाएगा
इस संबंध में AICC के प्रभारी अविनाश पांडे ने ईटीवी भारत को बताया, "राज्य में नई टीमें संगठन को पुनर्जीवित करने में मदद करेंगी और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. यह बदलाव कुछ समय से पाइपलाइन में था. मौजूदा पदाधिकारियों को इस प्रक्रिया में पुरस्कृत किया जाएगा और संगठन को मजबूत करने के लिए नए चेहरों को शामिल किया जाएगा. हम 2027 के चुनावों की तैयारी कर रहे हैं."
सूत्रों के मुताबिक यूपी में संगठन में आखिरी बार बदलाव 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद हुआ था, जब प्रियंका गांधी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आधे राज्य की प्रभारी थीं. उस साल कांग्रेस सिर्फ एक लोकसभा सीट रायबरेली जीत सकी थी, जिसका प्रतिनिधित्व तत्कालीन प्रमुख सोनिया गांधी करती थीं.
प्रियंका गांधी के फॉर्मूले का इस्तेमाल
यूपी के कांग्रेस प्रभारी एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर ने ईटीवी भारत को बताया, "उस समय पार्टी की विभिन्न यूनिट को फिर से संगठित करने के लिए प्रियंका गांधी के फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया था. अब भी यही किया जाएगा. पार्टी प्रमुख ने हमें 14 जनवरी तक अपना काम पूरा करने को कहा है."
सूत्रों के मुताबिक, योजना के तहत राज्य के प्रभारी छह जोनल एआईसीसी सचिव आने वाले हफ्तों में पूर्व घोषित तारीखों पर स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ओपन हाउस सेशन करेंगे.इन चर्चाओं के दौरान प्रभारी सचिव करीब 300 स्थानीय नेताओं से बातचीत करेंगे जो एक ही दिन में किसी क्षेत्र में संगठन को पुनर्जीवित करने के अपने विचार प्रस्तुत करेंगे.
इन 300 नेताओं में से करीब 7-8 नामों को प्रभारी सचिव द्वारा शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और फिर दूसरे दौर की चर्चा होगी. बाद में नामों को प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को भेजा जाएगा जो आलाकमान से चर्चा कर उन्हें अंतिम रूप देंगे.
गुर्जर ने कहा, "कई जगहों पर एक ही पदाधिकारी पिछले पांच सालों से अपने पदों पर बने हुए हैं. विभिन्न यूनिट के पुनर्गठन से उन लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा जो कड़ी मेहनत कर रहे हैं और हमें सभी स्तरों पर नए चेहरों को शामिल करने की अनुमति मिलेगी. हमें भविष्य की तैयारी के लिए संगठन में नई ऊर्जा की जरूरत है. वैसे भी हम 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए तैयार हैं, लेकिन उससे पहले हमें 2026 में स्थानीय निकाय चुनावों का भी सामना करना होगा."