नई दिल्ली : कांग्रेस राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लगभग 10 दिनों तक कम करने की योजना बना रही है ताकि पूर्व पार्टी प्रमुख आगामी लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित कर सकें. बताया जाता है कि पार्टी 11 दिवसीय उत्तर प्रदेश चरण को आधा करने पर विचार कर रही है और शेष राज्यों में भी इसी तरह एक या दो दिन कम कर सकती है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि योजना 20 मार्च के बजाय मार्च के पहले सप्ताह में मुंबई में यात्रा का समापन करने की है.
इस संबंध में यात्रा के यूपी चरण के वरिष्ठ नेता और समन्वयक पीएल पुनिया ने बताया कि राज्य में यात्रा योजनाओं की समीक्षा की जा रही है. कुछ दिनों की कटौती हो सकती है. ऐसा 22 फरवरी से शुरू होने वाली राज्य बोर्ड परीक्षाओं के कारण है. यूपी के प्रभारी एआईसीसी सचिव प्रदीप नरवाल के अनुसार यात्रा की अनुमति के साथ कुछ मुद्दे हैं क्योंकि राज्य बोर्ड परीक्षाओं के लिए पुलिस की तैनाती की जानी है. उन्होंने कहा कि चर्चा चल रही है और जल्द ही मामले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. पूरी संभावना है कि यात्रा कार्यक्रम में कुछ दिन की कटौती की जा सकती है.
यूपी में बोर्ड परीक्षाओं के अलावा, पार्टी के नेता इस बात से भी चिंतित हैं कि पार्टी संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद गठबंधन सहयोगी रालोद प्रमुख जयंत चौधरी भाजपा की ओर बढ़ गए हैं. पुनिया ने कहा कि रालोद का दूर जाना निश्चित रूप से सकारात्मक संकेत नहीं है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यात्रा का संदेश पूरे देश में पहुंच रहा है और कुछ दिनों की कटौती से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि राहुल गांधी को गठबंधन, घोषणा पत्र और अभियान सहित आगामी लोकसभा चुनावों पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
वहीं नरवाल ने कहा कि राहुल गांधी हमारे नेता हैं और हमारी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह निश्चित रूप से पार्टी के लोकसभा अभियान का नेतृत्व करेंगे. प्रियंका गांधी वाड्रा भी देश भर में प्रचार करेंगी जैसा कि उन्होंने पहले किया था. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, राहुल को सहयोगियों के साथ सीट-बंटवारे की कुछ पेचीदा बातचीत को पूरा करने के लिए आगे आना होगा क्योंकि मजबूत क्षेत्रीय नेता पांच सदस्यीय कांग्रेस राष्ट्रीय गठबंधन समिति की बात नहीं सुन सकते हैं. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि टीएमसी, आप, डीएमके, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरदचंद्र पवार समूह के साथ गठबंधन सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने से पहले निश्चित रूप से राहुल की मंजूरी की आवश्यकता होगी.
गठबंधन समिति पिछले हफ्तों से क्षेत्रीय नेताओं के साथ बातचीत कर रही है लेकिन सीट-बंटवारे का फॉर्मूला अभी तक सामने नहीं आया है. यूपी में रालोद के बाहर होने के बाद अब प्रमुख सहयोगी दल कांग्रेस और सपा हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि जयंत चौधरी ने अभी भी आधिकारिक तौर पर गठबंधन ख़त्म नहीं किया है. एसपी के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत चल रही है और उचित समय पर घोषणा की जाएगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि 25 फरवरी को मुंबई में प्रस्तावित संयुक्त भारत गठबंधन रैली को अब राहुल की यात्रा के समापन के साथ मार्च के पहले सप्ताह तक के लिए स्थगित किया जा सकता है. वहीं लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा मार्च में होने की संभावना है और चुनाव अप्रैल में शुरू हो सकते हैं. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि हमें तब तक अपने अभियान और प्रचार रणनीतियों के साथ तैयार रहने की जरूरत है.
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