नई दिल्ली : कांग्रेस ने भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. वहीं भाजपा ने चुनावी राज्य हरियाणा में नुकसान की भरपाई के लिए उनके बयान से दूरी बना ली है. हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने 25 अगस्त को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में पहले हुए किसानों के विरोध प्रदर्शन से संबंधित कुछ विवादास्पद टिप्पणियां की थीं.
इसमें कहा गया था कि आंदोलनकारी हत्यारे और बलात्कारी थे और उनके आंदोलन को अमेरिका और चीन द्वारा उकसाया और समर्थित किया गया था. किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने वाली कांग्रेस ने सांसद की विवादास्पद टिप्पणी पर भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मुद्दा एक अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस ने 10 में से 5 संसदीय सीटें जीत ली थीं, जिससे भाजपा चिंतित थी.
इस संबंध में एआईसीसी पदाधिकारी रणदीप सुरजेवाला ने ईटीवी भारत से कहा कि भाजपा किसानों से इतनी नफरत क्यों करती है? भगवा पार्टी ने हमेशा किसानों के खिलाफ साजिश रची है और उन पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि एक बार फिर उनके सांसद ने किसानों पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. सवाल यह है कि क्या ये घटिया आरोप चुनावी योजना के तहत लगाए गए हैं या फिर कंगना ने किसी और की लिखी स्क्रिप्ट पढ़ी है. अगर ऐसा नहीं है, तो पीएम मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री और उनके सांसद इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं.
उन्होंने हरियाणा में चुनावी हार को भांपते हुए उनकी टिप्पणी से दूरी बना ली है. पूर्व मुख्यमंत्री बीएस हुड्डा के अनुसार, अतीत में भाजपा के किसान विरोधी रुख से पंजाब और हरियाणा के किसान नाराज थे, जहां समुदाय भगवा पार्टी को सबक सिखाएगा. हुड्डा ने ईटीवी भारत से कहा, 'केवल किसान ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लोग भाजपा सरकार से नाराज हैं. किसान विशेष रूप से विधानसभा चुनावों में उन्हें सबक सिखाएंगे.' हरियाणा के पूर्व मंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद सुरजेवाला के अनुसार, भाजपा को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उसके सांसद ने अमेरिका और चीन का नाम यह कहते हुए क्यों घसीटा कि वे देश में अस्थिरता पैदा कर रहे हैं. अगर यह सच है तो तथाकथित मजबूत मोदी सरकार क्या कर रही है.
सुरजेवाला और हुड्डा दोनों ने कहा कि भाजपा को हरियाणा चुनाव हारने का डर है, जिसका संकेत रनौत की टिप्पणी पर पार्टी की चुप्पी से मिलता है. साथ ही हाल ही में चुनाव आयोग को चुनाव की तारीख टालने का आग्रह करने वाले एक पत्र से भी मिलता है, जो पांच दिनों की छुट्टी की अवधि से टकरा रहा है. उन्होंने कहा, 'वास्तव में वे बहाने ढूंढ रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी हार का अहसास हो गया है. चुनाव आयोग से चुनाव की तारीखें टालने का आग्रह करना उनके आत्मविश्वास की कमी को दर्शाता है.' सुरजेवाला ने कहा, हरियाणा के लोग निजी यात्राओं पर नहीं जा रहे हैं और वे बड़ी संख्या में इस सरकार को वोट देकर बाहर निकालेंगे, जिसने राज्य को कई मामलों में पीछे धकेल दिया है.
उन्होंने कहा कि जब से राज्य में भाजपा सत्ता में आई है, किसान अपनी उपज का उचित मूल्य पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्हें अक्सर धान की फसल के अच्छे दाम के लिए आंदोलन करना पड़ता है. हुड्डा ने कहा, 'केंद्र सरकार की लापरवाही और निर्यात विरोधी नीतियों के कारण किसानों को धान की फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण किसानों की लागत बढ़ गई है, लेकिन अब वे कर्ज में डूबे हुए हैं. उनके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है.'
ये भी पढ़ें- "जो बांग्लादेश में हुआ, वो भारत में भी होते देर नहीं लगती, किसान आंदोलन के समय लटकी थी लाशें और हो रहे थे रेप"