नई दिल्ली: मुंबई में सफल इंडिया ब्लॉक रैली के एक दिन बाद, कांग्रेस नेताओं ने 2024 के लोकसभा चुनावों की तुलना 2004 के चुनावों से कर दी. उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन भाजपा को वैसे ही हरा देगा जैसे यूपीए ने 20 साल पहले एनडीए को बाहर कर दिया था. कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की टिप्पणी 19 मार्च को सीडब्ल्यूसी की महत्वपूर्ण बैठक से ठीक एक दिन पहले आई है, जहां पार्टी हाईकमान अप्रैल-मई के लोकसभा चुनावों के लिए अभियान पर चर्चा करेगी.
कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य जगदीश ठाकोर ने कहा, 'आज स्थिति 2004 जैसी ही है. तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाला एनडीए अपने इंडिया शाइनिंग नारे पर भरोसा कर रहा था, जबकि विपक्षी गुट यूपीए ग्रामीण संकट के बारे में बात कर रहा था. यूपीए ने एनडीए को हराया और जन-समर्थक मुद्दों पर सत्ता में आई. इस बार भी वैसा ही होने वाला है. भाजपा अपने विकास के प्रचार पर भरोसा कर रही है, लेकिन विपक्षी दल उच्च बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि जैसे सार्वजनिक मुद्दों को उजागर कर रहा है'.
उन्होंने कहा, 'भाजपा दावा कर रही है कि एनडीए इस बार 400 से अधिक सीटें जीतेगी, लेकिन यह जमीनी हकीकत से बहुत दूर है. यदि ऐसा होता, तो सत्तारूढ़ दल को विपक्षी नेताओं को शामिल करने और उन्हें झूठे मामलों की धमकी देने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. रविवार को मुंबई रैली में विपक्षी दलों ने अपनी एकता का प्रदर्शन किया. हमारा वोट शेयर 65 फीसदी है. हम बीजेपी को हरा देंगे'.
एआईसीसी के गोवा प्रभारी महासचिव माणिकराव ठाकरे ने कहा, 'हम राहुल गांधी द्वारा दी गई 25 गारंटी के आधार पर एक सकारात्मक अभियान चलाएंगे. इसके अलावा अन्य वादे भी होंगे जिनके बारे में पार्टी घोषणापत्र में बात करेगी. कांग्रेस मतदाताओं के सामने भविष्य के लिए एक रोडमैप पेश करेगी. इंडिया ब्लॉक की मुंबई रैली ने पूरे देश में विपक्षी एकता का एक बहुत मजबूत संदेश भेजा है. चुनाव की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद विपक्ष का एक साथ आना जरूरी था'.
गोवा प्रभारी ठाकरे ने भी लोकसभा 2024 चुनावों की तुलना 2004 से करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति 2004 जैसी ही है. सत्तारूढ़ दल इस बारे में बात कर रहा है कि 2047 में क्या होगा, लेकिन पिछले 10 वर्षों में उसने क्या किया. इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहता है. सत्ताधारी दल आम लोगों को हो रही परेशानियों पर भी बात नहीं करता. इस बार बदलाव होगा.
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के मुताबिक, 2004 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने इस उम्मीद में चुनाव छह महीने आगे बढ़ा दिए थे कि उसका 'इंडिया शाइनिंग' अभियान बड़ा था. इससे उसे चुनाव जीतने में मदद मिलेगी, लेकिन तब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के ग्रामीण हिस्सों से समर्थन जुटाने के लिए और बीएसपी प्रमुख मायावती सहित विभिन्न विपक्षी दलों को भी एक साथ लाने के लिए यात्रा की. यूपीए ने तब जो किया था, वही अब भारतीय गुट करेगा. जैसे सोनिया गांधी ने 2004 में देश भर में प्रचार किया था, राहुल गांधी ने देश भर में यात्रा करके लोगों से बात की है. उनकी समस्याओं को समझा है. लोग खुद बदलाव लाएंगे.
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