हैदराबाद : भारत में केंद्रीय स्तर पर सुरक्षा के लिए मुख्य रूप से 2 प्रकार की सुरक्षा एजेंसियां हैं. पहला सेना के विभिन्न विंग, जिसकी जिम्मेदारी भारतीय सीमाओं व भारतीय हितों की रक्षा करना. दूसरा केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल. इसमें देश की अलग-अलग जरूरतों के आधार तैयार अलग-अलग सुरक्षा बल हैं. इनमें बीएसएफ, सीआईएस, आईटीबीपी, एनडीआरएफ सहित कई अन्य एजेंसियां शामिल हैं. इन सभी की विशेषज्ञता अलग-अलग होती है. इनका सीधा कमान भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन होता है. इन बलों के प्रमुख/डायरेक्टर जेनरल ज्यादातर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी होते हैं.
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सीआईएसएफ अर्थात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल भारत की प्रीमियम सुरक्षा एजेंसी है. 1969 में हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन-एचईसी रांची में भीषण आग लग गई थी. इसमें पाया गया कि औद्योगिक सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मी औद्योगिक आपदा जैसे आग, विस्फोट सहित अन्य विषम स्थितियों से निपटने में सक्षम नहीं हैं. इसी के बाद 1969 केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना की गई.
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स्थापना के समय इसकी 3 बटालियनें थीं. आज के समय इसमें 177075 से ज्यादा सुरक्षा बल कार्यरत हैं. संवेदनशील सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को एकीकृत सुरक्षा कवर देने के उद्देश्य से स्थापित यह बल आज के समय निजी व सरकारी उपक्रमों के अलावा कई स्तर के वीवीआईपी को चौबीसों घंटे सुरक्षा घेरा उपलब्ध करा रहा है. सीआईएसएफ वर्तमान में देश भर में 358 प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवर प्रदान करता है.
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सीआईएसएफ देश में मौजूद महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा जैसे परमाणु प्रतिष्ठान, अंतरिक्ष केंद्र, हवाई अड्डे, बिजली संयंत्रों को सुरक्षा प्रदान करता है. इसके अलावा सीआईएसएफ महत्वपूर्ण सरकारी भवनों, प्रतिष्ठित विरासत स्मारकों, दिल्ली मेट्रो सहित कई अन्य भवनों को सुरक्षा प्रदान करता है. दिसंबर 2023 में संसद भवन की सुरक्षा में चुक के बाद दिल्ली पुलिस के स्थान पर परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंप दिया गया है. बता दें कि इससे पहले नवंबर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले की घटना के बाद सीआईएसएफ निजी कॉर्पोरेट प्रतिष्ठानों को भी सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया था.
सीआईएसएफ बेहतर प्रदर्शन के लिए बहुत ऊंचे मानक रखता है. सीआईएसएफ रोजाना सार्वजनिक इंटरफेस वाला एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है. हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो और प्रतिष्ठित स्मारकों में और इसलिए वह लोगों के अनुकूल दृष्टिकोण के साथ सुरक्षा प्रक्रियाओं को संतुलित करने की आवश्यकता के प्रति बहुत सचेत है.
एक नजर में सीआईएसएफ
- केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अधिनियम 1968 के तहत केंद्रीय बल के रूप में इसे स्थापित किया गया था.
- साल 1969 में सीआईएसएफ के पास 3129 कर्मी थे. आज के समय में यह संख्या बढ़ाकर 163613 के करीब है.
- सीआईएसएफ के पास 12 रिजर्व बटालियन, 08 प्रशिक्षण संस्थानों सहित 74 अन्य प्रमुख संरचनाएं हैं.
- सीआईएसएफ संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ-साथ परिसर के कर्मचारियों को भी सुरक्षा प्रदान करता है.
- सीआईएसएफ औद्योगिक सुरक्षा व आपदा से निपटने में पूरी तरह से प्रशिक्षित है. खास कर औद्योगिक परिसरों में आग से निपटने में पूरी तरह प्रशिक्षित है.
- यह एकमात्र ऐसा बल है जिसके पास अनुकूलित और समर्पित फायर विंग है.
- गृह मंत्रालय के आदेश पर सीआईएसएफ Z Plus, Z, X, Y श्रेणी के सुरक्षा के लिए निर्धारत व्यक्तियों को देश भर में सुरक्षा उपलब्ध कराता है.
- सीआईएसएफ सरकारी भवनों, औद्योगिक इकाइयों, हवाई अड्डों, मेट्रो, बंदरगाहों, स्मारकों के अलावा निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठानों व व्यक्तियों को भी सुरक्षा देता है.