शिमला: कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश की पुलिस सपा नेता आजम खान की भैंस ढूंढने निकली तो इसकी खूब जग हंसाई हुई थी. हिमाचल प्रदेश का एक मामला इससे भी दो कदम आगे निकल गया है. यहां समोसे को लेकर सीआईडी की जांच बैठ गई, बकायदा जांच रिपोर्ट तैयार हुई और होना भी था क्योंकि ये समोसे मुख्यमंत्री के लिए मंगवाए गए थे लेकिन इन्हें सुरक्षाकर्मी खा गए. जिसकी सीआईडी जांच हुई है और अब रिपोर्ट के साथ-साथ सरकार की फजीहत भी सोशल मीडिया से लेकर मीडिया में वायरल हो रही है. समोसे की सीआईडी जांच में आखिर क्या है ये आपको सिलसिलेवार ढंग से समझाते हैं.
आखिर किसने खाए मुख्यमंत्री के समोसे ?
जांच इस बात को लेकर हुई की आखिर सीएम के लिए शिमला के नामी गिरामी होटल से मंगवाए गए समोसे कौन डकार गया. समोसे सीएम सुक्खू के लिए मंगवाए गए लेकिन कोई और चटनी में डुबोकर खा गया. जांच हुई भी और रिपोर्ट भी सीआईडी मुख्यालय भेजी गई. यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसके बाद भारी मिस्टेक हो गई. रिपोर्ट लीक हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. बीजेपी ने भी बयानों की तोपें खोल दी और सीएम सुक्खू समेत पूरी कांग्रेस को समोसे की चटनी की तरह लपेटना शुरू कर दिया.
गंभीरता से हुई समोसों की सीआईडी जांच
रिपोर्ट देखकर साफ जाहिर होता है कि सीएम के समोसों की जांच बहुत ही तसल्ली और गंभीरता से की गई है. मामला सूबे के मुखिया से जो जुड़ा था, जांच रिपोर्ट पढ़ने पर ये साफ होता है कि समोसे गायब होने की तहकीकात में बकायदा कई पुलिस कर्मियों से पूछताछ की गई है. जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को CID मुख्यालय पहुंचना था. 21.10.2024 को IGP, Int. ने एक SI को अपने कार्यालय में बुलाकर लक्कड़ बाजार के पास स्थित होटल से कुछ खाने पीने का सामान लाने के लिए कहा था. इसके बाद SI ने एक ASI और HHC को होटल से सामान लाने के लिए भेजा था. दोनों होटल से तीन बॉक्स में समोसे और केक लेकर पहुंचे.
किसी और की प्लेट में चले गए स्नैक्स
इन तीनों बॉक्स को एक महिला इंस्पेक्टर को हैंडओवर करने को कहा गया. रिपोर्ट के मुताबिक रिसेप्शन के पास SI ने महिला इंस्पेक्टर को ये सामान सौंपा दिया और ये भी बताया कि ये सामान CM साहब के लिये है. महिला इंस्पेक्टर ने ये तीनों बॉक्स SP, एंटी नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग फोर्स के कार्यालय में रखने कहा था. यहां से आगे ऐसी गड़बड़ी हुई कि समोसे जापान की जगह चीन पहुंच गए यानी सीएम की जगह सुरक्षाकर्मियों की प्लेट तक पहुंच गए.
सीएम के समोसे खाना सरकार विरोधी कृत्य
इसी बात को लेकर सीआईडी के पुलिस महानिरीक्षक ने 21 अक्टूबर को जांच के आदेश दिए थे. डीएसपी रैंक के अफसर ने मामले की जांच की और रिपोर्ट आईजी को सौंपी. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एक एसआई और हैड कांस्टेबल ने गलती से आईजी सीआईडी कार्यालय में मौजूद डीएसपी और अन्य सुरक्षा कर्मियों को चाय के साथ परोस दिया. अपने बयान में एक पुलिस कर्मी ने ये भी कहा कि उसे ये जानकारी दी गई थी कि बॉक्स में लाया गया सामान मैन्यू में शामिल नहीं था, इसलिए होटल से आए स्नैक्स किसी और को सर्व कर दिए गए थे. समोसे के स्वाद के चक्कर में किसी को ये पता ही नहीं चला कि ये वीवीआईपी स्नैक्स है. इस रिपोर्ट में सीएम के समोसे चट कर जाने के इस मामले को सरकार विरोधी कृत्य बताया गया है.
बीजेपी ने साधा निशाना
इस मामले पर अब सियासत भी हो रही है. बीजेपी ने इस मामले पर सरकार को घेर लिया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में और भी घोटाले हो रहे हैं, लेकिन सरकार को समोसे की चिंता है. सरकार को विकास की नहीं सीएम के लिए मंगवाए गए समोसों की चिंता है. रिपोर्ट में सरकार विरोधी कृत्य जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर हिमाचल का मजाक उड़वाया जा रहा है.
हिमाचल के नेता विपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि "समोसे जहां पहुंचने थे वहां नहीं पहुंचे, समोसे बीच में गुम हो गए. सरकार के लिए शायद ये गंभीर विषय है इसलिये इसकी जांच करवाई गई और इसे सरकार विरोधी गतिविधि बताया गया. समोसा विपक्ष ने तो नहीं खाया, जिसने भी समोसा खाया वो सरकार का हिस्सा रहा होगा. हिमाचल में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार हो रहे हैं और उनकी जांच नहीं हो रही, जांच हो रही है तो सिर्फ समोसे की"
बीजेपी नेता रणधीर शर्मा ने भी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि "सुक्खू सरकार को जनता और प्रदेश के विकास से ज्यादा समोसे की चिंत है."
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