कोलकाता: चित्तरंजन रेलवे इंजन फैक्ट्री या चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 580 रेल इंजनों का निर्माण और उत्पादन कर के सर्वकालिक उत्पादन रिकॉर्ड को मिटा दिया. इससे पहले चित्तरंजन रेलवे फैक्ट्री ने वित्तीय वर्ष में 540 लोकोमोटिव बनाने का लक्ष्य रखा था.
कारखाने के कुशल श्रमिकों द्वारा लक्ष्य को पार करते हुए 40 से अधिक इंजनों का निर्माण किया जा चुका है. चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना के महाप्रबंधक हितेंद्र मल्होत्रा ने मानक स्थापित करने के लिए श्रमिकों को बधाई दी. इससे पहले 2019-20 में सबसे पहले विश्व रिकॉर्ड चितरंजन रेल फैक्ट्री ने बनाया था. सीएलडब्ल्यू ने 402 इंजन बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज कराया.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोरोना काल के कारण उत्पादन में थोड़ी गिरावट आई है, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कारखाने ने 436 रेल इंजनों का निर्माण किया. हालांकि, देश भर में इंजनों की भारी मांग के कारण रेलवे बोर्ड ने सीएलडब्ल्यू को 2023-2024 में 540 इंजनों का लक्ष्य दिया. यानी यह आंकड़ा 2022-23 में दिए गए ऑर्डर से 100 इंजन अधिक के उत्पादन का लक्ष्य दिया गया.
हालांकि, इतना बड़ा लक्ष्य मिलने के बाद भी फैक्ट्री के कुशल कर्मचारी पीछे नहीं हटे. वे इसके आदी थे क्योंकि कारखाने के पास एक दिन में 12 इंजन बनाने का रिकॉर्ड है. वित्तीय वर्ष 2023-24 भी सीएलडब्ल्यू के लिए अच्छा साबित हो रहा है. अंततः 31 मार्च तक चित्तरंजन रेलवे फैक्ट्री ने लक्ष्य से अधिक 580 लोको इंजन का निर्माण कर लिया है. ये इंजन अमृत भारत ट्रेनों के लिए बनाई गई.
एक ओर सीएलडब्ल्यू ने अमृत भारत के लिए पुश-पुल ट्विन इंजन, वंदे भारत के लिए उन्नत तकनीक वाले इंजन और माल ढुलाई के लिए उच्च शक्ति वाले लोको विकसित किए हैं. भविष्य में बड़ा लक्ष्य मिलने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि सीएलडब्ल्यू एक साल में कम से कम 600 रेल इंजन बनाने की तैयार कर रहा है.