उत्तरकाशी (उत्तराखंड): सामरिक दृष्टि से अहम चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने दिन व रात में टेकऑफ और लैंडिंग का अभ्यास किया. वहीं 20 व 21 फरवरी को हवाई अड्डे पर वायुसेना का दो दिवसीय दिन व रात का अभ्यास प्रस्तावित था, जो तकनीकी कारणों से स्थगित हो गया था.
शुक्रवार शाम चार बजे चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की. इसके बाद रात में करीब पौने नौ बजे यह हेलीकॉप्टर दोबारा हवाई अड्डे पर पहुंचा. आसमान में दो राउंड लगाने के बाद लैंडिंग और टेकऑफ का सफलतापूर्वक अभ्यास किया गया. सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हवाई अड्डे पर इससे पहले यह हेलीकॉप्टर सिलक्यारा सुरंग हादसे के दौरान 28 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने पर उतरा था. कुछ दिनों पूर्व प्रयागराज से चिनूक हेलीकॉप्टर के चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के साथ ही पिथौरागढ़, गौचर हवाई अड्डे पर दिन और रात में लैंडिंग और टेकऑफ के अभ्यास की सूचना जिला प्रशासन को दी गई थी.
लेकिन बाद में तकनीकी कारणों से यह अभ्यास रद्द हो गया था.डुंडा एसडीएम नवाजिश खलीक ने बताया कि यह वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर का रूटीन अभ्यास था. जिसकी सूचना पर हवाई अड्डे पर एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की टीम तैनात करने के निर्देश दिए गए थे. बताया कि मौसम खराब होने के चलते पूर्व में अभ्यास नहीं हो पाया था, मौसम साफ होने के बाद अभ्यास किया गया. बता दें कि उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा भारतीय सेना के लिए काफी अहम है. जिसके बाद सेना इसे अपने एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) के रूप में विकसित करने में जुटी है. चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर समय-समय पर कई बहुउद्देशीय विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास करती रहती है.
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