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छह साल पहले लापता हुई थी चार्टेड अकाउंटेंट, कोर्ट ने दो सहयोगियों को हत्या का दोषी पाकर दी उम्रकैद - Maharashtra Crime News

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 28, 2024, 5:41 PM IST

मुंबई में एक चार्टेड अकाउंटेंट की मौत के मामले में एक सत्र अदालत ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि इस मामले में पीड़ित छह साल पहले लापता हुई थी और आज तक उसका शव बरामद नहीं किया गया है.

Mumbai Murder Case
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा (फोटो - Getty Images)

मुंबई: महाराष्ट्र में मुंबई की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को अंधेरी में एक सैलून में वित्त प्रबंधक कीर्ति व्यास की हत्या के लिए दो सहयोगियों को आजीवन कारावास की सजा सुना. सोमवार को सत्र न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने सिद्धेश शांताराम ताम्हणकर और एक महिला सहकर्मी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या, हत्या के लिए अपहरण, गलत तरीके से रोकने और सबूतों को नष्ट करने के अलावा कई अन्य धाराओं का दोषी पाया.

ताम्हणकर और महिला सहकर्मी ने यह कहते हुए नरमी बरतने की मांग की कि उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उनके परिवार उन पर निर्भर हैं. कीर्ति व्यास की महिला सहकर्मी ने नरमी बरतने की अपील की और कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उसने यह भी कहा कि पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था.

हालांकि, विशेष लोक अभियोजक एएम चिमलकर ने कहा कि अपराध 'सबसे अच्छे दिमाग' से किया गया था और व्यास एक उभरती चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं, जो उनके परिवार का वित्तीय स्तंभ थीं. व्यास, जिनकी उम्र उस समय 28 वर्ष थी, 16 मार्च, 2018 को उनके लापता होने की सूचना मिली थी, जब वह काम के लिए अपने दक्षिण मुंबई स्थित आवास से निकली थीं.

लगभग दो महीने बाद, पुलिस ने जांच के बाद बताया कि उसकी मौत के लिए उसके दो सहकर्मी जिम्मेदार थे. हालांकि व्यास का शव कभी नहीं मिला. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि उसके सहकर्मियों ने कार्यस्थल से संबंधित मुद्दों पर 16 मार्च, 2018 की सुबह उसे उसके निवास से उठाकर चलती कार में मार डाला.

मुंबई: महाराष्ट्र में मुंबई की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को अंधेरी में एक सैलून में वित्त प्रबंधक कीर्ति व्यास की हत्या के लिए दो सहयोगियों को आजीवन कारावास की सजा सुना. सोमवार को सत्र न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने सिद्धेश शांताराम ताम्हणकर और एक महिला सहकर्मी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या, हत्या के लिए अपहरण, गलत तरीके से रोकने और सबूतों को नष्ट करने के अलावा कई अन्य धाराओं का दोषी पाया.

ताम्हणकर और महिला सहकर्मी ने यह कहते हुए नरमी बरतने की मांग की कि उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उनके परिवार उन पर निर्भर हैं. कीर्ति व्यास की महिला सहकर्मी ने नरमी बरतने की अपील की और कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उसने यह भी कहा कि पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था.

हालांकि, विशेष लोक अभियोजक एएम चिमलकर ने कहा कि अपराध 'सबसे अच्छे दिमाग' से किया गया था और व्यास एक उभरती चार्टर्ड अकाउंटेंट थीं, जो उनके परिवार का वित्तीय स्तंभ थीं. व्यास, जिनकी उम्र उस समय 28 वर्ष थी, 16 मार्च, 2018 को उनके लापता होने की सूचना मिली थी, जब वह काम के लिए अपने दक्षिण मुंबई स्थित आवास से निकली थीं.

लगभग दो महीने बाद, पुलिस ने जांच के बाद बताया कि उसकी मौत के लिए उसके दो सहकर्मी जिम्मेदार थे. हालांकि व्यास का शव कभी नहीं मिला. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि उसके सहकर्मियों ने कार्यस्थल से संबंधित मुद्दों पर 16 मार्च, 2018 की सुबह उसे उसके निवास से उठाकर चलती कार में मार डाला.

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