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चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव का विवाद पहुंचा हाईकोर्ट, BJP उम्मीदवार ने मनीष तिवारी की जीत को दी चुनौती, जानिए क्या है मामला - Chandigarh Lok Sabha Election

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 9, 2024, 8:48 PM IST

Chandigarh Lok Sabha Elections: चंडीगढ़ लोकसभा चुनाव का मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रहे संजय टंडन ने कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की जीत को चुनौती दी है. आइये आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

Chandigarh Lok Sabha Elections
चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार रहे संजय टंडन (बाएं) और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (दाएं) (File Photo)

चंडीगढ़: लोकसभा चुनावों में चंडीगढ़ सीट से जुड़ा विवाद अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है. चंडीगढ़ सीट से हारे भाजपा के उम्मीदवार संजय टंडन ने कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार मनीष तिवारी की जीत को चुनौती दी है. उन्होंने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की विभिन्न धाराओं के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

भ्रष्ट आचरण पर जीत रद्द करने की अपील

भाजपा नेता संजय टंडन ने अपनी दायर याचिका में चंडीगढ़ सीट से सांसद बने मनीष तिवारी पर लोकसभा चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस आधार पर हाईकोर्ट से तिवारी की जीत को रद्द करने की अपील की है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में चंडीगढ़ सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन और कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी के बीच रहा. इस चुनाव में तिवारी को 2504 वोटों के अंतर से जीत मिली थी.

चुनाव प्रक्रिया कमजोर करने के आरोप

संजय टंडन ने अपनी याचिका में कहा है कि मनीष तिवारी को भ्रष्ट आचरण के लिए पहले रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा फटकार लगाई गई थी. इसके बावजूद भी तिवारी और उनके समर्थक चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे. याची टंडन ने तिवारी की चुनावी जीत को रद्द कर चंडीगढ़ लोकसभा सीट का विधिवत निर्वाचित सांसद उन्हें घोषित करने की मांग की है.

कांग्रेस-आप पर भ्रामक वादों के आरोप

याचिका में मनीष तिवारी समेत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने मतदाताओं को पैसों का लालच दिया. नौकरी की गारंटी देने जैसे भ्रामक वादे भी किए. इसके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक के दुरूपयोग के भी आरोप लगाए, जो जन प्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है.

भ्रष्ट आचरण चुनाव रद्द करने का आधार

दायर याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत इस प्रकार का भ्रष्ट आचरण चुनाव को रद्द करने का आधार है. हाईकोर्ट में मामले की पैरवी संजय टंडन के कई वकीलों द्वारा की जा रही है. हाईकोर्ट में अब मामले की सुनवाई 9 सितंबर 2024 को होगी.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ लोकसभा सीट जीतने के बाद मनीष तिवारी का बड़ा बयान, बोले- 'बीजेपी के लिए ये चुनाव अविश्वास प्रस्ताव'

ये भी पढ़ें- कांग्रेस ने मनीष तिवारी को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से दिया टिकट, बीजेपी के संजय टंडन से होगा मुकाबला

चंडीगढ़: लोकसभा चुनावों में चंडीगढ़ सीट से जुड़ा विवाद अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है. चंडीगढ़ सीट से हारे भाजपा के उम्मीदवार संजय टंडन ने कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार मनीष तिवारी की जीत को चुनौती दी है. उन्होंने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की विभिन्न धाराओं के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

भ्रष्ट आचरण पर जीत रद्द करने की अपील

भाजपा नेता संजय टंडन ने अपनी दायर याचिका में चंडीगढ़ सीट से सांसद बने मनीष तिवारी पर लोकसभा चुनाव के दौरान भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाए हैं. उन्होंने इस आधार पर हाईकोर्ट से तिवारी की जीत को रद्द करने की अपील की है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में चंडीगढ़ सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन और कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी के बीच रहा. इस चुनाव में तिवारी को 2504 वोटों के अंतर से जीत मिली थी.

चुनाव प्रक्रिया कमजोर करने के आरोप

संजय टंडन ने अपनी याचिका में कहा है कि मनीष तिवारी को भ्रष्ट आचरण के लिए पहले रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा फटकार लगाई गई थी. इसके बावजूद भी तिवारी और उनके समर्थक चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने वाली गतिविधियों में शामिल रहे. याची टंडन ने तिवारी की चुनावी जीत को रद्द कर चंडीगढ़ लोकसभा सीट का विधिवत निर्वाचित सांसद उन्हें घोषित करने की मांग की है.

कांग्रेस-आप पर भ्रामक वादों के आरोप

याचिका में मनीष तिवारी समेत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने मतदाताओं को पैसों का लालच दिया. नौकरी की गारंटी देने जैसे भ्रामक वादे भी किए. इसके अलावा चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रीय प्रतीक के दुरूपयोग के भी आरोप लगाए, जो जन प्रतिनिधित्व कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है.

भ्रष्ट आचरण चुनाव रद्द करने का आधार

दायर याचिका में हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत इस प्रकार का भ्रष्ट आचरण चुनाव को रद्द करने का आधार है. हाईकोर्ट में मामले की पैरवी संजय टंडन के कई वकीलों द्वारा की जा रही है. हाईकोर्ट में अब मामले की सुनवाई 9 सितंबर 2024 को होगी.

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