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कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामला, सीबीआई जांच पड़ताल में जुटी - CBI takes over probe - CBI TAKES OVER PROBE

CBI takes over probe Kolkata trainee doctor rape-murder case: कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर मामले की जांच सीबीआई कर रही है.

CBI takes over probe into Kolkata trainee doctor's rape-murder case
सीबीआई जांच (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 14, 2024, 6:58 AM IST

Updated : Aug 14, 2024, 11:45 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर की जांच अपने हाथ में लेकर पड़ताल शुरू कर दी है. सीबीआई की टीम ने आरोपी समेत इससे जुड़े तमाम दस्तावेज पश्चिम बंगाल पुलिस से अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं, टीम घटनास्थल का मुआयना कर जांच की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करेगी.

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच के लिए दिल्ली से सीबीआई की टीम आज सुबह कोलकाता पहुंची. सीबीआई मामले को अपने हाथ में ले लिया है और दिल्ली से एक विशेष मेडिकल और फोरेंसिक टीम कोलकाता पहुंच गई है. मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस से कहा कि वह सभी दस्तावेज तुरंत सीबीआई को सौंप दे. इससे पहले दिन में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) द्वारा महिला डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए मंगलवार से ओपीडी सेवाओं को बंद करने के आह्वान के बाद डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने एम्स दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया.

डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर नीति विकसित करने का परामर्श जारी

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देश पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए नीति विकसित करने का परामर्श जारी किया. आधिकारिक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, 'हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. सभी मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध किया जाता है कि वे कॉलेज और अस्पताल परिसर के भीतर संकाय, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी स्टाफ सदस्यों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए नीति विकसित करें.'

इसमें कहा गया, 'नीति में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, छात्रावास और परिसर तथा आवासीय क्वार्टरों के अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. शाम के समय गलियारों और परिसर में अच्छी रोशनी होनी चाहिए, ताकि कर्मचारी सुरक्षित रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकें और निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों को सीसीटीवी से कवर किया जाना चाहिए.'

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आईएमए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की

इससे पहले दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. आईएमए ने अपराध के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की गहन जांच और कार्यस्थल पर डॉक्टरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के उपायों की मांग की थी. पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी। परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.

ये भी पढ़ें- कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: देशभर में आक्रोश, डॉक्टरों की हड़ताल जारी, NHRC ने लिया स्वत: संज्ञान

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर की जांच अपने हाथ में लेकर पड़ताल शुरू कर दी है. सीबीआई की टीम ने आरोपी समेत इससे जुड़े तमाम दस्तावेज पश्चिम बंगाल पुलिस से अपने कब्जे में ले लिया है. वहीं, टीम घटनास्थल का मुआयना कर जांच की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करेगी.

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामले की जांच के लिए दिल्ली से सीबीआई की टीम आज सुबह कोलकाता पहुंची. सीबीआई मामले को अपने हाथ में ले लिया है और दिल्ली से एक विशेष मेडिकल और फोरेंसिक टीम कोलकाता पहुंच गई है. मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

हाईकोर्ट ने कोलकाता पुलिस से कहा कि वह सभी दस्तावेज तुरंत सीबीआई को सौंप दे. इससे पहले दिन में फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) द्वारा महिला डॉक्टर के यौन उत्पीड़न और हत्या के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए मंगलवार से ओपीडी सेवाओं को बंद करने के आह्वान के बाद डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने एम्स दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया.

डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर नीति विकसित करने का परामर्श जारी

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के निर्देश पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए नीति विकसित करने का परामर्श जारी किया. आधिकारिक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, 'हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. सभी मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध किया जाता है कि वे कॉलेज और अस्पताल परिसर के भीतर संकाय, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों सहित सभी स्टाफ सदस्यों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए नीति विकसित करें.'

इसमें कहा गया, 'नीति में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, छात्रावास और परिसर तथा आवासीय क्वार्टरों के अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. शाम के समय गलियारों और परिसर में अच्छी रोशनी होनी चाहिए, ताकि कर्मचारी सुरक्षित रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकें और निगरानी के लिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों को सीसीटीवी से कवर किया जाना चाहिए.'

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आईएमए प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की

इससे पहले दिन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. आईएमए ने अपराध के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की गहन जांच और कार्यस्थल पर डॉक्टरों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के उपायों की मांग की थी. पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई थी। परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.

ये भी पढ़ें- कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: देशभर में आक्रोश, डॉक्टरों की हड़ताल जारी, NHRC ने लिया स्वत: संज्ञान
Last Updated : Aug 14, 2024, 11:45 AM IST
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