नई दिल्ली: किरू हाइड्रो प्रोजेक्ट मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की. समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश में किरू जलविद्युत परियोजना अनुबंध मामले में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों सहित तीस स्थानों पर छापेमारी कर रही है. मलिक के परिसरों के अलावा, जिन अन्य स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं उनमें उनके पूर्व प्रेस सलाहकार, तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य शामिल हैं.
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#WATCH | CBI is conducting raids at more than 30 places, including the premises of former Jammu and Kashmir Governor Satyapal Malik, as part of its investigation into alleged corruption linked to the awarding of a Kiru Hydroelectric project contract in the UT: Sources
— ANI (@ANI) February 22, 2024
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यह मामला 2019 में किश्तवाड़ में 2,200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लिए सिविल कार्य का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में मलिक ने कहा कि मैं पिछले तीन-चार दिनों से बीमार हूं और अस्पताल में भर्ती हूं. इसके बावजूद, तानाशाह सरकारी एजेंसियों के माध्यम से मेरे घर पर छापेमारी की जा रही है. मेरे ड्राइवर और मेरे सहायक पर भी छापेमारी की जा रही है. उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, इन छापों से नहीं डरूंगा. मैं किसानों के साथ हूं.
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CBI raids residence of former J&K Governor Satyapal Malik.#SatyapalMalik pic.twitter.com/60lYUEQIKn
— IANS (@ians_india) February 22, 2024
मलिक ने 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के रूप में काम किया. इस साल 29 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सिविल कार्यों के लिए निविदा देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले की चल रही जांच के तहत दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में लगभग 8 स्थानों पर तलाशी ली है. एजेंसी ने कहा कि किरू जलविद्युत परियोजना चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही है.
इसमें कहा गया है कि तलाशी में 21 लाख रुपये (लगभग) से अधिक की नकदी के अलावा डिजिटल उपकरण, कंप्यूटर, संपत्ति के दस्तावेज और 'आपत्तिजनक' दस्तावेज बरामद हुए. सीबीआई के बयान में कहा गया है कि यह आरोप लगाया गया था कि किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में, ई-टेंडरिंग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया था. पिछले साल दिसंबर में, सीबीआई ने दिल्ली, नोएडा, चंडीगढ़ और शिमला में छह स्थानों पर तलाशी ली थी.