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रिश्वत मामले में FSSAI के अधिकारी समेत चार गिरफ्तार, CBI ने लाखों रुपये बरामद किए - Bribery Case - BRIBERY CASE

CBI Arrests in Bribery Case: सीबीआई ने रिश्वत मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुंबई में तैनात खाद्य प्राधिकरण एफएसएसएआई का सहायक निदेशक भी शामिल हैं. अधिकारी ने खाद्य व्यवसाय संचालकों से रिश्वत मांगी थी. पढ़ें पूरी खबर.

CBI Arrests in Bribery Case
रिश्वत मामले में FSSAI के अधिकारी समेत चार गिरफ्तार (फोटो- IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 6, 2024, 11:02 PM IST

नई दिल्ली: सीबीआई ने कथित रिश्वत से संबंधित एक मामले में मुंबई में तैनात भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहायक निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी. सीबीआई ने एफएसएसएआई के सहायक निदेशक (तकनीकी) और ठाणे स्थित निजी कंपनी के दो व्यक्तियों सहित तीन आरोपियों के खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया था. आरोप है कि कि सहायक निदेशक (एडी) ने कई बिचौलियों के साथ मिलकर कथित तौर रिश्वत ली.

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आरोपों के आधार पर एफएसएसएआई के सहायक निदेशक (तकनीकी) और ठाणे स्थित निजी कंपनी के दो निजी व्यक्तियों सहित तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सहायक निदेशक (एडी) कई बिचौलियों के साथ मिलकर कथित तौर पर लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य के साथ बेईमानी करते हुए खाद्य व्यवसाय संचालकों और अन्य इच्छुक पार्टियों से रिश्वत मांगने और स्वीकार करने की अवैध गतिविधि में शामिल थे.

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अमोल जगताप (एफएसएसएआई में सहायक निदेशक), डॉ. विकास भारद्वाज (एक निजी कंपनी के निदेशक), हर्षल चौगुले (निजी कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक) और अन्य व्यक्ति गुरुनाथ शामिल है. सीबीआई ने कहा कि आरोपी अमोल जगताप कथित तौर पर लंबित बिलों को मंजूरी देने के बदले में हर्षल चौगुले से रिश्वत लेने के लिए सहमत हुआ था. जानकारी मिलने के बाद सीबीआई के अधिकारियों ने जाल बिछाया और आरोपी को उस समय पकड़ लिया, जब वह कथित तौर पर 1,20,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था. बयान में कहा गया कि कथित रिश्वत के आदान-प्रदान में शामिल सभी तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

सीबीआई ने दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें 37.3 लाख रुपये नकद, लगभग 45 ग्राम सोना और विभिन्न अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें 8 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

ये भी पढ़ें- गर्भवती महिला कहने के बजाय 'प्रेग्नेंट पर्सन' का इस्तेमाल उचित : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सीबीआई ने कथित रिश्वत से संबंधित एक मामले में मुंबई में तैनात भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सहायक निदेशक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी. सीबीआई ने एफएसएसएआई के सहायक निदेशक (तकनीकी) और ठाणे स्थित निजी कंपनी के दो व्यक्तियों सहित तीन आरोपियों के खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया था. आरोप है कि कि सहायक निदेशक (एडी) ने कई बिचौलियों के साथ मिलकर कथित तौर रिश्वत ली.

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आरोपों के आधार पर एफएसएसएआई के सहायक निदेशक (तकनीकी) और ठाणे स्थित निजी कंपनी के दो निजी व्यक्तियों सहित तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सहायक निदेशक (एडी) कई बिचौलियों के साथ मिलकर कथित तौर पर लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य के साथ बेईमानी करते हुए खाद्य व्यवसाय संचालकों और अन्य इच्छुक पार्टियों से रिश्वत मांगने और स्वीकार करने की अवैध गतिविधि में शामिल थे.

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अमोल जगताप (एफएसएसएआई में सहायक निदेशक), डॉ. विकास भारद्वाज (एक निजी कंपनी के निदेशक), हर्षल चौगुले (निजी कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक) और अन्य व्यक्ति गुरुनाथ शामिल है. सीबीआई ने कहा कि आरोपी अमोल जगताप कथित तौर पर लंबित बिलों को मंजूरी देने के बदले में हर्षल चौगुले से रिश्वत लेने के लिए सहमत हुआ था. जानकारी मिलने के बाद सीबीआई के अधिकारियों ने जाल बिछाया और आरोपी को उस समय पकड़ लिया, जब वह कथित तौर पर 1,20,000 रुपये की रिश्वत ले रहा था. बयान में कहा गया कि कथित रिश्वत के आदान-प्रदान में शामिल सभी तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

सीबीआई ने दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें 37.3 लाख रुपये नकद, लगभग 45 ग्राम सोना और विभिन्न अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें 8 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

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