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कांकेर एनकाउंटर में जख्मी बीएसएफ जवान ने दिया मूंछों पर ताव, कहा आ रहा हूं मैं - KANKER ENCOUNTER

16 अप्रैल को नक्सलियों के सेफ जोन में जाकर जवानों ने 29 खूंंखार माओवादियों को ढेर कर दिया. एनकाउंटर में तीन जवानों भी जख्मी हुए. अस्पताल में गोलियों को जख्म भरने का इंतजार कर रहे बीएसएफ इंस्पेक्टर ने मूछों पर ताव देते हुए कहा फिर करेंगे आतंक का एनकाउंटर.

KANKER ENCOUNTER
नक्सलियों को खुली चेतावनी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 18, 2024, 8:01 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 6:14 PM IST

नक्सलियों को खुली चेतावनी

रायपुर: नक्सलियों के गढ़ दंडकारण्य में 16 अप्रैल को माओवादियों की मांद में घुसकर जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. मारे गए नक्सलियों में दो हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं. लंबे वक्त से बस्तर में नक्सली विकास की राह में रोड़ा बनकर खड़े हैं. मंगलवार 16 अप्रैल को जवानों को खबर मिली की छोटेबेठिया के जंगल में माओवादी बड़ी बैठक कर रहे हैं. जवानों ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे इलाके को घेर लिया. जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 29 नक्सलियों को मौके पर ही मार गिराया.

''हैं तैयार हम'': दोनों ओर से हुई गोलीबारी में ऑपरेशन में तीन जवान भी जख्मी हुए. घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुठभेड़ में घायल बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मै दोबारा बस्तर में उतरने के लिए तैयार हूं. जवान रमेश ने कहा कि जख्म जरूर लगे हैं पर हौसला और हिम्मत दोनों मजबूत है. कांकेर के छोटेबेठिया एनकाउंटर में 29 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया था. घायल जवान की पत्नी भी अस्पताल में अपने पति की सेवा में लगी है. घायल पति को देखकर जरुर उनकी आंखे नम है पर उन्हे अपने पति की बहादुरी पर फक्र है. वो चाहती हैं कि जल्द उनके पति ठीक हो जाएं और ड्यूटी पर जाएं. बीएसएफ इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी ईटीवी भारत के सवालों पर और क्या कुछ कहा जानिए

सवाल: मुठभेड़ वाले दिन नक्सलियों को लेकर किस तरह के इनपुट थे और क्या मूवमेंट किया गया ?
जवाब: उसे क्षेत्र में नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी. इसके बाद डीआरजी और बीएसएफ के जवानों के साथ हम लोग उस और बढ़े. पहले वाले टारगेट एरिया को सर्च किया. वहां कुछ नहीं मिला. इसके बाद दूसरे टारगेट एरिया में पहुंचे. वहां पर नक्सली थे, उसे क्षेत्र की घेराबंदी शुरू की. इस बीच नक्सलियों को इसकी भनक लग गई और फिर वे भगाने के लिए फायरिंग करने लगे. इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए हमने भी फायरिंग की. नक्सली लगभग 30 से 32 की संख्या में थे. हमने उनको आत्मसमर्पण के लिए भी कहा लेकिन वो नहीं माने. नक्सलियों की ओर से लगातार गोलीबारी होती रही. जब उन्होने सरेंडर नहीं किया तो हमने भी फायरिंग शुरु की.

सवाल: अब तक सर्चिंग के दौरान मुठभेड़ होती थी, लेकिन इस बार आपने उनके क्षेत्र में घुसकर हमला बोला है.
जवाब: हमारे पास अलग-अलग सोर्स से कई इनपुट मिले थे. खबर के आधार पर हमने यह ऑपरेशन शुरू किया था.

सवाल: मुठभेड़ के दौरान आपको कहां गोली लगी?
जवाब: दाहिने पैर के घुटने के नीचे गोली लगी है ?

सवाल: क्या इसके पहले भी किसी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं?
जवाब: इसके पहले भी कई ऑपरेशन में शामिल रहा, लेकिन उस दौरान कोई मुठभेड़ नहीं हुई. यह पहली बार था जब हम नक्सलियों से टकराये.

सवाल: आप उस टीम का हिस्सा रहे जिसने एक बड़ी सफलता हासिल की है, कैसा लग रहा है ?
जवाब: आज मुझे बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार इतने नक्सलियों को मार गिराया गया.

सवाल: आज आप घायल हैं लेकिन आगे की क्या तैयारी है?
जवाब: ठीक होने के बाद फिर वापस उस क्षेत्र में जाऊंगा और नक्सलियों से मुकाबला करूंगा.

घायल जवान की पत्नी से सवाल: घायल होने की सूचना मिलने के बाद मन में क्या चल रहा था?
जवाब : घायल होने की जानकारी मिलते ही मन घबराने लगा. घर में अफरा तफरी मच गई. इन्होने पहले कहा था कि ऑपरेशन पर जा रहा हूं जब लौट कर आउंगा तो बात करुंगा. इसी बीच इनके घायल होने की खबर मिली. जब भी मोर्चे पर जाते हैं तो चिंता बनी रहती है. जब मन ज्यादा घबराने लगता है तब फोन पर बात कर हाल चाल ले लेती हूं.


सवाल: अभी आपकी तबीयत कैसी है?
जवाब: अभी तबीयत ठीक है।

जख्मी जवान हालत में तेजी से सुधार हो रहा है तीन से चार हफ्तों के बीच पैरों का जख्म भर जाएगा. गोली लगने के बाद जख्म को भरने में थोड़ा वक्त लगता है. घबराने वाली कोई बात नहीं है. बेहतर इलाज दिया जा रहा है. दर्द की शिकायत इनको जरूर है. ऐसे जख्म होने पर दर्ज होता है. तीन से चार हफ्तों में ये पूरी तरह से बेहतर हो जाएंगे. - घायल जवान का इलाज करने वाले डॉक्टर


सवाल: यहां से ठीक होने के बाद आगे आप क्या करना चाहेंगे?
जवाब: जैसे ही ठीक हो जाउंगा वापस जाकर अपने साथियों से मुलाकात करूंगा.घरवालों से मिलेगे और वापस फिर मोर्चे पर जाऊंगा.

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नक्सलियों को खुली चेतावनी

रायपुर: नक्सलियों के गढ़ दंडकारण्य में 16 अप्रैल को माओवादियों की मांद में घुसकर जवानों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. मारे गए नक्सलियों में दो हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं. लंबे वक्त से बस्तर में नक्सली विकास की राह में रोड़ा बनकर खड़े हैं. मंगलवार 16 अप्रैल को जवानों को खबर मिली की छोटेबेठिया के जंगल में माओवादी बड़ी बैठक कर रहे हैं. जवानों ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे इलाके को घेर लिया. जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए 29 नक्सलियों को मौके पर ही मार गिराया.

''हैं तैयार हम'': दोनों ओर से हुई गोलीबारी में ऑपरेशन में तीन जवान भी जख्मी हुए. घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. मुठभेड़ में घायल बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि मै दोबारा बस्तर में उतरने के लिए तैयार हूं. जवान रमेश ने कहा कि जख्म जरूर लगे हैं पर हौसला और हिम्मत दोनों मजबूत है. कांकेर के छोटेबेठिया एनकाउंटर में 29 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया था. घायल जवान की पत्नी भी अस्पताल में अपने पति की सेवा में लगी है. घायल पति को देखकर जरुर उनकी आंखे नम है पर उन्हे अपने पति की बहादुरी पर फक्र है. वो चाहती हैं कि जल्द उनके पति ठीक हो जाएं और ड्यूटी पर जाएं. बीएसएफ इंस्पेक्टर रमेश चंद्र चौधरी ईटीवी भारत के सवालों पर और क्या कुछ कहा जानिए

सवाल: मुठभेड़ वाले दिन नक्सलियों को लेकर किस तरह के इनपुट थे और क्या मूवमेंट किया गया ?
जवाब: उसे क्षेत्र में नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी. इसके बाद डीआरजी और बीएसएफ के जवानों के साथ हम लोग उस और बढ़े. पहले वाले टारगेट एरिया को सर्च किया. वहां कुछ नहीं मिला. इसके बाद दूसरे टारगेट एरिया में पहुंचे. वहां पर नक्सली थे, उसे क्षेत्र की घेराबंदी शुरू की. इस बीच नक्सलियों को इसकी भनक लग गई और फिर वे भगाने के लिए फायरिंग करने लगे. इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए हमने भी फायरिंग की. नक्सली लगभग 30 से 32 की संख्या में थे. हमने उनको आत्मसमर्पण के लिए भी कहा लेकिन वो नहीं माने. नक्सलियों की ओर से लगातार गोलीबारी होती रही. जब उन्होने सरेंडर नहीं किया तो हमने भी फायरिंग शुरु की.

सवाल: अब तक सर्चिंग के दौरान मुठभेड़ होती थी, लेकिन इस बार आपने उनके क्षेत्र में घुसकर हमला बोला है.
जवाब: हमारे पास अलग-अलग सोर्स से कई इनपुट मिले थे. खबर के आधार पर हमने यह ऑपरेशन शुरू किया था.

सवाल: मुठभेड़ के दौरान आपको कहां गोली लगी?
जवाब: दाहिने पैर के घुटने के नीचे गोली लगी है ?

सवाल: क्या इसके पहले भी किसी मुठभेड़ में शामिल रहे हैं?
जवाब: इसके पहले भी कई ऑपरेशन में शामिल रहा, लेकिन उस दौरान कोई मुठभेड़ नहीं हुई. यह पहली बार था जब हम नक्सलियों से टकराये.

सवाल: आप उस टीम का हिस्सा रहे जिसने एक बड़ी सफलता हासिल की है, कैसा लग रहा है ?
जवाब: आज मुझे बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार इतने नक्सलियों को मार गिराया गया.

सवाल: आज आप घायल हैं लेकिन आगे की क्या तैयारी है?
जवाब: ठीक होने के बाद फिर वापस उस क्षेत्र में जाऊंगा और नक्सलियों से मुकाबला करूंगा.

घायल जवान की पत्नी से सवाल: घायल होने की सूचना मिलने के बाद मन में क्या चल रहा था?
जवाब : घायल होने की जानकारी मिलते ही मन घबराने लगा. घर में अफरा तफरी मच गई. इन्होने पहले कहा था कि ऑपरेशन पर जा रहा हूं जब लौट कर आउंगा तो बात करुंगा. इसी बीच इनके घायल होने की खबर मिली. जब भी मोर्चे पर जाते हैं तो चिंता बनी रहती है. जब मन ज्यादा घबराने लगता है तब फोन पर बात कर हाल चाल ले लेती हूं.


सवाल: अभी आपकी तबीयत कैसी है?
जवाब: अभी तबीयत ठीक है।

जख्मी जवान हालत में तेजी से सुधार हो रहा है तीन से चार हफ्तों के बीच पैरों का जख्म भर जाएगा. गोली लगने के बाद जख्म को भरने में थोड़ा वक्त लगता है. घबराने वाली कोई बात नहीं है. बेहतर इलाज दिया जा रहा है. दर्द की शिकायत इनको जरूर है. ऐसे जख्म होने पर दर्ज होता है. तीन से चार हफ्तों में ये पूरी तरह से बेहतर हो जाएंगे. - घायल जवान का इलाज करने वाले डॉक्टर


सवाल: यहां से ठीक होने के बाद आगे आप क्या करना चाहेंगे?
जवाब: जैसे ही ठीक हो जाउंगा वापस जाकर अपने साथियों से मुलाकात करूंगा.घरवालों से मिलेगे और वापस फिर मोर्चे पर जाऊंगा.

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Last Updated : Apr 19, 2024, 6:14 PM IST
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