नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) लोकसभा चुनाव से पहले यानी की 6 अप्रैल को अपना 45वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है. इसको लेकर देशभर में विशेष तैयारियां की गई हैं. बता दें कि, 1984 में 2 सांसद से 270 सांसदों तक पहुंची भारतीय जनता पार्टी के लिए यह वाकई अमृतकाल कहा जा सकता है. क्योंकि पार्टी ने जिस तरह से चुनाव में अपने सांसदों के नंबर बढ़ाए हैं उसे देखकर ऐसा लगता है की पार्टी अपने चरम पर है और विश्व की नंबर वन पार्टी का दावा करनेवाली बीजेपी के लिए 2024 का ये लोकसभा चुनाव भी काफी महत्वपूर्ण है. वह इसलिए क्योंकि 70 साल तक जिस तरह कांग्रेस ने देश पर राज किया उसे देखते हुए कहा जा सकता है की बीजेपी ने संकल्प कर लिया है की उसे आनेवाले दिनों में अगले कई सालों तक सत्ता में काबिज रहना है. शायद यही वजह है कि पार्टी अगले 2047 साल तक का विजन तैयार कर रही है
मोदी-शाह एरा
बीजेपी 2014 में जब अटल आडवाणी के काल से बाहर निकलकर मोदी शाह के एरा में पहुंची तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था. इस अभियान में भाजपा पूरे दमखम के साथ जुड़ गई. यदि इससे पहले की बात की जाए तो पुरानी बीजेपी के नेता चुनाव तो दमखम से लड़ते रहे लेकिन सत्ता में इतनी मेजोरिटी शायद किसी गैर कांग्रेसी पार्टी को आजादी के बाद पहली बार 2014 में ही मिली. इस ग्राफ को मेंटेन करते हुए इसके 5 साल बाद यानी 2019 में भी भाजपा इसमें पीछे नहीं बल्कि दो कदम और आगे बढ़ गई और लोकसभा में सांसदों के नंबर को और इजाफा कर लिया. फिर क्या था न सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का बल्कि पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी मनोबल ऊंचा और आत्मविश्वास से भर गया और वो भी जीत का सपना देखने लगे. जिसका पूरा श्रेय पूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है.कभी जिस जगह पर बीजेपी हुआ करती थी आज उस जगह पर मोदी शाह की जोड़ी ने कांग्रेस को लाकर खड़ा किया है.अब भाजपा ने इससे भी आगे बढ़कर पार्टी के लिए 370 का लक्ष्य और एनडीए के साथ 400 का लक्ष्य दे दिया जो विपक्षियों के सामने एक विशाल चुनौती के समान है.
बीजेपी का इतिहास
बीजेपी का इतिहास भारतीय जनसंघ से जुड़ा हुआ है. स्वतंत्रता प्राप्ति तथा देश विभाजन के साथ ही देश में एक नई राजनीतिक परिस्थिति उत्पन्न हुई. 25 जून, 1975 को देश पर दूसरी बार आपातकाल भारतीय संविधान की धारा 352 के अंतर्गत ‘आंतरिक आपातकाल’ के रूप में थोप दिया गया. देश के सभी बड़े नेता या तो नजरबंद कर दिये गए अथवा जेलों में डाल दिए गये. समाचार पत्रों पर ‘सेंसर’ लगा दिया गया. इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अनेक राष्ट्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उस समय जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर एक नये राष्ट्रीय दल ‘जनता पार्टी’ का गठन किया गया. विपक्षी दल एक मंच से चुनाव लड़े तथा चुनाव में कम समय होने के कारण ‘जनता पार्टी’ का गठन पूरी तरह से राजनीतिक दल के रूप में नहीं हो पाया. आम चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई तथा ‘जनता पार्टी’ एवं अन्य विपक्षी पार्टियां भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई. पूर्व घोषणा के अनुसार 1 मई 1977 को भारतीय जनसंघ ने करीब 5000 प्रतिनिधियों के एक अधिवेशन में अपना विलय जनता पार्टी में कर दिया. हालांकि,जनता पार्टी का प्रयोग अधिक दिनों तक नहीं चल पाया. दो-ढाई वर्षों में ही अंतर्विरोध सतह पर आने लगा. 4 अप्रैल, 1980 को जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति ने अपने सदस्यों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य होने पर प्रतिबंध लगा दिया. पूर्व के भारतीय जनसंघ से संबद्ध सदस्यों ने इसका विरोध किया और जनता पार्टी से अलग होकर 6 अप्रैल, 1980 को एक नये संगठन ‘भारतीय जनता पार्टी’ की घोषणा की. इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई.
बीजेपी: सिफर से शिखर का सफर
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली बार भाजपा सरकार ने 1996 में शपथ ली. परन्तु पर्याप्त समर्थन के अभाव में यह सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई. इसके बाद 1998 के आम चुनावों में भाजपा ने 182 सीटों पर जीत दर्ज की और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने शपथ ली.1999 में भाजपा 182 सीटों पर फिर विजय मिली तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 306 सीटें प्राप्त हुईं. एक बार फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा-नीत राजग की सरकार बनी.अटल बिहारी के नेतृत्व में विकास के अनेक नये प्रतिमान स्थापित किये. पोखरण परमाणु परीक्षण, अग्नि मिसाइल का सफ़ल प्रक्षेपण, करगिल विजय जैसी सफलताओं से भारत का कद अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ऊंचा हुआ. राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में नयी पहल एवं प्रयोग, कृषि, विज्ञान एवं उद्योग के क्षेत्रों में तीव्र विकास के साथ-साथ महंगाई न बढ़ने देने जैसी अनेकों उपलब्धियां इस सरकार के खाते में दर्ज हैं. भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद तथा पंचनिष्ठाओं की संगत विचारधाराओं के आधार पर संगठन का नियमन कर रही है. शासन की नीति में भी इनका समुचित प्रतिबिम्बन होगा.
पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की उपलब्धियां
अब 2014 के बाद बनी नरेंद्र मोदी की सरकार की उपलब्धियों पर बात करें तो सबसे पहले आती है 25 सितंबर 2014 को 'मेक इन इंडिया' की शुरुआत. 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया की शुरुआत. 8 नवंबर 2016 की वो रात, जब बंद हो गए 500-1000 के नोट. 5 अगस्त 2019, जब जम्मू-कश्मीर से हटा अनुच्छेद 370. 30 जुलाई 2019 को पारित हुआ तीन तलाक विधेयक. 10 जनवरी 2020 को लागू हुआ CAA. 1 जुलाई 2017 को लागू किया GST. 16 जून 2022 को अग्निपथ योजना की शुरुआत हुई. 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान उतरा. 9-10 सितंबर को भारत ने G-20 की मेजबानी की. 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजमान की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर का निर्माण.
इस तरह जोर-शोर से बीजेपी मनाएगी स्थापना दिवस
इस साल भी हर साल की तरह 6 अप्रैल को बीजेपी स्थापना दिवस मनाने जा रही है जो जनता के बीच मनाया जाएगा और इस बहाने पार्टी अपनी दमखम भी दिखाएगी क्योंकि माहौल चुनाव का है और ये पार्टी के लिए एक बढ़िया मौका है,इस दौरान जो पार्टी की तरफ से निर्देश दिए गए हैं उनके हिसाब से सभी पार्टी कार्यालयों पर पार्टी का ध्वज फहराने का कार्यक्रम, बीजेपी कार्यालय की सजावट तथा मिष्ठान एवं फल वितरण का निर्देश दिया गया है. सभी कार्यकर्ता अपने-अपने घर पर पार्टी का ध्वज फहराएंगे. इसके साथ ही पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के सम्मान का कार्यक्रम होगा और बूथ स्तर पर लाभार्थियों से विशेष संपर्क का कार्यक्रम और मोदी सरकार की उपलब्धियों की व्यापक चर्चा होगी. साथ ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के ध्वज के साथ पदयात्रा एवं बाइक रैली का आयोजन किया जाएगा. साथ ही साथ 6 अप्रैल को बीजेपी के इतिहास एवं विकास की चर्चा और मोदी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा के लिए संगोष्ठी की जाएगी और ये कार्यकम मुख्यालय समेत सभी राज्यों में होंगे.साथ ही मुख्यालय में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी के ध्वज भी फहराएंगे.
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