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बिलकीस बानो मामला: सभी 11 दोषियों ने गोधरा उप जेल में आत्मसमर्पण किया - 11 दोषियों गोधरा उप जेल आत्मसमर्पण

Bilkis Bano case convicts surrender: चर्चित बिलकीस बानो मामल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी 11 दोषियों ने गुजरात के गोधरा उप जेल में आत्मसमर्पण कर दिया.

Bilkis Bano case All 11 convicts surrender at Godhra sub jail
बिलकीस बानो मामला: सभी 11 दोषियों ने गोधरा उप जेल में आत्मसमर्पण किया
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By PTI

Published : Jan 22, 2024, 8:44 AM IST

गोधरा: बिलकीस बानो मामले के सभी 11 दोषियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समयसीमा का पालन करते हुए गुजरात के पंचमहल जिले की गोधरा उप जेल में रविवार देर रात आत्मसमर्पण कर दिया. स्थानीय अपराध शाखा के निरीक्षक एन.एल. देसाई ने कहा, 'सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.'

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा सजा में दी गई छूट को रद्द करते हुए आठ जनवरी को अहम फैसला सुनाया था. इसके साथ ही न्यायालय ने 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किए गए दोषियों को दो सप्ताह में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पहले दोषियों को आत्मसमर्पण के लिए और समय देने संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था तथा उन्हें रविवार तक आत्मसमर्पण करने को कहा था.

इन 11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद, जसवन्त, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश और शैलेश भट्ट शामिल हैं. फरवरी 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद गुजरात में भड़के भीषण सांप्रदायिक दंगे के समय बिलकीस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं. दंगों से बचने की कोशिश करते समय उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और इस दौरान उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के सात सदस्य मारे गए थे.

ये भी पढ़ें- असम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला, वाहनों में तोड़फोड़ की गई : पार्टी का आरोप

गोधरा: बिलकीस बानो मामले के सभी 11 दोषियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समयसीमा का पालन करते हुए गुजरात के पंचमहल जिले की गोधरा उप जेल में रविवार देर रात आत्मसमर्पण कर दिया. स्थानीय अपराध शाखा के निरीक्षक एन.एल. देसाई ने कहा, 'सभी 11 दोषियों ने रविवार देर रात जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.'

उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा सजा में दी गई छूट को रद्द करते हुए आठ जनवरी को अहम फैसला सुनाया था. इसके साथ ही न्यायालय ने 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किए गए दोषियों को दो सप्ताह में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था. उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पहले दोषियों को आत्मसमर्पण के लिए और समय देने संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था तथा उन्हें रविवार तक आत्मसमर्पण करने को कहा था.

इन 11 दोषियों में बाकाभाई वोहानिया, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, गोविंद, जसवन्त, मितेश भट्ट, प्रदीप मोरधिया, राधेश्याम शाह, राजूभाई सोनी, रमेश और शैलेश भट्ट शामिल हैं. फरवरी 2002 में गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद गुजरात में भड़के भीषण सांप्रदायिक दंगे के समय बिलकीस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं. दंगों से बचने की कोशिश करते समय उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और इस दौरान उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के सात सदस्य मारे गए थे.

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