बीजापुर : प्रदेश के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में नक्सली अक्सर सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगलों में जगह-जगह आईईडी सेट कर देते हैं. इन आईईडी की चपेट में कई बार स्थानीय ग्रामीण और जंगली जीव भी आ जाते हैं. ताजा मामला बीजापुर से सामने आ रहा है. यहां नक्सलियों के लगाए आईईडी की चपेट में आने से एक 10 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई. आईईडी ब्लास्ट में घायल आदिवासी बच्चे को इलाज के लिए बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जीतेन्द्र यादव ने इसकी पुष्टि की है.
आईईडी की चपेट में आने से मासूम की मौत : यह पूरी घटना बीजापुर जिले के पीड़िया मुरूम पारा की है. यहां के जंगलों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने आईईडी लगा रखा था. शनिवार को शनिवार को एक 10 साल का बच्चा बकरी चराने पटेलपारा मुतवेंडी थाना गंगालूर क्षेत्र के जंगल में गया हुआ था. इसी दौरान वह मुरूमपारा के पास दोपहर 2.30 बजे नक्सलियों के लगाए प्रेशर IED की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया. बच्चे के हाथ-पैर में गंभीर चोटें आई थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक बच्चे का नाम हिड़मा कवासी बताया जा रहा है.
"घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के जवानों ने उसका प्राथमिक उपचार किया. घायल बालक को बेहतर इलाज के लिए बीजापुर जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन मासूम बच्चे की जान नहीं बच सकी और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई." - डॉ. जीतेन्द्र यादव, पुलिस अधीक्षक, बीजापुर
जिला अस्पताल में चल रहा इलाज: आईईडी ब्लास्ट में घायल बच्चे को पहले इलाज के लिए मुतवेंडी केरिपु बल कैम्प (सीआरपीएफ) में लाया गया, जहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद मासूम को बीजापुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया. डॉक्टरों की निगरानी में इलका ईलाज किया जा रहा था, लेकिन घायल बच्चे ने दम तोड़ दिया. इस अप्रत्याशित घटना के बाद परिजन सदमे में है. उन पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है.
प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अक्सर नक्सली सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे सेल जंगलों के रास्तों में बम, आईईडी सहित कई विस्फोटक लगा देते हैं. इसकी चपेट में कई बार मासूम ग्रामीण भी आ जाते हैं. कई बार को आईईडी की चपेट में आने से सुरक्षाबलों के जवान या निर्दोष ग्रामीणों की मौत हो चुकी है.