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जयपुर सीरियल ब्लास्ट : हाईकोर्ट से बरी आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चलेगा केस - Jaipur Serial Bomb Blast Case - JAIPUR SERIAL BOMB BLAST CASE

Jaipur Serial Bomb Blast Case, जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट केस में राजस्थान सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका को स्वीकार कर लिया गया है. अब आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस चलेगा.

Jaipur Serial Bomb Blast Case
आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चलेगा मामला (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 2, 2024, 3:00 PM IST

Updated : Aug 2, 2024, 4:07 PM IST

जयपुर/दिल्ली. राजधानी जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका स्वीकार हो गई है. सुप्रीम कोर्ट अब हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगा. राज्य सरकार की ओर से घटना में दर्ज चार एफआईआर में एसएलपी पेश की गई थी, जबकि बम धमाकों को लेकर चार अन्य मामलों में पूर्व में ही विशेष अनुमति याचिकाएं पेश हो चुकी है.

न्यायालय संख्या 13 के तहत आइटम संख्या 26, 26.1, 26.2 और 37 में, न्यायमूर्ति एम.एम सुन्दरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार के समक्ष सूचीबद्ध किए गए हैं. राजस्थान सरकार ने इन याचिकाओं को मुख्य अभियुक्तों, जिसमें सैफुर्रहमान अंसारी और शहबाज हुसैन, शहबाज अहमद शामिल हैं के खिलाफ दाखिल किया है. ये अभियुक्त 2008 में जयपुर में हुए भयानक घटना के दौरान बम लगाने और उसे अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा राजस्थान सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए.

इसे भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट ने जिंदा बम मामले में आरोपी सलमान को जमानत देने से किया इनकार, कहा- 15 मई तक ट्रायल पूरी करे विशेष कोर्ट

प्रारंभिक ट्रायल कोर्ट ने सैफुर्रहमान अंसारी को दोषी ठहराया था, जिसमें FIR संख्या 118/2008 में उन्हें मृत्युदंड और कई अन्य FIRs (117/2008, 119/2008, 120/2008, 130/2008, 131/2008, 132/2008, और 133/2008) में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. ये निर्णय और सजा 18 नवंबर, 2019 और 20 दिसंबर, 2019 को सुनाई गई थी.

गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर की चारदीवारी के भीतर स्थित बाजारों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत के साथ ही कई लोग जख्मी हो गए थे. वहीं, इस दौरान एक जगह से बम निरोधक दस्ते ने जिंदा बम भी बरामद किया था. प्रकरण में बम धमाकों के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने मोहम्मद सैफ और सरवर आजमी सहित अन्य को आरोपी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को रद्द कर इन्हें बरी कर दिया था. जबकि जिंदा बम मामले में विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है.

जयपुर/दिल्ली. राजधानी जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका स्वीकार हो गई है. सुप्रीम कोर्ट अब हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगा. राज्य सरकार की ओर से घटना में दर्ज चार एफआईआर में एसएलपी पेश की गई थी, जबकि बम धमाकों को लेकर चार अन्य मामलों में पूर्व में ही विशेष अनुमति याचिकाएं पेश हो चुकी है.

न्यायालय संख्या 13 के तहत आइटम संख्या 26, 26.1, 26.2 और 37 में, न्यायमूर्ति एम.एम सुन्दरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार के समक्ष सूचीबद्ध किए गए हैं. राजस्थान सरकार ने इन याचिकाओं को मुख्य अभियुक्तों, जिसमें सैफुर्रहमान अंसारी और शहबाज हुसैन, शहबाज अहमद शामिल हैं के खिलाफ दाखिल किया है. ये अभियुक्त 2008 में जयपुर में हुए भयानक घटना के दौरान बम लगाने और उसे अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा राजस्थान सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए.

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प्रारंभिक ट्रायल कोर्ट ने सैफुर्रहमान अंसारी को दोषी ठहराया था, जिसमें FIR संख्या 118/2008 में उन्हें मृत्युदंड और कई अन्य FIRs (117/2008, 119/2008, 120/2008, 130/2008, 131/2008, 132/2008, और 133/2008) में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. ये निर्णय और सजा 18 नवंबर, 2019 और 20 दिसंबर, 2019 को सुनाई गई थी.

गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर की चारदीवारी के भीतर स्थित बाजारों में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत के साथ ही कई लोग जख्मी हो गए थे. वहीं, इस दौरान एक जगह से बम निरोधक दस्ते ने जिंदा बम भी बरामद किया था. प्रकरण में बम धमाकों के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय ने मोहम्मद सैफ और सरवर आजमी सहित अन्य को आरोपी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इनकी फांसी की सजा को रद्द कर इन्हें बरी कर दिया था. जबकि जिंदा बम मामले में विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है.

Last Updated : Aug 2, 2024, 4:07 PM IST
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