नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने स्पाइस जेट को राहत दी है. जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें स्पाइस जेट को कलानिधि मारन के स्वामित्व वाली कंपनी को 270 करोड़ रुपये लौटाने के आर्बिट्रेशन अवार्ड को सही ठहराया गया था. डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के 31 जुलाई 2023 के आदेश को निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले को स्पाइस जेट ने डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी.
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पहले की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2018 में स्पाईस जेट को आदेश दिया था कि वह मारन को 270 करोड़ रुपये लौटाए. ट्रिब्यूनल ने स्पाईस जेट को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ ये रकम अदा करने का निर्देश दिया था. मारन ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल का फैसला उनके पक्ष में आने के बाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी. सिंगल बेंच ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के आदेश पर मुहर लगा दी थी.
सुनवाई के दौरान स्पाईस जेट और अजय सिंह की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने कहा था कि उनका बकाया 194 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा था कि स्पाईस जेट अपने बकाये का प्रतिभूति शेयर देने को तैयार है. उनके इस प्रस्ताव को मारन की ओर से खारिज कर दिया गया था. सिब्बल ने कहा था कि स्पाईस जेट कंपनी की वित्तीय हालत काफी खराब है. अगर स्पाईस जेट को नकदी देने को कहा जाएगा तो ये कंपनी के लिए घातक होगा.
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