देहरादून: बीती 31 जुलाई को रुद्रप्रयाग जिले की केदार घाटी में आई आपदा में अभीतक लापता लोगों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट और अधिकारियों के बयानों में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन जहां केदार घाटी आपदा में 20 लोगों के लापता होने की बात कह रहे हैं तो वहीं 2 सितंबर को जारी हुई आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट में लापता लोगों की संख्या जीरो दिखाई गई है.
31 जुलाई को भीमबली के पास बादल फटने की घटना: दरअसल, बीती 31 जुलाई को रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली के पास बादल फटने से बड़ा नुकसान हुआ था. इस दौरान हजारों लोग केदारनाथ पैदल मार्ग और धाम में फंस गए थे. केदारघाटी में फंसे लोगों को बचाने के लिए सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को निकाला गया था. उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जो जानकारी सामने आई थी, उसमें साफ किया गया था कि कोई व्यक्ति लापता नहीं है.
![Kedarghati disaste](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-09-2024/uk-deh-03-missing-report-on-kedarnath-disaster-vis-byte-7205800_02092024185036_0209f_1725283236_398.jpeg)
वहीं, बीते दिनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने प्रतिनिधिमंडल के रूप में बीजेपी नेता रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल को केदारनाथ पैदल मार्ग और धाम के हालात का जायजा लेने भेजा था. वहां से लौटने से बाद अजय कोठियाल ने पत्रकारों से बात की.
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट में अंतर: कोठियाल ने बताया कि केदार घाटी में 31 जुलाई रात को आई प्राकृतिक आपदा में कुल 27 लोगों के लापता होने की अधिकृत जानकारी अब तक शासन-प्रशासन को मिली है. इसमें सात लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, और 20 लोग अभी भी लापता है. हालांकि, हैरानी की बात ये है कि 2 सितंबर को जारी हुई उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट कुछ और ही जाहिर कर रही है.
![Rudraprayag Kedarghati disaster](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-09-2024/22359056_thum554.png)
आपदा सचिव का बयान: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के हिसाब से दो सितंबर तक केदारघाटी आपदा में कोई भी व्यक्ति लापता नहीं है. इसके अलावा उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है कि 31 जुलाई की रात को केदार घाटी में कितने लोग थे. हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने अजय कोठियाल के बयान के बाद ये माना है कि केदारघाटी आपदा में अभी भी 20 लोग लापता है. वहीं सात लोगों की मौत की बात भी मौखिर तौर पर आपदा सचिव मान रहे हैं.
![Rudraprayag Kedarghati disaster](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-09-2024/22359056_thum554hhgh.png)
वहीं, जब उनसे पूछा गया है कि 31 जुलाई केदारघाटी आपदा में आपदा प्रबंधन विभाग अपनी रिपोर्ट में लापता लोगों की संख्या जीरो दिखा रहा है. इस पर सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उनके पास जितने भी लोगों के लापता होने की कॉल आई थी, पहले उनकी जानकारी एकत्र की गई. इस तरह के उनके पास से कुल 23 लोगों के लापता होने की रिपोर्ट आई, जिसमें से 3 के शव मिल गए हैं. वहीं 20 लोग अभी भी लापता है.
उन्होंने ये भी बताया कि इसके अलावा चार लोगों के शव पहले ही मिल गए थे, जिनकी कोई मिसिंग रिपोर्ट नहीं थी. इस तरह केदारघाटी आपदा में कुल सात लोगों की मौत हुई और 20 लोग अभी भी लापता है. यहां बात ये है कि आपदा प्रबंधन सचिव तो 20 लोगों के लापता और सात लोगों के मौत की पुष्टि तो कर रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट में अभी भी लापता कॉलम में शून्य ही जारी हो रहा है.
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