अयोध्या: रामनगरी में भव्य राम मंदिर में दर्शन के आकांक्षी लोगों के लिए अब एक और भी आकर्षण होगा. यहां भक्तों के लिए शीशे से भूल भुलैया बनाई गई है. उम्मीद है कि दीपोत्सव से पहले लोगों को इसका लाभ मिलेगा. यह राम मंदिर से करीब 3 किमी की दूरी पर है.
योगी सरकार ने अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक दर्जन से अधिक योजनाएं संचालित कर रखी हैं. इसी क्रम में बेनीगंज क्षेत्र स्थित जलकल विभाग के परिसर में 1400 स्क्वायर फीट में 3 करोड़ 95 लाख रुपये की लागत से रामायण के प्रसंग माता सीता की खोज के थीम पर शीशे की भूल भुलैया बनाई गई है. यह अयोध्या समेत दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी.
भूल भुलैया बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर शरद शाश्वत ने बताया कि स्टेट स्मार्ट सिटी योजना के माध्यम से इसे तैयार किया जा रहा है. इसे 'मिरर बेस्ट सीता जी की खोज' का नाम दिया गया है. इसके अंदर जाने के बाद बाहर निकालने के लिए रास्ता खोजना होगा. इसमें शीशे के अलग-अलग चैंबर्स बनाए गए हैं. 3 साल के लिए ऑपरेशन मेंटेनेंस कंपनी के द्वारा किया जाएगा. नगर निगम के द्वारा संचालित किया जाएगा.
बताया कि इस भूल भुलैया में एक बार में करीब 20 लोग ही लोग जा सकते हैं. भूल भुलैया में एक व्यक्ति मैक्सिमम 8 से 10 मिनट तक रह सकता है, अगर किसी को इसके अंदर रास्ता नहीं मिलता है और वह भूल भुलैया में रास्ता भूल गया है तो उसको गाइड बताएगा कि राइट जाना है कि लेफ्ट जाना है.
नगर आयुक्त संतोष कुमार बताते हैं कि यह योजना अयोध्या वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी. कहा कि इससे लोगों को इस बात का बोध कराया जाएगा कि उसे समय कैसी परिस्थितियों रही होंगी जब हनुमान जी माता सीता की खोज के लिए गए थे. अपने आप में यह योजना धार्मिक आध्यात्मिक के साथ स्वास्थ मनोरंजन और रोमांचक है. दीपोत्सव के पूर्व ही शहर वासियों को यह सौगात मिल जाएगी.