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बेंगलुरु जल संकट: BBMP हेल्पलाइन नंबर पर आए सैकड़ों कॉल, इन गतिविधियों पर लगेगा ₹5,000 जुर्माना

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 8, 2024, 3:58 PM IST

Water crisi in Bengaluru : बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) ने 6 मार्च को 1916 हेल्पलाइन शुरू की थी, और लोगों से अपील की थी कि इस नंबर पर कोई भी कॉल कर पानी की समस्या की शिकायत कर सकता है. जिसके कुछ ही घंटों में बहुत सारे कॉल आए हैं. अधिकारियों ने कहा कि सभी कॉलों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है.

Water crisi in Bengaluru
बेंगलुरु जल संकट

बेंगलुरु : बेंगलुरु में जल संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कारों की धुलाई, बागवानी, घर निर्माण और रखरखाव सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (KWSSB) ने उल्लंघन के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है. यह कदम बेंगलुरु शहर प्रशासन द्वारा गुरुवार को पानी की मात्रा और वितरण दूरी के आधार पर पानी के टैंकरों के लिए मूल्य सीमा तय करने के बाद उठाया गया है.

गर्मी पूरी तरह शुरू होने से पहले ही शहर पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है. पिछले मानसून सीजन में कम बारिश के कारण भारी कमी के कारण शहर भर में 3,000 से अधिक बोरवेल भी सूख गए हैं. टेक हब में अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स और गेटेड समुदायों ने भी पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है. कुछ निवासियों ने सोशल मीडिया पर यह साझा किया कि उनकी सोसायटी नोटिस भेज रही हैं कि पानी बहुत कम या बिल्कुल नहीं बचा है.

वहीं, लोगों की इस परेशानी को देखते हुए कर्नाटक सरकार की तरफ से जल संकट के समाधान के लिए तालुका स्तर पर नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन शुरु किया गया है. वहीं, पानी की आपूर्ति और मवेशियों के लिए चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र के विधायक के नेतृत्व में तालुका स्तर पर कार्य बल का गठन किया गया है. हेल्पलाइन शुरू करने के बाद ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को सैकड़ों फोन कॉल आए हैं. प्रमुख लेआउट से अधिकांश कॉल पानी की मांग से संबंधित हैं. निगम के अधिकारियों ने कहा कि यह कॉल्स पानी की मांग, सूखे बोरवेल, टैंकर से जलापूर्ति की मांग और ऊंची फीस संबंधित हैं.

बता दें, बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) ने 6 मार्च को 1916 हेल्पलाइन शुरू की थी, और लोगों से अपील की थी कि इस नंबर पर कोई भी कॉल कर पानी की समस्या की शिकायत कर सकता है. जिसके कुछ ही घंटों में बहुत सारे कॉल आए हैं. अपार्टमेंट्स से भी पानी की कमी की शिकायतें आई हैं. जल बोर्ड के माध्यम से भी पानी की आपूर्ति करने की मांग की गयी है. बीबीएमपी गंभीर जल संकट और मलिन बस्तियों वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है. खासकर शहर के बाहरी इलाकों में पानी की कमी हो गयी है. अधिकारियों ने कहा कि इन हिस्सों से आने वाली कॉलों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है.

2008 में बीबीएमपी में शामिल हुए 110 गांवों में पानी की समस्या के समाधान के लिए एक अलग हेल्पलाइन 1533 शुरू की गई है. इन इलाकों के लिए एक कार्यकारी अभियंता को प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. निगम के बाहरी क्षेत्रों के 35 वार्डों के 110 गांवों में पीने के पानी की समस्या को हल करने के लिए बीबीएमपी ने 35 वार्डों के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. 5 रुपये का सिक्का डालकर मुफ्त पानी चार्ज करने वाली आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) इकाइयां पहले ही एक-एक करके बंद हो रही हैं. बता दें, यह समस्या बोरवेल में पानी की कमी के कारण है. कम पानी वाले बोरवेलों की आरओ यूनिटें थोड़े समय के लिए खोली जा रही हैं. प्रभारी अधिकारियों ने बताया कि लोगों को सुबह-शाम दो-दो घंटे ही पानी मिलता है.

दूसरी ओर बेंगलुरु जिला प्रशासन निजी पानी टैंकर माफिया पर लगाम कसने के लिए के लिए पानी टैंकर का रेट तय कर आदेश जारी कर दिया गया है. टैंकर मालिकों के साथ बैठक के बाद यह आदेश जारी किया गया है. बता दें, 5 किमी के दायरे में पानी सप्लाई करने वाले 6 हजार लीटर के टैंकर के लिए 600 रुपए और 10 किमी के दायरे में 750 रुपए 5 किलोमीटर के दायरे में 8 हजार लीटर पानी के टैंकर के लिए 700 रुपये और 10 किलोमीटर के दायरे में 8 हजार लीटर पानी के लिए 850 रुपये देने होंगे. 5 किमी के अंदर 1200 लीटर पानी के टैंकर के लिए 1000 रुपये और 10 किमी के अंदर 1200 लीटर के पानी के टैंकर के लिए 1200 रुपये. ये दरें जीएसटी सहित तय किए गए हैं. यह कार्रवाई पानी टैंकर मालिकों के आरोपों के बाद की गई है और कहा गया है कि टैंकर माफिया कुछ इलाकों में प्रति पानी टैंकर 2500 से 3000 रुपये वसूल रहे थे.

बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने भी शहर में अन्य उद्देश्यों के लिए पीने के पानी के उपयोग पर रोक लगाने का एक आदेश जारी किया है. वहीं, आदेश में यह भी कहा गया इस आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जायेगा. बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज अधिनियम-1964 की धारा 33 और 34 के अनुसार, बेंगलुरु शहर में पीने योग्य पानी का उपयोग वाहनों की सफाई, बागवानी, भवनों के निर्माण के लिए नहीं किया जा सकता है और मनोरंजन फव्वारे, सड़क निर्माण और सफाई जैसी आकर्षक प्रणालियों पर भी प्रतिबंध है. बीडब्ल्यूएसएसबी के अध्यक्ष डॉ वी राम प्रसाद मनोहर ने आदेश में कहा.

उल्लंघन करने वालों पर जल बोर्ड अधिनियम 1964 की धारा 109 के अनुसार 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. बार-बार उल्लंघन करने पर जुर्माना राशि के अतिरिक्त 500 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा. नता का कोई भी सदस्य जो इस आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, उसे बोर्ड के कॉल सेंटर नंबर 1916 पर कॉल करना चाहिए और तुरंत इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए.

डॉ. वी राम प्रसाद मनोहर ने कहा कि बेंगलुरु की आबादी लगभग 1 करोड़ 40 लाख है, जिसमें स्थायी निवासी और आने-जाने वाले लोग शामिल हैं. सभी को पीने के पानी की आपूर्ति जरूरी है. इस समय शहर में तापमान हर दिन बढ़ रहा है. बारिश की कमी के कारण, भूजल में भी गिरावट आई है. बेंगलुरु शहर में, जनता को पानी की बर्बादी को रोकने के लिए यह आवश्यक समझते हुए इसका संयम से उपयोग करना चाहिए. यह आदेश सार्वजनिक हित में जारी किया गया है.

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बेंगलुरु : बेंगलुरु में जल संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कारों की धुलाई, बागवानी, घर निर्माण और रखरखाव सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए पीने के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (KWSSB) ने उल्लंघन के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है. यह कदम बेंगलुरु शहर प्रशासन द्वारा गुरुवार को पानी की मात्रा और वितरण दूरी के आधार पर पानी के टैंकरों के लिए मूल्य सीमा तय करने के बाद उठाया गया है.

गर्मी पूरी तरह शुरू होने से पहले ही शहर पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है. पिछले मानसून सीजन में कम बारिश के कारण भारी कमी के कारण शहर भर में 3,000 से अधिक बोरवेल भी सूख गए हैं. टेक हब में अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स और गेटेड समुदायों ने भी पानी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है. कुछ निवासियों ने सोशल मीडिया पर यह साझा किया कि उनकी सोसायटी नोटिस भेज रही हैं कि पानी बहुत कम या बिल्कुल नहीं बचा है.

वहीं, लोगों की इस परेशानी को देखते हुए कर्नाटक सरकार की तरफ से जल संकट के समाधान के लिए तालुका स्तर पर नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन शुरु किया गया है. वहीं, पानी की आपूर्ति और मवेशियों के लिए चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र के विधायक के नेतृत्व में तालुका स्तर पर कार्य बल का गठन किया गया है. हेल्पलाइन शुरू करने के बाद ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को सैकड़ों फोन कॉल आए हैं. प्रमुख लेआउट से अधिकांश कॉल पानी की मांग से संबंधित हैं. निगम के अधिकारियों ने कहा कि यह कॉल्स पानी की मांग, सूखे बोरवेल, टैंकर से जलापूर्ति की मांग और ऊंची फीस संबंधित हैं.

बता दें, बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) ने 6 मार्च को 1916 हेल्पलाइन शुरू की थी, और लोगों से अपील की थी कि इस नंबर पर कोई भी कॉल कर पानी की समस्या की शिकायत कर सकता है. जिसके कुछ ही घंटों में बहुत सारे कॉल आए हैं. अपार्टमेंट्स से भी पानी की कमी की शिकायतें आई हैं. जल बोर्ड के माध्यम से भी पानी की आपूर्ति करने की मांग की गयी है. बीबीएमपी गंभीर जल संकट और मलिन बस्तियों वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है. खासकर शहर के बाहरी इलाकों में पानी की कमी हो गयी है. अधिकारियों ने कहा कि इन हिस्सों से आने वाली कॉलों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है.

2008 में बीबीएमपी में शामिल हुए 110 गांवों में पानी की समस्या के समाधान के लिए एक अलग हेल्पलाइन 1533 शुरू की गई है. इन इलाकों के लिए एक कार्यकारी अभियंता को प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. निगम के बाहरी क्षेत्रों के 35 वार्डों के 110 गांवों में पीने के पानी की समस्या को हल करने के लिए बीबीएमपी ने 35 वार्डों के लिए अलग से नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं. 5 रुपये का सिक्का डालकर मुफ्त पानी चार्ज करने वाली आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) इकाइयां पहले ही एक-एक करके बंद हो रही हैं. बता दें, यह समस्या बोरवेल में पानी की कमी के कारण है. कम पानी वाले बोरवेलों की आरओ यूनिटें थोड़े समय के लिए खोली जा रही हैं. प्रभारी अधिकारियों ने बताया कि लोगों को सुबह-शाम दो-दो घंटे ही पानी मिलता है.

दूसरी ओर बेंगलुरु जिला प्रशासन निजी पानी टैंकर माफिया पर लगाम कसने के लिए के लिए पानी टैंकर का रेट तय कर आदेश जारी कर दिया गया है. टैंकर मालिकों के साथ बैठक के बाद यह आदेश जारी किया गया है. बता दें, 5 किमी के दायरे में पानी सप्लाई करने वाले 6 हजार लीटर के टैंकर के लिए 600 रुपए और 10 किमी के दायरे में 750 रुपए 5 किलोमीटर के दायरे में 8 हजार लीटर पानी के टैंकर के लिए 700 रुपये और 10 किलोमीटर के दायरे में 8 हजार लीटर पानी के लिए 850 रुपये देने होंगे. 5 किमी के अंदर 1200 लीटर पानी के टैंकर के लिए 1000 रुपये और 10 किमी के अंदर 1200 लीटर के पानी के टैंकर के लिए 1200 रुपये. ये दरें जीएसटी सहित तय किए गए हैं. यह कार्रवाई पानी टैंकर मालिकों के आरोपों के बाद की गई है और कहा गया है कि टैंकर माफिया कुछ इलाकों में प्रति पानी टैंकर 2500 से 3000 रुपये वसूल रहे थे.

बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने भी शहर में अन्य उद्देश्यों के लिए पीने के पानी के उपयोग पर रोक लगाने का एक आदेश जारी किया है. वहीं, आदेश में यह भी कहा गया इस आदेश का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जायेगा. बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज अधिनियम-1964 की धारा 33 और 34 के अनुसार, बेंगलुरु शहर में पीने योग्य पानी का उपयोग वाहनों की सफाई, बागवानी, भवनों के निर्माण के लिए नहीं किया जा सकता है और मनोरंजन फव्वारे, सड़क निर्माण और सफाई जैसी आकर्षक प्रणालियों पर भी प्रतिबंध है. बीडब्ल्यूएसएसबी के अध्यक्ष डॉ वी राम प्रसाद मनोहर ने आदेश में कहा.

उल्लंघन करने वालों पर जल बोर्ड अधिनियम 1964 की धारा 109 के अनुसार 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. बार-बार उल्लंघन करने पर जुर्माना राशि के अतिरिक्त 500 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा. नता का कोई भी सदस्य जो इस आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, उसे बोर्ड के कॉल सेंटर नंबर 1916 पर कॉल करना चाहिए और तुरंत इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए.

डॉ. वी राम प्रसाद मनोहर ने कहा कि बेंगलुरु की आबादी लगभग 1 करोड़ 40 लाख है, जिसमें स्थायी निवासी और आने-जाने वाले लोग शामिल हैं. सभी को पीने के पानी की आपूर्ति जरूरी है. इस समय शहर में तापमान हर दिन बढ़ रहा है. बारिश की कमी के कारण, भूजल में भी गिरावट आई है. बेंगलुरु शहर में, जनता को पानी की बर्बादी को रोकने के लिए यह आवश्यक समझते हुए इसका संयम से उपयोग करना चाहिए. यह आदेश सार्वजनिक हित में जारी किया गया है.

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