कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (LOP) सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना के खिलाफ डीजीपी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन की अनुमति के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है.
मामले की सुनवाई 25 जून को न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ के समक्ष होने की संभावना है. इससे पहले अधिकारी ने मध्य कोलकाता में राजभवन के सामने धरना-प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी. पुलिस की अनुमति न मिलने के बाद उन्होंने न्यायमूर्ति सिन्हा की पीठ का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन न्यायमूर्ति सिन्हा ने उन्हें धरना-प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थल चुनने की सलाह दी.
शुक्रवार को अधिकारी ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) के कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला किया है. अधिकारी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि राजभवन के सामने प्रदर्शन करने का उनका पिछला फैसला चुनाव के बाद की हिंसा के मुद्दे पर राज्यपाल को निशाना बनाने के लिए नहीं था.
विपक्ष के नेता ने कहा कि पिछले साल सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एक अन्य मुद्दे पर राजभवन के सामने पांच दिवसीय विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था. पुलिस ने उन्हें अनुमति दी थी, जबकि वहां साल भर धारा 144 लागू रहती है. इसलिए हमें उम्मीद थी कि पुलिस हमें भी अनुमति देगी.
राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने पहले ही शुभेंदु अधिकारी और चुनाव के बाद की हिंसा के कुछ पीड़ितों से मुलाकात के बाद इस मामले पर एक कड़ा बयान जारी किया था. इसके साथ ही दावा किया था कि वह इस खतरे को खत्म करने के लिए अंत तक प्रयास करेंगे.
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