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सर्व आदिवासी समाज का बस्तर बंद, बीजापुर गोलीकांड मौत और हसदेव अरण्य में खनन का विरोध - सर्व आदिवासी समाज

Bastar Bandh Of Tribal Communities सर्व आदिवासी समाज ने बस्तर के बीजापुर में छह माह की बच्ची की मौत और हसदेव अरण्य में कटाई को लेकर बंद का आह्वान किया है. आदिवासी समाज के बंद का असर बस्तर के जिलों में देखने को मिला.संभाग के कई जिलों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे.Protest Against Felling In Hasdeo forest

Bastar bandh of  tribal communities
सर्व आदिवासी समाज का बस्तर बंद
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 23, 2024, 2:30 PM IST

Updated : Jan 24, 2024, 8:55 AM IST

सर्व आदिवासी समाज का बस्तर बंद

बस्तर : बीजापुर में छह माह की बच्ची की गोली लगने से हुई मौत के बाद आदिवासी समाज अब सड़क पर उतर आया है. बच्ची की मौत और हसदेव अरण्य में जंगलों की लगातार हो रही कटाई के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज ने एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है. सुबह से ही बस्तर जिले की सभी प्रतिष्ठान बंद हैं. सर्व आदिवासी समाज के सदस्य नगर में रैली निकालकर लगातार दुकानों को बंद करा रहे हैं

सर्व आदिवासी समाज कर रहा मुआवजे की मांग : आपको बता दें कि इस घटना में जहां पुलिस का कहना था कि नक्सलियों की गोली से बच्ची की मौत हुई है.वहीं नक्सलियों ने इस बात का खंडन करते हुए पुलिस की गोली से बच्ची की हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.वहीं अब आदिवासी बच्ची के परिवार के समर्थन में सर्व आदिवासी समाज न्याय की मांग कर रहा है.आदिवासियों के बंद को बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने भी अपना समर्थन दिया है. जिसके बाद बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर , नारायणपुर, कोंडागांव और कांकेर जिले बंद हैं. सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष गंगाराम नाग के मुताबिक बीजापुर में हुई मासूम बच्ची की मौत और हसदेव अरण्य के विरोध में बंद किया गया है.

'' मासूम के परिवार नौकरी और मुआवजा देने की भी मांग सर्व आदिवासी समाज कर रहा है. साथ ही मामले की न्यायिक जांच करने की भी आदिवासी समाज अपील कर रहा है. यदि सरकार आदिवासियों की इस मांग को पूरी नहीं करती हैं तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन आदिवासी समाज करेगा.''- गंगाराम नाग, जिला अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज

कब हुई थी घटना ? : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बीते 1 जनवरी को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी.दोनों ओर से गोलियां चली.जिसमें एक गोली की शिकार 6 माह की मासूम बच्ची हुई.गोली किसकी ओर से चली ये अब तक सामने नहीं आ सका है. वहीं हसदेव क्षेत्र में आदिवासियों की सबसे बड़ी पूंजी वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. जिससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज को आहत पहुंचा है. इसलिए हसदेव अरण्य मामले में सरकार से खदान निरस्त करने की मांग आदिवासी समाज कर रहा है.

सर्व आदिवासी समाज का बस्तर बंद

बस्तर : बीजापुर में छह माह की बच्ची की गोली लगने से हुई मौत के बाद आदिवासी समाज अब सड़क पर उतर आया है. बच्ची की मौत और हसदेव अरण्य में जंगलों की लगातार हो रही कटाई के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज ने एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है. सुबह से ही बस्तर जिले की सभी प्रतिष्ठान बंद हैं. सर्व आदिवासी समाज के सदस्य नगर में रैली निकालकर लगातार दुकानों को बंद करा रहे हैं

सर्व आदिवासी समाज कर रहा मुआवजे की मांग : आपको बता दें कि इस घटना में जहां पुलिस का कहना था कि नक्सलियों की गोली से बच्ची की मौत हुई है.वहीं नक्सलियों ने इस बात का खंडन करते हुए पुलिस की गोली से बच्ची की हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.वहीं अब आदिवासी बच्ची के परिवार के समर्थन में सर्व आदिवासी समाज न्याय की मांग कर रहा है.आदिवासियों के बंद को बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने भी अपना समर्थन दिया है. जिसके बाद बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर , नारायणपुर, कोंडागांव और कांकेर जिले बंद हैं. सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष गंगाराम नाग के मुताबिक बीजापुर में हुई मासूम बच्ची की मौत और हसदेव अरण्य के विरोध में बंद किया गया है.

'' मासूम के परिवार नौकरी और मुआवजा देने की भी मांग सर्व आदिवासी समाज कर रहा है. साथ ही मामले की न्यायिक जांच करने की भी आदिवासी समाज अपील कर रहा है. यदि सरकार आदिवासियों की इस मांग को पूरी नहीं करती हैं तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन आदिवासी समाज करेगा.''- गंगाराम नाग, जिला अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज

कब हुई थी घटना ? : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बीते 1 जनवरी को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी.दोनों ओर से गोलियां चली.जिसमें एक गोली की शिकार 6 माह की मासूम बच्ची हुई.गोली किसकी ओर से चली ये अब तक सामने नहीं आ सका है. वहीं हसदेव क्षेत्र में आदिवासियों की सबसे बड़ी पूंजी वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. जिससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज को आहत पहुंचा है. इसलिए हसदेव अरण्य मामले में सरकार से खदान निरस्त करने की मांग आदिवासी समाज कर रहा है.

Last Updated : Jan 24, 2024, 8:55 AM IST
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