मुंबई: इस साल अप्रैल से मई के महीने में देश भर में लोकसभा चुनाव होंगे. इसे लेकर देशभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश के बाद दूसरी सबसे अधिस लोकसभा सीटों वाला राज्य महाराष्ट्र पहले से अपनी अनूठी राजनीतिक गतिविधियों के कारण जनता और राजनीतिक विश्लेषकों के नजर में है. इसी क्रम में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इसे और रोचक बना दिया. उन्होंने ऐसे संकेत दिये की वह बारामती से अपनी बहन और शरद पवार की बेटी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं. उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए यह संकेत दिया.
बता दें कि बारामती लोकसभा क्षेत्र परंपरागत रूप से शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले का गढ़ रहा है. हालांकि, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने के अपने इरादे की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यदि उनका उम्मीदवार सुले के खिलाफ जीतता है, तो ही वह बारामती से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने मतदाताओं से निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए वोट करने का आग्रह किया.
अजीत पवार ने कहा कि वह ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे जिसने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा हो. लेकिन उस व्यक्ति को पर्याप्त अनुभव वाले लोगों का समर्थन प्राप्त होगा. पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र राज्य के गठन और चुनाव शुरू होने के बाद से आज तक बारामती में ऐसा कभी नहीं हुआ कि विपक्षी उम्मीदवार की जमानत जब्त न हुई हो. और मुझे इस पर गर्व है.
उन्होंने लोगों से अपना प्यार दिखाने का आग्रह करते हुए कहा कि लोग आपके पास आएंगे और भावनात्मक मुद्दों पर वोट मांगेंगे, लेकिन यह आपको तय करना है कि आप भावनात्मक आधार पर वोट देंगे या आपकी आने वाली पीढ़ियों के लिए विकास कार्य जारी रखने और जन कल्याण के लिए वोट देंगे.
सुले पर परोक्ष हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग काम करते हैं, उन्हें आरोपों का सामना करना ही पड़ता है. जो लोग काम नहीं करते, उनका साफ रहना तय है. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने गुरुवार को डिप्टी सीएम अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली एनसीपी घोषित करने के अपने फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि फैसले में कोई भी रुख 'असंवैधानिक' या 'मनमाना' नहीं है.