सूरत: बांग्लादेश में दो महीने तक चले आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 5 अगस्त को पद से इस्तीफा दे दिया. हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा. हालांकि, बांग्लादेश के हालात अभी भी खराब है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भी हिंसा देखने को मिली रही है.
बांग्लादेश से बाहर रह रहे लोग और छात्र देश के हालात और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. भारत में भी बांग्लादेश के कई छात्र विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करते हैं. सूरत की वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला एक बांग्लादेशी छात्र ने अपने देश में फैल रही हिंसा को लेकर चिंता जाहिर की है.
इमोन अली नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में बीए इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर रहे हैं. बांग्लादेश के मौजूदा हालात के कारण इमोन को अपने परिवार की चिंता सता रही है. उन्होंने कहा कि मेरा परिवार ढाका में रहता है और मैं लगातार उनके संपर्क में हूं. बांग्लादेश में विरोध शुरू होने से दो दिन पहले ही मैं सूरत आया था. मैं अपने देश की तनावपूर्ण स्थिति के कारण लगातार चिंतित रहता हूं.'
धीरे-धीरे सामान्य हो रही है स्थिति...
इमोन अली ने आगे कहा कि अभी तनावपूर्ण स्थिति है. माता-पिता, बहन, दो भाई इस समय ढाका में हैं. वहां के तनावपूर्ण हालात के कारण मैं अक्सर उन्हें फोन कर वहां के हालात की जानकारी लेता रहता हूं. हालांकि, अब वे कह रहे हैं कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. हालांकि, चिंता बनी रहेगी. अब दो दिन बाद मेरी परीक्षाएं शुरू होंगी. जिसके कारण मैं अपने गृहनगर नहीं जा सकता. मैं परीक्षा पूरी करने के बाद निश्चित रूप से अपने गृहनगर जाऊंगा.
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