नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना (ABY) शुरू की था. आम जनता के लिए यह एक स्वास्थ्य बीमा योजना है. यह योजना लाभार्थियों को मुफ्त चिकित्सा बीमा प्रदान करती हैं. सरकार द्वारा संचालित इस स्वास्थ्य योजना में अप्लाई करने के बाद लोगों का आयुष्मान कार्ड बनता है. इसके जरिए 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आयुष्मान योजना के नियमों में बदलाव का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि इस योजना से बुजुर्गों को 5 लाख तक का मुफ्त हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा. इन बदलावों से इस योजना में के तहत इलाज करवाने वाले 70 साल से ऊपर के बुजर्गों को फायदा होगा.
70 वर्ष के ऊपर के बुजुर्ग होंगे स्कीम में शामिल
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अब 70 वर्ष के ऊपर के बुजुर्ग भी इस योजना में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि इस फैसले का मकदस 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ देना है. साथ ही इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को एक नया अलग कार्ड जारी किया जाएगा.
परिवार के कितने लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाया जा सकता है?
इस बीच सवाल यह है कि एक ही परिवार के कितने लोगों का आयुष्मान कार्ड बनवाया जा सकता है? तो बता दें कि इस सरकारी योजना में ऐसी कोई लिमिट तय नहीं की गई है. यानी एक परिवार के जितने चाहे उतने सदस्य आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं और इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य इस योजना के लिए पात्र हों, तभी उनका आयुष्मान कार्ड बनेगा.
आयुष्मान भारत योजना के लिए क्या डॉक्यूमेंट चाहिए?
आयुष्मान भारत योजना के लिए आपको कुछ बुनियादी दस्तावेजों की जरूरत होती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए पहचान प्रमाण, आधार कार्ड या कोई अन्य सरकारी जारी आईडी की जरूरत होगी. इसके अलावा आपको अपने परिवार का विवरण देने के लिए अपना राशन कार्ड भी देना होता.
राशन कार्ड आपकी पारिवारिक जानकारी और आर्थिक बैकग्राउंट को वेरिफाई करने में मदद करता है. कुछ राज्य आपसे आय प्रमाण पत्र भी मांग सकते हैं, इसलिए पहले से जांच लें. इसके अलावा आपको बिल या आपके निवास की पुष्टि करने वाले दस्तावेज भी देने होंगे.
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना
नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी के मुताबिक यह स्कीम सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. यह भारत में सार्वजनिक और प्राइवेट अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का कवर प्रदान करता है. 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर हकदार परिवार (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) इन लाभों के लिए पात्र हैं.