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हिमंत बिस्वा सरकार ला रही नया भूमि कानून, इन लोगों को होगा जबरदस्त फायदा, पढ़ें पूरी खबर - New Law Regulating Land Deal - NEW LAW REGULATING LAND DEAL

New Law Regulating Land Deal: सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि असम में यह कानून अगले साल मार्च में लागू होगा. इससे फायदा होगा. उन्होंने कहा कि कृषि भूमि से संबंधित कानून भी जल्द लाया जाएगा.

NEW LAW REGULATING LAND DEAL
असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 9, 2024, 1:40 PM IST

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में नया भूमि कानून लाने का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक सीएम ने कहा कि हमारी सरकार यहां के मूल निवासियों के भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी रक्षा करने के लिए एक नया भूमि कानून लाने जा रही है. उन्होंने कहा कि यह कानून अगले साल मार्च से लागू होगा. नए भूमि कानून के तहत राजस्व विभाग कुछ चुनिंदा राजस्व सर्किलों में केवल उन्हीं लोगों को भूमि लेनदेन की अनुमति देगा जो 1951 से असम के निवासी हैं.

हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि सरकार इस कानून को लाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है. डॉ. सरमा ने राजस्व विभाग के एक समारोह में इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के मूल निवासियों के भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी रक्षा करने के लिए नए कानून बनाए गए हैं और मौजूदा कानूनों में संशोधन किया गया है. नए कानून लाने के लिए काम किया जा रहा है. इसके साथ ही भूमिहीनों, पात्र लोगों को भूमि अधिकार दिए गए हैं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि हम जो महत्वपूर्ण काम करना चाहते हैं, उनमें से एक है कुछ राजस्व क्षेत्रों की पहचान करना, जहां सिर्फ 1951 से या उससे पहले रहने वाले लोग ही जमीन बेच और खरीद सकते हैं. सिर्फ वे परिवार जिनके नाम 1951 में असम की मतदाता सूची में या NRC में होंगे और उनके उत्तराधिकारी आपस में खरीद और बिक्री कर सकते हैं. यह एक मजबूत और साहसिक कानून होगा. हम अगले साल मार्च में यह कानून लाएंगे. इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हमारी सरकार जल्द ही मुख्य कृषि भूमि की रक्षा के लिए भी एक नया कानून लाएगी.

प्रस्तावित कानून किन राजस्व क्षेत्रों में लागू होगा?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार जनिया, कलगछिया, ढिंग, रूपीहाट, जमुनामुख आदि कुछ राजस्व सर्किलों की पहचान करने की दिशा में आगे काम कर रही है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे राजस्व सर्किलों में केवल वे लोग ही जमीन खरीद-बेच सकते हैं, जिनका नाम 1951 की मतदाता सूची में दर्ज है और उनके उत्तराधिकारी ही जमीन खरीद-बेच सकते हैं. इसी तरह अविभाजित ग्वालपाड़ा जिले में भी राज्य सरकार ने एक कानून बनाने का फैसला किया है जिसके तहत केवल ऐसे लोग ही खरीद-बिक्री कर सकेंगे, जो एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय से संबंध रखते हैं.

सीएम ने अपनी सरकार के हालिया भूमि कानून संशोधन, असम भूमि और राजस्व विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान विधान सभा सत्र में, हमने मौजूदा कानून में एक नया अध्याय-12 जोड़ा है. इस कानून के साथ, प्रतिष्ठित संरचना' के 5 किलोमीटर के दायरे में, केवल वे लोग जो 1951 या उससे पहले से वहां रह रहे हैं, उन्हें जमीन खरीदने और बेचने की अनुमति है. यह सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से तटस्थ कदम है.

पढ़ें: असम: NRC के बिना नहीं बनेगा आधार, सीएम हिमंत सरमा का बड़ा फैसला - No NRC no Aadhaar

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में नया भूमि कानून लाने का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक सीएम ने कहा कि हमारी सरकार यहां के मूल निवासियों के भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी रक्षा करने के लिए एक नया भूमि कानून लाने जा रही है. उन्होंने कहा कि यह कानून अगले साल मार्च से लागू होगा. नए भूमि कानून के तहत राजस्व विभाग कुछ चुनिंदा राजस्व सर्किलों में केवल उन्हीं लोगों को भूमि लेनदेन की अनुमति देगा जो 1951 से असम के निवासी हैं.

हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि सरकार इस कानून को लाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है. डॉ. सरमा ने राजस्व विभाग के एक समारोह में इसकी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि असम के मूल निवासियों के भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी रक्षा करने के लिए नए कानून बनाए गए हैं और मौजूदा कानूनों में संशोधन किया गया है. नए कानून लाने के लिए काम किया जा रहा है. इसके साथ ही भूमिहीनों, पात्र लोगों को भूमि अधिकार दिए गए हैं.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि हम जो महत्वपूर्ण काम करना चाहते हैं, उनमें से एक है कुछ राजस्व क्षेत्रों की पहचान करना, जहां सिर्फ 1951 से या उससे पहले रहने वाले लोग ही जमीन बेच और खरीद सकते हैं. सिर्फ वे परिवार जिनके नाम 1951 में असम की मतदाता सूची में या NRC में होंगे और उनके उत्तराधिकारी आपस में खरीद और बिक्री कर सकते हैं. यह एक मजबूत और साहसिक कानून होगा. हम अगले साल मार्च में यह कानून लाएंगे. इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हमारी सरकार जल्द ही मुख्य कृषि भूमि की रक्षा के लिए भी एक नया कानून लाएगी.

प्रस्तावित कानून किन राजस्व क्षेत्रों में लागू होगा?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार जनिया, कलगछिया, ढिंग, रूपीहाट, जमुनामुख आदि कुछ राजस्व सर्किलों की पहचान करने की दिशा में आगे काम कर रही है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे राजस्व सर्किलों में केवल वे लोग ही जमीन खरीद-बेच सकते हैं, जिनका नाम 1951 की मतदाता सूची में दर्ज है और उनके उत्तराधिकारी ही जमीन खरीद-बेच सकते हैं. इसी तरह अविभाजित ग्वालपाड़ा जिले में भी राज्य सरकार ने एक कानून बनाने का फैसला किया है जिसके तहत केवल ऐसे लोग ही खरीद-बिक्री कर सकेंगे, जो एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय से संबंध रखते हैं.

सीएम ने अपनी सरकार के हालिया भूमि कानून संशोधन, असम भूमि और राजस्व विनियमन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2024 को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान विधान सभा सत्र में, हमने मौजूदा कानून में एक नया अध्याय-12 जोड़ा है. इस कानून के साथ, प्रतिष्ठित संरचना' के 5 किलोमीटर के दायरे में, केवल वे लोग जो 1951 या उससे पहले से वहां रह रहे हैं, उन्हें जमीन खरीदने और बेचने की अनुमति है. यह सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से तटस्थ कदम है.

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