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जादू-टोना और काला जादू रोकने के लिए असम सरकार ने विधानसभा में पेश किया नया विधेयक - असम विधानसभा

Assam Assembly, Prevention of Evil Practices Bill, असम विधानसभा में बुधवार को सम्मोहन या जादू-टोना प्रथा को खत्म करने के लिए असम सरकार ने एक विधेयक पेश किया है. असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ इविल प्रैक्टिसेज बिल, 2024) कानून यदि लागू होता है, तो जादू-टोना करने वालों को पांच साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 21, 2024, 5:17 PM IST

गुवाहाटी: असम सरकार चिकित्सा उपचार और उपचार के नाम पर मौजूदा सम्मोहन या जादू-टोना प्रथा को खत्म करने के लिए एक विधेयक लेकर आई है. असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 शीर्षक वाला विधेयक बुधवार को असम विधानसभा में पेश किया गया. बता दें कि 10 फरवरी को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई थी.

इसके बाद बिल को बुधवार को विधानसभा में पेश किया गया. अगर यह बिल कानून बन गया तो जादू-टोना या काला जादू अपराध माना जाएगा. प्रावधान के मुताबिक ऐसे अपराध के लिए पांच साल की जेल की सजा के साथ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की ओर से बुधवार को सदन में विधेयक पेश किया.

'द असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ इविल प्रैक्टिसेज बिल, 2024)' के मुताबिक, कोई भी फर्जी प्रचार के जरिए दवाएं नहीं बेच पाएगा और ऐसा कोई विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा. बिल पास होने की स्थिति में सब-इंस्पेक्टर रैंक से नीचे का अधिकारी ऐसे मामलों की जांच नहीं कर पाएगा. यह एक्ट पूरे राज्य में लागू होगा. वहीं राज्य सरकार अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाएगी.

यह विधेयक स्वस्थ एवं विज्ञान सम्मुख समाज के निर्माण हेतु लाया गया है. उपचार के नाम पर गैर-वैज्ञानिक प्रथाओं या धोखाधड़ी को रोकने के लिए बनाए गए इस विधेयक से राज्य में प्रचलित काले जादू के बड़े कारोबार पर रोक लगने की उम्मीद है. गौरतलब है कि राज्य में काले जादू और तंत्र-मंत्र के कुकृत्यों के कारण डायन बिसाही जैसी जघन्य घटनाएं होती रही हैं.

सरकार ने अंधविश्वासों और अविश्वासों से मुक्त एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए 'द असम हीलिंग' (प्रिवेंशन ऑफ इविल प्रैक्टिसेस बिल, 2024) की वकालत की है. इस बीच आज विधानसभा में कई अन्य संशोधन विधेयक पेश किये गये. 'असम नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024' के साथ 'असम ग्राम रक्षा संगठन (संशोधन) विधेयक, 2024' भी सदन में पेश किया गया.

गुवाहाटी: असम सरकार चिकित्सा उपचार और उपचार के नाम पर मौजूदा सम्मोहन या जादू-टोना प्रथा को खत्म करने के लिए एक विधेयक लेकर आई है. असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 शीर्षक वाला विधेयक बुधवार को असम विधानसभा में पेश किया गया. बता दें कि 10 फरवरी को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस बिल को मंजूरी दी गई थी.

इसके बाद बिल को बुधवार को विधानसभा में पेश किया गया. अगर यह बिल कानून बन गया तो जादू-टोना या काला जादू अपराध माना जाएगा. प्रावधान के मुताबिक ऐसे अपराध के लिए पांच साल की जेल की सजा के साथ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की ओर से बुधवार को सदन में विधेयक पेश किया.

'द असम हीलिंग (प्रिवेंशन ऑफ इविल प्रैक्टिसेज बिल, 2024)' के मुताबिक, कोई भी फर्जी प्रचार के जरिए दवाएं नहीं बेच पाएगा और ऐसा कोई विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं किया जा सकेगा. बिल पास होने की स्थिति में सब-इंस्पेक्टर रैंक से नीचे का अधिकारी ऐसे मामलों की जांच नहीं कर पाएगा. यह एक्ट पूरे राज्य में लागू होगा. वहीं राज्य सरकार अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाएगी.

यह विधेयक स्वस्थ एवं विज्ञान सम्मुख समाज के निर्माण हेतु लाया गया है. उपचार के नाम पर गैर-वैज्ञानिक प्रथाओं या धोखाधड़ी को रोकने के लिए बनाए गए इस विधेयक से राज्य में प्रचलित काले जादू के बड़े कारोबार पर रोक लगने की उम्मीद है. गौरतलब है कि राज्य में काले जादू और तंत्र-मंत्र के कुकृत्यों के कारण डायन बिसाही जैसी जघन्य घटनाएं होती रही हैं.

सरकार ने अंधविश्वासों और अविश्वासों से मुक्त एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए 'द असम हीलिंग' (प्रिवेंशन ऑफ इविल प्रैक्टिसेस बिल, 2024) की वकालत की है. इस बीच आज विधानसभा में कई अन्य संशोधन विधेयक पेश किये गये. 'असम नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2024' के साथ 'असम ग्राम रक्षा संगठन (संशोधन) विधेयक, 2024' भी सदन में पेश किया गया.

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