नागांव: असम के नागांव जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे कई लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई है. राज्य भर में बाढ़ ने अब तक 84 लोगों की जान ले ली है. स्थानीय निवासी रीता साहनी और उनके परिवार के सदस्य, जो जाखलाबंधा इलाके के निवासी हैं, पिछले 10 दिनों से तटबंध पर एक छोटे से अस्थायी तंबू में रह रहे हैं, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के पानी ने उनके घर को जलमग्न कर दिया है.
मीडिया से बात करते हुए यहां की एक निवासी साहनी ने कहा कि 'हमारे घर के अंदर अभी भी बाढ़ का पानी है और हम वहां नहीं जा सकते. जब बाढ़ का पानी हमारे घर में घुसा तो हम घर का कोई भी सामान बाहर नहीं निकाल पाए. बारिश जारी है. हमें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हमें प्रशासन की ओर से कुछ खाद्य सामग्री मिली है. इस स्थिति में हम कुछ काम करने के लिए बाहर नहीं जा सकते. हमें नहीं पता कि हम क्या करेंगे.'
दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करने वाली रीता साहनी ने चिंता जताई, क्योंकि बारिश और बाढ़ की वजह से उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. वह कहती हैं कि 'इस स्थिति में हम बाहर जाकर कुछ काम नहीं कर सकते. हमें नहीं पता कि हम क्या करेंगे.' रीता साहनी और उनका परिवार ही नहीं, बल्कि इलाके के कई लोग ऐसी ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि बाढ़ के पानी में उनके घर डूब गए हैं और उन्हें तटबंध पर अस्थायी तंबुओं में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
एक अन्य निवासी एम. चौहान ने भी इस बारे में बात की और कहा कि 'बाढ़ में घर का सारा सामान, कपड़े, सब कुछ बर्बाद हो गया. हमारा 15 सदस्यों का परिवार है और हम अब यहीं रह रहे हैं. बाढ़ के कारण हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.' बाढ़ के एक अन्य पीड़ित कालीपद दास ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह और उनका परिवार कब अपने घर वापस लौट पाएंगे, क्योंकि पूरा इलाका बाढ़ में डूबा हुआ है.
नागांव जिले और राज्य के अन्य हिस्सों में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन करीब 14.39 लाख लोग अभी भी प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, नागांव जिले में 20,612 बच्चों सहित करीब 79,000 लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं.
बाढ़ के पानी ने जिले के छह राजस्व सर्किलों के अंतर्गत आने वाले 184 गांवों को जलमग्न कर दिया और 18231.8 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया. इस साल की बाढ़ ने अब तक पूरे राज्य में 84 लोगों की जान ले ली है.