काजीरंगा: पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले कुछ दिनों के दौरान भारी बारिश हुई. इसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. इससे पूरा जनजीवन प्रभावित है. वहीं, जानवर भी इससे अछूते नहीं हैं. खबर है कि प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में भी कुछ क्षेत्रों में पानी भर गया है जिससे जानवरों के लिए संकट उत्पन्न हो गया है.
असम में आई विनाशकारी बाढ़ की दूसरी लहर में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 6 एक सींग वाले गैंडों सहित कम से कम 120 जंगली जानवरों की मौत हो गई. पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र और इसकी कई सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. काजीरंगा वन विभाग के एक सूत्र के अनुसार राष्ट्रीय उद्यान के 233 में से 66 वन शिविर अभी भी बाढ़ में डूबे हुए हैं.
राष्ट्रीय उद्यान के आस-पास के इलाके भी बाढ़ से प्रभावित हैं. राष्ट्रीय उद्यान के जंगली जानवर सुरक्षित स्थान की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. उनमें से कुछ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के ऊंचे इलाकों में एकत्र हो गए हैं और कुछ जानवर उद्यान के दक्षिणी हिस्से में कार्बी पहाड़ी की ओर भाग गए हैं.
इस दौरान वन विभाग को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 6 गैंडों के शव और 87 हिरणों के शव मिले. कई जानवर एनएच 37 को पार करते समय वाहन की चपेट में आकर मर जाते हैं. कार्बी पहाड़ी पर जाने के लिए मनाही है. वन विभाग ने लोगों से एनएच 37 पर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के हिस्से में धीमी गति से वाहन चलाने का आग्रह किया है.