नई दिल्लीः दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मतदान के कुछ ही दिन बचे हैं. इस बीच दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का इस्तीफा सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा आम आदमी पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. लवली लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और वह अच्छी पहचान रखते हैं. उनके पार्टी छोड़ने से इंडिया गठबंधन का बड़ा वोट बैंक हाथ से निकल सकता है.
अरविंदर सिंह लवली दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहते हैं. वह एक्स (ट्विटर) पर भी पोस्ट डालते रहते थे. या कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को या पार्टी की नीतियों को रीट्वीट भी करते थे. लेकिन अरविंदर सिंह लवली ने 20 अप्रैल के बाद से कोई राजनीतिक पोस्ट नहीं डाली है. 20 अप्रैल को उन्होंने पार्टी की नीतियों पर पोस्ट डाली हुई है. इससे पहले नियमित वह एक्स पर पोस्ट डाले थे. साथ ही लवली दिल्ली की राजनीति में कम सक्रिय दिखे हैं. जानकारी के अनुसार, पिछले कई दिनों से दिल्ली में कांग्रेस का कोई बड़ा कार्यक्रम भी नहीं हुआ है.
रविवार को कन्हैया कुमार के ऑफिस का उद्घाटन होना है. इसके पोस्टर में अरविंदर सिंह लवली की फोटो नहीं है. यह पोस्टर इंडिया गठबंधन के नाम का बनाया गया है. पोस्टर में एक तरफ राहुल गांधी और दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल की फोटो है. इन सब चीजों को लेकर पार्टी नेताओं में नाराजगी थी. इसी को लेकर अरविंदर सिंह लवली ने रविवार सुबह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफा भेज दिया.
पहले भी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे लवलीः अरविंदर सिंह लवली साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष थे. साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने अजय माकन को चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा, जिसके चलते साल 2017 में अरविंदर सिंह लवली ने अनदेखी से नाराज होकर भाजपा में शामिल हो गए थे. बीजेपी में भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली तो साल भर में ही कांग्रेस में वापसी कर ली थी.
शीला दीक्षित सरकार में निभा चुके हैं जिम्मेदारीः अरविंदर सिंह लवली 29 साल की उम्र में पहली बार गांधीनगर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. लवली 3 बार के विधायक रह चुके हैं. शीला दीक्षित सरकार में वह दिल्ली से ब्लू लाइन बसें हटाने, सीएनजी बसें लाना, दिल्ली के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने की दिशा में अरविंदर सिंह लवली ने अपने कार्यकाल में बेहतर काम किया था.
अरविंदर सिंह लवली का राजनीतिक जीवनः दिल्ली विश्वविद्यालय के गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई के दौरान अरविंदर सिंह लवली छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे. साल 1993 से 1996 तक कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के वह राष्ट्रीय महासचिव भी रहे. पहली बार अरविंदर सिंह लवली 1998 में दिल्ली के गांधीनगर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. उस समय वह दिल्ली विधानसभा में सबसे कम उम्र के विधायक थे.
शीला दीक्षित सरकार में वह 1998 से 2013 तक तीन बार विधायक रहे. साथ ही वह साल 2003 में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं. बता दें, 2017 में अरविंदर लवली भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. वहां कोई उच्च पद नहीं मिलने पर साल भर में ही वह कांग्रेस में वापस आ गए और प्रदेश अध्यक्ष बने.
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