वायनाड: केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में दस दिनों का रेस्क्यू मिशन पूरा करने के बाद, सेना जिले के मुंडाकाई और चूरलमाला जैसे आपदाग्रस्त इलाकों से हटने का फैसला किया है. हालांकि, बचाव अभियान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर फोर्स और पुलिस बलों को सौंपा जाएगा. सरकार और जिला प्रशासन लौट रही सेना को विदाई देगी जिसके बाद सेना की सभी टुकड़ियां वहां से रवाना हो जाएंगी.
सेना ने बचाव अभियान पूरा किया
खबर के मुताबिक, लैंडस्लाइड से प्रभावित वायनाड से 500 सेना सदस्यों की एक टुकड़ी प्रस्थान कर रही है, जिसमें तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, कन्नूर और बेंगलुरु से बटालियन के सदस्य वापस लौट रहे हैं. सेना के मुताबिक, अस्थायी बेली ब्रिज और हेलीकॉप्टर खोज दल भी अगली सूचना तक भूस्खलन प्रभावित इलाकों में रहेगा.
500 सेना सदस्यों की एक टुकड़ी कर रही प्रस्थान
लैंडस्लाइड से प्रभावित वायनाड से 500 सेना सदस्यों की एक टुकड़ी प्रस्थान कर रही है, जिसमें तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड, कन्नूर और बेंगलुरु से बटालियन के सदस्य वापस लौट रहे हैं. सेना के मुताबिक, अस्थायी बेली ब्रिज और हेलीकॉप्टर खोज दल भी अगली सूचना तक भूस्खलन प्रभावित इलाकों में रहेगा.
सेना के नेतृत्व में तलाशी अभियान
बता दें कि, पिछले 9 दिनों से वायनाड के प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान चलाया गया जो आज 10वें दिन भी जारी रहा. इन 10 दिनों में एनडीआरएफ, सेना, केरल और तमिलनाडु अग्निशमन और बचाव दल, एनडीएमए डेल्टा स्क्वाड, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप, पुलिस, वन और डॉग स्क्वाड के कुल 1,026 कर्मियों ने छह क्षेत्रों में राहत-बचाव, खोज अभियान में भाग लिया. ऑपरेशन में 54 हिटाची और सात जेसीबी एक्सकेवेटर का इस्तेमाल किया गया. मिशन टीम चलियार तट पर एक ऊबड़-खाबड़ इलाके सनराइज वैली के साथ-साथ परप्पनपारा और सोचीपारा इलाकों में भी अपना निरीक्षण जारी रखे हुए है.
लापता लोगों की खोजबीन जारी...
पुंचिरी मट्टम क्षेत्र में सर्वे का नेतृत्व सेना की विशेष सर्वेक्षण टीम ने किया था और साइट को खाली करने के लिए 86 कर्मियों, कैडेवर डॉग और तीन हिटाची को शामिल किया गया था. मुंडकाई क्षेत्र में, 167 कर्मियों ने बचाव अभियान के लिए 9 हिटाची का इस्तेमाल किया.
चूरलमाला में 334 सेना के जवानों ने तलाशी अभियान चलाया
भूस्खलन प्रभावित चूरलमाला शहर और उसके आसपास की तलाशी अभियान का नेतृत्व 334 सेना के जवानों ने किया, जिसमें तमिलनाडु डॉग स्क्वाड ने भी हिस्सा लिया. ऑपरेशन में स्कूल रोड पर और उसके आसपास 12 हिटाची एक्सकेवेटर को चलाने वाले 94 कर्मी शामिल थे. भूस्खलन प्रभावित इस इलाके में 223 कर्मियों की एक टीम ने 12 हिटाची एक्सकेवेटर के साथ गांव के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया.इसके अतिरिक्त, 80 टीमों में 504 स्वयंसेवकों ने खोज अभियान में सहायता की.
जवानों को नाश्ता और लंच के पैकेट मिले
इस दौरान जिला प्रशासन ने सेना के जवानों को 3,960 नाश्ता पैकेट और 5,560 लंच पैकेट वितरित किए. चूरलमाला आपदा को देखते हुए वहां सोलह शिविर स्थापित किए गए, जिनमें 579 परिवारों के 753 पुरुषों, 751 महिलाओं और 464 बच्चों सहित 1,968 लोग रहते हैं. उनके पुनर्वास के लिए किराये का आवास ढूंढने के प्रयास चल रहे हैं. वहीं, भूस्खलन में अब तक 225 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले इलाके में सुरक्षा जांच जारी
उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु गुरुवार को वायनाड पहुंचे. एक कैबिनेट उप-समिति जिसमें मंत्री के राजन, ए.के. ससीन्द्रन, पीए मो. रियाज, और ओ.आर. केलू ने स्थिति का आकलन करने के लिए शिविरों का दौरा किया. उप-समिति ने राहत और पुनर्वास से संबंधित विभिन्न बैठकों की भी अध्यक्षता की. इस बीच, प्रभावित इलाकों में प्रधानमंत्री के दौरे से पहले इलाके में सुरक्षा जांच जारी है.
ये भी पढ़ें: वायनाड लैंडस्लाइड के बाद 138 लोग अब भी लापता, जिला प्रशासन ने जारी की लिस्ट