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नाम जलालापुरा: सरकारी स्कूल, 4 मंदिर और 48 घर... बिक गया पूरा गांव, भू-माफिया ने कर दिया खेल - Gujarat Village sold - GUJARAT VILLAGE SOLD

Another Village sold in Gujarat : क्या आपने कभी सुना है कि कोई गांव बिक गया है. ऐसा ही एक मामला गुजरात में सामने आया है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके गांव को बेच दिया गया है. जानिए क्या है पूरा मामला और हकीकत.

Another Village sold in Gujarat kheda
गुजरात में बिक गया एक गांव, ग्रामीणों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 5, 2024, 6:21 PM IST

खेड़ा: गुजरात से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक गांव को ही बेच दिया गया है. मामला खेड़ा जिले के महुधा तालुका का है. ग्रामीणों का आरोप है कि जालापुरा गांव को बेचा गया है. जिसका दस्तावेज भी तैयार कर लिया गया है.

महुधा तालुका के मिर्जापुर क्षेत्र के अंतर्गत जालापुरा के सर्वे नंबर 162 में सरकारी प्राथमिक विद्यालय, 4 मंदिर, 22 आवास सहित 48 से अधिक घर हैं. इस गांव में कई ऐसे परिवार हैं जो वर्ष 1975 से यहां रह रहे हैं. गांव की आबादी 400 से अधिक है. इस जमीन पर 1997 में एक प्राइमरी स्कूल भी बनाया गया था.

ग्रामीणों के अनुसार, 50 साल पहले गांव के बुजुर्गों ने पांच रुपये के स्टाम्प पेपर पर जमीन की खरीद-फरोख्त की थी. कब्जा, उपभोग और मालिकाना हक भी ग्रामीणों का है. इस बीच, ग्रामीणों का कहना है कि डाकोर-महुधा रोड पर अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफिया ने करोड़ों रुपये की जमीन हड़प ली है.

गांव को लोग अधिकारी को ज्ञापन-पत्र सौंपते हुए
गांव को लोग अधिकारी को ज्ञापन-पत्र सौंपते हुए (ETV Bharat)

कोर्ट में चल रहा मुकदमा
ग्रामीणों का आरोप है कि पुराने मालिक के वारिसों ने फर्म के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन को बेचा है. कृषि योग्य भूमि दिखाकर गलत साक्ष्य प्रस्तुत कर दस्तावेज तैयार किया गया है. बिक्री दस्तावेज के बाद एक नोट भी लिखा है. ग्रामीणों ने 2023 में महुधा न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया, जो लंबित है.

आमरण अनशन की चेतावनी

गांव का सरकारी प्राथमिक विद्यालय
गांव का सरकारी प्राथमिक विद्यालय (ETV Bharat)
इस संबंध में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर महुधा मामलतदार (तहसीलदार) और खेड़ा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
ग्रामीणों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी
ग्रामीणों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी (ETV Bharat)

जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन
इस संबंध में गांव के पूर्व सरपंच रायजीभाई ने कहा कि यह जमीन हमारे बुजुर्गों के पास थी, यह कानूनी तौर पर हमारे बुजुर्गों के नाम पर है. हमारा कब्जा 7/12, 8 A है. इस भूमि में लगभग 45 घर, चार मंदिर, एक प्राथमिक विद्यालय और सड़कें हैं. लेकिन इन लोगों ने अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची है. जो दस्तावेज में दर्ज है वह पूरी तरह गलत है. सबूत के साथ हमने मामलतदार और कलेक्टर को आवेदन पत्र दिया है.

तालुका मामलतदार का बयान
इस संबंध में महुधा के मामलतदार प्रतीक भूरिया ने कहा कि जालापुरा गांव के लोगों ने उन्हें इस संबंध में शिकायत दी है, जिसे स्वीकार कर उच्च अधिकारियों के पास भेजा गया है. ऊपर से मिले सुझाव के अनुसार जांच कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें- गोवा या सिक्किम... भारत का सबसे छोटा राज्य कौन सा है, यहां देखें सूची

खेड़ा: गुजरात से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक गांव को ही बेच दिया गया है. मामला खेड़ा जिले के महुधा तालुका का है. ग्रामीणों का आरोप है कि जालापुरा गांव को बेचा गया है. जिसका दस्तावेज भी तैयार कर लिया गया है.

महुधा तालुका के मिर्जापुर क्षेत्र के अंतर्गत जालापुरा के सर्वे नंबर 162 में सरकारी प्राथमिक विद्यालय, 4 मंदिर, 22 आवास सहित 48 से अधिक घर हैं. इस गांव में कई ऐसे परिवार हैं जो वर्ष 1975 से यहां रह रहे हैं. गांव की आबादी 400 से अधिक है. इस जमीन पर 1997 में एक प्राइमरी स्कूल भी बनाया गया था.

ग्रामीणों के अनुसार, 50 साल पहले गांव के बुजुर्गों ने पांच रुपये के स्टाम्प पेपर पर जमीन की खरीद-फरोख्त की थी. कब्जा, उपभोग और मालिकाना हक भी ग्रामीणों का है. इस बीच, ग्रामीणों का कहना है कि डाकोर-महुधा रोड पर अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफिया ने करोड़ों रुपये की जमीन हड़प ली है.

गांव को लोग अधिकारी को ज्ञापन-पत्र सौंपते हुए
गांव को लोग अधिकारी को ज्ञापन-पत्र सौंपते हुए (ETV Bharat)

कोर्ट में चल रहा मुकदमा
ग्रामीणों का आरोप है कि पुराने मालिक के वारिसों ने फर्म के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन को बेचा है. कृषि योग्य भूमि दिखाकर गलत साक्ष्य प्रस्तुत कर दस्तावेज तैयार किया गया है. बिक्री दस्तावेज के बाद एक नोट भी लिखा है. ग्रामीणों ने 2023 में महुधा न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया, जो लंबित है.

आमरण अनशन की चेतावनी

गांव का सरकारी प्राथमिक विद्यालय
गांव का सरकारी प्राथमिक विद्यालय (ETV Bharat)
इस संबंध में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर महुधा मामलतदार (तहसीलदार) और खेड़ा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द उचित कार्रवाई नहीं की गई तो वे आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
ग्रामीणों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी
ग्रामीणों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी (ETV Bharat)

जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन
इस संबंध में गांव के पूर्व सरपंच रायजीभाई ने कहा कि यह जमीन हमारे बुजुर्गों के पास थी, यह कानूनी तौर पर हमारे बुजुर्गों के नाम पर है. हमारा कब्जा 7/12, 8 A है. इस भूमि में लगभग 45 घर, चार मंदिर, एक प्राथमिक विद्यालय और सड़कें हैं. लेकिन इन लोगों ने अधिकारियों के साथ मिलकर साजिश रची है. जो दस्तावेज में दर्ज है वह पूरी तरह गलत है. सबूत के साथ हमने मामलतदार और कलेक्टर को आवेदन पत्र दिया है.

तालुका मामलतदार का बयान
इस संबंध में महुधा के मामलतदार प्रतीक भूरिया ने कहा कि जालापुरा गांव के लोगों ने उन्हें इस संबंध में शिकायत दी है, जिसे स्वीकार कर उच्च अधिकारियों के पास भेजा गया है. ऊपर से मिले सुझाव के अनुसार जांच कराई जाएगी.

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