अंबाला: मंगलवार को बीजेपी ने बड़ा फेरबदल करते हुए हरियाणा में नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री मना दिया. नायब सैनी के साथ 5 मंत्रियों ने भी शपथ ली. लेकिन सबसे वरिष्ठ नेता अनिल विज शपथग्रहण से दूर रहे और उन्हें मंत्री पद भी नहीं मिला. बताया जा रहा है कि नए सीएम के नाम से अनिल विज सहमत नहीं थे इसलिए चंडीगढ़ छोड़कर सीधे अंबाला चले गये.
एक तरफ चंडीगढ़ में बीजेपी सरकार की नई कैबिनेट का गठन हो रहा था, लेकिन दूसरी तरफ इस सियासी तनाव से दूर पूर्व गृहमंत्री अनिल विज अपने गृह जिले अंबाला में अपने आवास पर आराम फरमा रहे थे. यही नहीं बल्कि अनिल विज बाजार में निकल गये और गोलगप्प का लुत्फ उठाते हुए भी नजर आये. ना वो शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए ना ही मंतिपद की शपथ ली.
बताया जा रहा है कि नायब सिंह के नाम को लेकर दिल्ली से आये बीजेपी के पर्यवेक्षकों की बैठक में ही अनिल विज नाराज हो गये थे. सूत्रों के मुताबिक अनिल विज नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत नहीं थे. अनिल विज खुद पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से हैं. लेकिन उन्हें सीएम पद नहीं मिल पाया. इसी बीच बैठक को बीच में ही छोड़कर अनिल विज निकल गये. वो चंडीगढ़ में भी नहीं रुके बल्कि सीधे अपने आवास पर अंबाला पहुंच गये. इधर नायब सैनी का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था और उधर अनिल विज गोलगप्पे खा रहे थे.
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी अनिल विज की नाराजगी पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उनका नाम नए मंत्रिमंडल में था लेकिन उन्होंने शपथ लेने से मना कर दिया. इसलिए उनके ऊपर दबाव नहीं बनाया गया. मनोहर लाल ने कहा कि उम्मीद है नए मुख्यमंत्री उनसे बात करेंगे. अनिल विज जितना जल्दी नाराज होते हैं उतना ही जल्दी मान भी जाते हैं.
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