चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट (X) के हैंडल के प्रोफाइल से "मोदी का परिवार" शब्द हटा दिया जिसके बाद हरियाणा की सियासत में कई तरह की सियासी चर्चा शुरू हो गई. हालांकि विवाद होता देखा उन्होंने कुछ देर बाद इसे ठीक करते हुए फिर से उसमें "मोदी का परिवार" लिख दिया.
अनिल विज ने "X" से हटाया "मोदी का परिवार"
हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने "मोदी का परिवार" हटाने पर विवाद बढ़ता देख अपने प्रोफाइल को दोबारा से ठीक किया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर पोस्ट करते हुए पूरे मामले में सफाई भी दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) के हैंडल से मोदी का परिवार हटाने की वजह बताते हुए लिखा कि "सब को पता है की मैं अब एक्स हो गया हूं और सभी जगह पर मुझे एक्स लिखना चाहिए. परंतु जब मैं X पर अपनी प्रोफाइल में एक्स लिखने लगा तो नाम में लिखे जाने वाले अक्षरों को संख्या निश्चित संख्या से ज्यादा हो गई तो उस में से ( मोदी का परिवार ) जो कि मैं हूं ही वह ऊपर से हटाकर नीचे लगाना पड़ा जिससे कुछ लोगों को खेलने का अवसर मिल गया. कृपया इसे अब ठीक कर लें. मैं बीजेपी का अनन्य भक्त हूं. इस पर खेलने से पहले अगर मेरे से बात कर ली होती तो आपकी मधुर वाणी सुनने का मौका भी मिलता और ये होता भी नहीं"
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"बीजेपी ने दिखाई हैसियत"
सोशल मीडिया प्लेटफार्म (X) पर पोस्ट के कुछ देर बाद अनिल विज मीडिया के सामने भी आए और विवाद पर बोलते हुए कहा कि "वे मोदी परिवार का हिस्सा हैं और बीजेपी के कट्टर समर्थक हैं. उन्होंने अपनी विचारधारा कभी किसी से नहीं छिपाई". वहीं अनिल विज ने इस दौरान बोलते हुए कहा कि वे छोटे से कार्यकर्ता हैं. साथ ही वे कहना नहीं भूले कि वे अंबाला छावनी से 6 बार के विधायक हैं और बीजेपी ने उन्हें उनकी हैसियत दिखा दी है.
काफी अरसे से नाराज़ चल रहे हैं अनिल विज
यहां दिलचस्प बात ये है कि अनिल विज काफी अरसे से नाराज़ चल रहे हैं और मीडिया के गलियारे में सुर्खियां बटोर रहे हैं. हरियाणा में सीएम का चेहरा बदले जाने के दिन से उनकी नाराज़गी लगातार नज़र आ रही है. उन्हें सीएम का चेहरा बदले जाने की जानकारी भी पहले नहीं दी गई जिसके बाद वे बीजेपी की बैठक छोड़कर अंबाला रवाना हो गए थे. यहां तक कि हरियाणा के नए सीएम नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल के विस्तार के कार्यक्रम से भी उन्होंने दूरी बनाए रखी. साथ ही पिछले दिनों उन्होंने पंचकूला, गुरुग्राम में भी बीजेपी की बैठक से दूरी बनाए रखी. पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे तो छोटे से कार्यकर्ता हैं, बैठक में बड़े लोग जाते हैं. ऐसे में सवाल है कि आज उन्होंने अपना जो कदम उठाया, क्या वो भी अपनी नाराज़गी दिखाने के लिए उठाया, या फिर उनसे वाकई भूलवश ऐसा हुआ. चाहे कुछ भी हो, सियासत में छोटी सी गलती के भी अकसर बड़े सियासी मायने निकल जाते हैं.