ETV Bharat / bharat

गौतम अडाणी केस में आया आंध्र प्रदेश के पूर्व CM जगन का नाम, जानें क्या हैं आरोप

Adani Case: उद्योगपति गौतम अडाणी से जुड़े कथित रिश्वत मामले में आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी का भी नाम सामने आया है.

Former AP CM Jagan Mohan Reddy name in Adani bribery case
उद्योगपति गौतम अडाणी और वाईएस जगनमोहन रेड्डी (File ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

अमरावती: उद्योगपति गौतम अडाणी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क जिला न्यायालय में दर्ज रिश्वत मामले में आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती जगन सरकार की भूमिका सामने आई है. सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए तत्कालीन वाईएसआरसीपी सरकार के मुखिया वाईएस जगनमोहन रेड्डी को 1,750 करोड़ रुपये के भुगतान करने पर सहमति हुई थी. अमेरिकी अभियोजक ने पूर्व सीएम जगन को विदेशी अधिकारी संबोधित करते हुए यह दावा किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर की सरकारों ने जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इन समझौतों में, आंध्र प्रदेश DISCOMs ने SECI के साथ 7,000 मेगावाट की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इस समझौते के मुताबिक, SECI जनवरी 2025 से आंध्र प्रदेश को बिजली की आपूर्ति करेगा. हालांकि, SECI ने अडाणी पावर से खरीदी गई बिजली को आंध्र प्रदेश को आपूर्ति करने का फैसला किया है.

14 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम जगन के आवास पर गौतम अडाणी की बातचीत के बाद ही डिस्कॉम ने SECI के साथ समझौता किया. इस समझौते पर तत्कालीन ऊर्जा सचिव नागुलापल्ली श्रीकांत, सीपीडीसीएल के सीएमडी पद्म जनार्दन रेड्डी और डिस्कॉम की ओर से अन्य अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे. 25 साल के लिए 2.3 गीगावाट बिजली 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदने के लिए समझौता हुआ.

लेकिन उसी समय अडाणी ग्रीन एनर्जी ने एसईसीआई के माध्यम से गुजरात को 99 पैसे में प्रति यूनिट बिजली बेची. ये सभी औपचारिक समझौते हैं जो पर्दे के पीछे किए गए हैं.

अमेरिकी अदालत में दर्ज मामले के दस्तावेजों से ऐसा प्रतीत होता है कि इन समझौतों के लिए पर्दे के पीछे काफी मिलीभगत थी. अमेरिकी अभियोजक ने कहा कि अडाणी समूह के प्रतिनिधियों ने रिश्वत ली क्योंकि उच्च कीमतों के कारण कोई भी सरकारी एजेंसी SECI से बिजली खरीदने के लिए आगे नहीं आई.

भारतीय ऊर्जा कंपनी यानी अडाणी ग्रीन एनर्जी कंपनी, इससे जुड़ी मॉरीशस की अक्षय ऊर्जा कंपनी, अमेरिकी कंपनी के प्रतिनिधियों ने खुलासा किया कि इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो गया है. अमेरिकी अभियोजक ने कहा कि गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, अडाणी बोर्ड के सदस्य विनीत जैन और अन्य ने तत्कालीन सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर डील का रास्ता तैयार किया. उन्होंने मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे जगन को 7 गीगावाट बिजली खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए 1750 करोड़ देने का वादा किया.

यह भी पढ़ें- किस अमेरिकी कानून के तहत अडाणी के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई, जानें

अमरावती: उद्योगपति गौतम अडाणी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क जिला न्यायालय में दर्ज रिश्वत मामले में आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती जगन सरकार की भूमिका सामने आई है. सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए तत्कालीन वाईएसआरसीपी सरकार के मुखिया वाईएस जगनमोहन रेड्डी को 1,750 करोड़ रुपये के भुगतान करने पर सहमति हुई थी. अमेरिकी अभियोजक ने पूर्व सीएम जगन को विदेशी अधिकारी संबोधित करते हुए यह दावा किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर की सरकारों ने जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इन समझौतों में, आंध्र प्रदेश DISCOMs ने SECI के साथ 7,000 मेगावाट की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इस समझौते के मुताबिक, SECI जनवरी 2025 से आंध्र प्रदेश को बिजली की आपूर्ति करेगा. हालांकि, SECI ने अडाणी पावर से खरीदी गई बिजली को आंध्र प्रदेश को आपूर्ति करने का फैसला किया है.

14 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम जगन के आवास पर गौतम अडाणी की बातचीत के बाद ही डिस्कॉम ने SECI के साथ समझौता किया. इस समझौते पर तत्कालीन ऊर्जा सचिव नागुलापल्ली श्रीकांत, सीपीडीसीएल के सीएमडी पद्म जनार्दन रेड्डी और डिस्कॉम की ओर से अन्य अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे. 25 साल के लिए 2.3 गीगावाट बिजली 2.49 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदने के लिए समझौता हुआ.

लेकिन उसी समय अडाणी ग्रीन एनर्जी ने एसईसीआई के माध्यम से गुजरात को 99 पैसे में प्रति यूनिट बिजली बेची. ये सभी औपचारिक समझौते हैं जो पर्दे के पीछे किए गए हैं.

अमेरिकी अदालत में दर्ज मामले के दस्तावेजों से ऐसा प्रतीत होता है कि इन समझौतों के लिए पर्दे के पीछे काफी मिलीभगत थी. अमेरिकी अभियोजक ने कहा कि अडाणी समूह के प्रतिनिधियों ने रिश्वत ली क्योंकि उच्च कीमतों के कारण कोई भी सरकारी एजेंसी SECI से बिजली खरीदने के लिए आगे नहीं आई.

भारतीय ऊर्जा कंपनी यानी अडाणी ग्रीन एनर्जी कंपनी, इससे जुड़ी मॉरीशस की अक्षय ऊर्जा कंपनी, अमेरिकी कंपनी के प्रतिनिधियों ने खुलासा किया कि इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो गया है. अमेरिकी अभियोजक ने कहा कि गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, अडाणी बोर्ड के सदस्य विनीत जैन और अन्य ने तत्कालीन सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर डील का रास्ता तैयार किया. उन्होंने मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे जगन को 7 गीगावाट बिजली खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए 1750 करोड़ देने का वादा किया.

यह भी पढ़ें- किस अमेरिकी कानून के तहत अडाणी के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई, जानें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.