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एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा: SC ने कहा-राजनीतिक हस्तियों पर टिप्पणी नहीं करें - Supreme Court

SC on AMU minority status : एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे से जुड़े मामले की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक हस्तियों पर कोई टिप्पणी नहीं करें. मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम संवैधानिक कानून के दायरे से बाहर नहीं जाएंगे.

Supreme Court
सु्प्रीम कोर्ट
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By PTI

Published : Jan 31, 2024, 8:54 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे से संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान बुधवार को एक वकील से कहा राजनीतिक हस्तियों पर टिप्पणी न करें. वकील ने बहस करते समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अन्य का नाम लिया था. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं. वकील ने दलील दी थी कि मुस्लिम 'अल्पसंख्यक नहीं हैं क्योंकि वे चुनावी परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में हैं.'

वकील ने परोक्ष रूप से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेताओं का जिक्र करते हुए तर्क दिया, 'अल्पसंख्यक के रूप में मुसलमान चुनावों को प्रभावित करते हैं और अगर भिंडरांवाले को श्रीमती गांधी ने खड़ा किया तो ओवैसी को भाजपा ने शह दी. वे मुस्लिम वोटों को विभाजित करना चाहते हैं.' प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'हम संवैधानिक कानून के दायरे से बाहर नहीं जाएंगे. राजनीतिक हस्तियों पर टिप्पणी न करें.'

वकील ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, देश की आबादी में मुस्लिम 14.2 प्रतिशत थे. उन्होंने कहा, 'यह अदालत इस सवाल का फैसला करने में सक्षम नहीं है कि वे किसी चुनाव को प्रभावित करते हैं या नहीं. इसीलिए मैंने उल्लेख किया है कि इस सवाल पर विचार करने के लिए कोई आयोग गौर सकता है.' इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'तो आपके अनुसार, मुस्लिम चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं, इसलिए वे अल्पसंख्यक नहीं हैं.' वकील ने कहा, 'हां.' गुरुवार को भी अदालत के सामने दलीलें जारी रहेंगी.

एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे का मामला पिछले कई दशकों से कानूनी चक्रव्यूह में फंसा हुआ है. शीर्ष अदालत ने 12 फरवरी, 2019 को विवादास्पद मुद्दे को फैसले के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया था.

ये भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट का 32 सप्ताह से अधिक का गर्भ गिराने की अनुमति देने से इनकार

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के अल्पसंख्यक दर्जे से संबंधित मामले पर सुनवाई के दौरान बुधवार को एक वकील से कहा राजनीतिक हस्तियों पर टिप्पणी न करें. वकील ने बहस करते समय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अन्य का नाम लिया था. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ का नेतृत्व कर रहे हैं. वकील ने दलील दी थी कि मुस्लिम 'अल्पसंख्यक नहीं हैं क्योंकि वे चुनावी परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में हैं.'

वकील ने परोक्ष रूप से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेताओं का जिक्र करते हुए तर्क दिया, 'अल्पसंख्यक के रूप में मुसलमान चुनावों को प्रभावित करते हैं और अगर भिंडरांवाले को श्रीमती गांधी ने खड़ा किया तो ओवैसी को भाजपा ने शह दी. वे मुस्लिम वोटों को विभाजित करना चाहते हैं.' प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'हम संवैधानिक कानून के दायरे से बाहर नहीं जाएंगे. राजनीतिक हस्तियों पर टिप्पणी न करें.'

वकील ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, देश की आबादी में मुस्लिम 14.2 प्रतिशत थे. उन्होंने कहा, 'यह अदालत इस सवाल का फैसला करने में सक्षम नहीं है कि वे किसी चुनाव को प्रभावित करते हैं या नहीं. इसीलिए मैंने उल्लेख किया है कि इस सवाल पर विचार करने के लिए कोई आयोग गौर सकता है.' इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'तो आपके अनुसार, मुस्लिम चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं, इसलिए वे अल्पसंख्यक नहीं हैं.' वकील ने कहा, 'हां.' गुरुवार को भी अदालत के सामने दलीलें जारी रहेंगी.

एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे का मामला पिछले कई दशकों से कानूनी चक्रव्यूह में फंसा हुआ है. शीर्ष अदालत ने 12 फरवरी, 2019 को विवादास्पद मुद्दे को फैसले के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ के पास भेज दिया था.

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