कोलकाता: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कश्मीर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला. गृहमंत्री ने कहा कि खड़गे 80 साल में भी बंगाल को नहीं जान पाए. दुर्गापुर के निवासी कश्मीर के लिए अपनी जान दे सकते हैं.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कश्मीर से 370 हटाया तो खून-खराबा होगा. पांच साल हो गए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अमित शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने यूपीए शासन के दौरान आतंकवादी हमलों के दौरान चुप्पी साध लेते थे, क्योंकि वे अपने वोट बैंक की नाराजगी से डरते थे.
आतंकवाद पर नरम थीं ममता बनर्जी
हालांकि, उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत NDA शासन का पिछले 10 साल में आतंकवाद पर कड़ा रुख रहा है और उसने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया. उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार, जिसकी टीएमसी भी सहयोगी थी, आतंकवाद पर नरम थी.
वोट बैंक नाराज होने का डर
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस और टीएमसी ने अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण जब कांग्रेस शासन के दौरान देश में आतंकवादी हमले हुए तो एक शब्द भी नहीं बोला. टीएमसी तब कांग्रेस सरकार का हिस्सा थी और उन्हें डर था कि अगर उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुईं ममता
शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पश्चिम बंगाल में घुसपैठ कराने का आरोप लगाया और कहा कि ममता बनर्जी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुईं, क्योंकि वह अपने घुसपैठिया वोट बैंक को नाराज करने से डर रही थीं. ममता बनर्जी और टीएमसी को अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए घुसपैठ की अनुमति देने पर खुद पर शर्म आनी चाहिए.
शाह के अनुसार ममता बनर्जी और उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी) दोनों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण मिला था, लेकिन वे दोनों इसमें शामिल नहीं हुए, क्योंकि उन्हें डर था कि घुसपैठिए, जो टीएमसी के वोट बैंक हैं, नाराज हो सकते हैं.