जम्मू : इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी. यात्रा शुरू होने से पहले बर्फ कटाई का काम जारी है, जिससे यात्रा के मार्ग को सुगम बनाया जा सके. पूरे मार्ग पर बर्फ जमी है. ऐसे में बर्फ को काटकर पैदल मार्ग बनाया जा रहा है.
इस बीच पवित्र अमरनाथ गुफा के हिम शिवलिंग की पहली तस्वीर सामने आई है, जो भगवान शिव की दिव्यता की अनुभूति करा रही है. पवित्र गुफा में शिवलिंग का आकार इस बार आठ फीट ऊंचा है.
हर साल सर्दी के मौसम में हुई बर्फबारी के दौरान शिवलिंग अपना आकार लेता है और मई-जून के महीने में इसके दिव्य दर्शन होते हैं. हर साल की तरह इस साल भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए तैयार हैं. यह यात्रा 50 दिनों तक चलेगी.
श्रद्धालु ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन : जम्मू-कश्मीर में स्थित प्रसिद्ध बाबा अमरनाथ बर्फानी यात्रा इस साल 29 जून को शुरू होगी और 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी. इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से शुरू हो चुका है. जो भी श्रद्धालु इस यात्रा पर जाना चाहते हैं वह आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपनी पंजीकरण करा सकते हैं. आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in है जहां पर पंजीकरण कराना है.
इस यात्रा के लिए देशभर में चार बैंकों की 540 शाखाओं में और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर भी श्रद्धालु पंजीकरण करा सकेंगे. श्रद्धालुओं को प्रत्येक आवेदन करने वाले की फोटो, यात्रा पंजीकरण की 250 रुपये प्रति यात्री फीस, ग्रुप लीडर का नाम, मोबाइल फोन नंबर और ईमेल सहित पता चाहिए. पोस्टल चार्जेज एक से पांच श्रद्धालुओं के 50 रुपये, छह से लेकर 10 तक के 100 रुपये, 11 से 15 तक के 150 रुपये, 16 से 20 तक के लिए 200 रुपये, 21 से 25 के लिए 250 रुपये और 26 से 30 के लिए 300 रुपये होंगे.
ये लोग यात्रा पर नहीं जा सकते : अमरनाथ यात्रा पर जाने वालों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा की गाइडलाइन भी जारी की जा चुकी हैं. 13 वर्ष से कम आयु या 70 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी तीर्थ यात्री और 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिला को यात्रा के लिए पंजीकृत नहीं किया जाएगा.
सीधा प्रसारण भी होगा : अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद पवित्र गुफा से रोज सुबह और शाम की आरती का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. लोग वेबसाइट और ऐप के जरिए आरती में शामिल हो सकते हैं.
बता दें कि अमरनाथ की यात्रा हर साल दो मार्गों से होती है. अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा और संकरा बालटाल मार्ग. यात्रा का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के संयुक्त सहयोग से किया जाता है.
51 शक्तिपीठों में शामिल है अमरनाथ मंदिर : अमरनाथ मंदिर को हिंदुओं के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है. इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों (वे स्थान जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे) में रखा गया है. साथ ही यह उस स्थान के रूप में भी वर्णित है जहां भगवान शिव ने देवी पार्वती को जीवन और अनंत काल का रहस्य सुनाया था. इस मंदिर का अधिकांश भाग सालों भर बर्फ से ढका रहता है.