न्यूज डेस्क: यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) और असम पुलिस के बीच इस बात को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है कि मानस बोरगोहेन वास्तव में एक पुलिस अधिकारी है या एक अंडरकवर जासूस हैं? इस मामले में उल्फा के वीडियो जारी करने के तुरंत बाद असम पुलिस ने भी अपनी सफाई में एक वीडियो जारी किया था. दरअसल, असम पुलिस ने रविवार को उल्फा (आई) के उस आरोप को खारिज कर दिया था जिसमें उल्फा के द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन में एक जासूस को भेजा था. असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने उल्फा के द्वारा जारी की गई वीडियो को पूरी तरह से झूठा बताते हुए खारिज कर दिया था और संगठन के किसी भी सदस्य के रूप में अपने कर्मियों की संलिप्तता से इनकार किया था.
वहीं, आज मंगलवार को कथित जासूस ने भी एक वीडियो जारी किया और दावा किया कि वह असम पुलिस की विशेष शाखा का एसआई था. जासूस मानस बोरगोहेन ने साफ कहा कि उसे विद्रोही संगठन के मोबाइल शिविर में जासूसी करने के लिए असम पुलिस ने ही कहा था. कथित जासूस मानस बोरगोहेन ने इस वीडियो संदेश के जरिए असम पुलिस पर कई विस्फोटक आरोप लगाए हैं. खासतौर पर मानस ने इस ताजा वीडियो में सनसनीखेज दावा किया है कि कई शीर्ष पुलिस अधिकारी इस पूरी योजना के मास्टरमाइंड हैं.
वीडियो में मानस ने कहा कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं. जिस तरह से मुझे भेजा गया, मेरी असली पहचान, जो कुछ भी मैं बता रहा हूं वह सच है. मैं स्पेशल ब्रांच का सब-इंस्पेक्टर हूं. मैं एक बार नहीं बल्कि एक बार कहूंगा हजार बार कहता हूं कि मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं. मैंने पुलिस में नियुक्ति के बाद अपने पिता को सूचित किया था. आप लोग बेलटोला में रॉयल एन्क्लेव फ्लैट पर जाएं और वहां क्या प्रशिक्षण होता है इसकी खबर लें. मानस चालिहा से पूछें, तृष्णा हांडिक से पूछें, जिन्होंने हमें प्रशिक्षित किया. मैं विनम्रतापूर्वक उन सभी से अनुरोध करता हूं जिन्होंने मेरे साथ प्रशिक्षण लिया, कावेरी, अंकिता, चयनिका, नुमल, ऋतुराज, आपने भी हमारे साथ प्रशिक्षण लिया, आप मुझे क्यों भूल गए? आप यह भी जानते हैं कि इस उल्फा विरोधी लड़ाई में हमारा कैसे उपयोग किया गया था.
कथित जासूस ने आगे कहा कि मानस चालिहा ने बार-बार ब्रेनवॉश किया. हमें उल्फा के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया. हमें प्रशासन ने लालच दिया था. मैं आपको और क्या सबूत दूंगा? मेरे मोबाइल नंबर के साथ कॉल डिटेल्स निकाल लें. मेरे ज्यादातर फोन कॉल पुलिस के पास थे. मेरा नंबर xxxxxxxx है. यह यह मेरा निजी मोबाइल नंबर है. मैं अपने साथियों से कहना चाहता हूं कि अब और गलती मत करना, मैंने बहुत सारी गलतियां की हैं. मैं जिस तरह से जीवित हूं, जिस तरह से मुझ पर अत्याचार किया गया है, उसके लिए असम प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है.
गौरतलब है कि उल्फा (आई) खेमे ने रविवार को एक वीडियो संदेश जारी किया था, जिसमें उसने असम पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया था कि असम पुलिस ने उसके शिविर में एक जासूस को छोड़ा है. जिसके बाद असम पुलिस ने रविवार को उल्फा (आई) के इस आरोप को खारिज कर दिया और संगठन के किसी भी सदस्य के रूप में अपने कर्मियों की संलिप्तता से इनकार किया.