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हाइकोर्ट ने मांगा बांके बिहारी मंदिर में जुटने वाली भीड़ का डेटा, अतिक्रमण पर कार्रवाई की जानकारी भी तलब की - ALLAHABAD HIGH COURT

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने अनंत शर्मा एवं अन्य की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया.

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जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया. (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 4, 2024, 10:15 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर में जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ का डेटा तलब किया है. साथ ही मंदिर जाने वाले मार्ग से अतिक्रमण हटाने से पहले और बाद की स्थिति की वीडियो बनाकर दिखाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से श्री कृष्ण जन्माष्ठमी, कार्तिक पूर्णिमा, हरियाली तीज और होली पर पिछले साल इकट्ठा हुई भीड़ का डेटा मांगा है. भीड़ को नियंत्रित करने के सुझाव के साथ राज्य को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने अनंत शर्मा एवं अन्य की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया.

मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि यूपी नगर निगम अधिनियम के तहत बिना नोटिस उन अतिक्रमण को तोड़ा गया है, जो नाली आदि पर थे. मंदिर की ओर जाने वाले विभिन्न मार्गों में चिह्नित 81 अतिक्रमण को तोड़ने के लिए कानून के अनुसार कार्यवाही चल रही है.

वहीं शयनभोग सेवा के मुख्य सेवाधिकारी के अशोक गोस्वामी के अधिवक्ता शशीशेखर मिश्र सहित अन्य प्रतिवादियों ने याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाया. उनकी दलील थी कि यह याचिका पोषणीय नहीं है. याचिका में बांके बिहारी मंदिर के आंतरिक प्रबंधन को व श्रद्धालुओं की सुरक्षा व पूजा-पाठ अधिकार राज्य को देने की प्रार्थना की गई है. न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तिथि नियत की है.

ये भी पढ़ें- कानपुर के PGI में खुलेगा प्रदेश का पहला एडवांस स्पाइन सेंटर, जीएसवीएम में रोबोट करेंगे सर्जरी

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर में जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ का डेटा तलब किया है. साथ ही मंदिर जाने वाले मार्ग से अतिक्रमण हटाने से पहले और बाद की स्थिति की वीडियो बनाकर दिखाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से श्री कृष्ण जन्माष्ठमी, कार्तिक पूर्णिमा, हरियाली तीज और होली पर पिछले साल इकट्ठा हुई भीड़ का डेटा मांगा है. भीड़ को नियंत्रित करने के सुझाव के साथ राज्य को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने अनंत शर्मा एवं अन्य की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया.

मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बुधवार को कोर्ट को बताया कि यूपी नगर निगम अधिनियम के तहत बिना नोटिस उन अतिक्रमण को तोड़ा गया है, जो नाली आदि पर थे. मंदिर की ओर जाने वाले विभिन्न मार्गों में चिह्नित 81 अतिक्रमण को तोड़ने के लिए कानून के अनुसार कार्यवाही चल रही है.

वहीं शयनभोग सेवा के मुख्य सेवाधिकारी के अशोक गोस्वामी के अधिवक्ता शशीशेखर मिश्र सहित अन्य प्रतिवादियों ने याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाया. उनकी दलील थी कि यह याचिका पोषणीय नहीं है. याचिका में बांके बिहारी मंदिर के आंतरिक प्रबंधन को व श्रद्धालुओं की सुरक्षा व पूजा-पाठ अधिकार राज्य को देने की प्रार्थना की गई है. न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तिथि नियत की है.

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